विनोद कुमार दवे 42 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विनोद कुमार दवे 11 Jan 2017 · 1 min read बेटी की विदाई • बेटी की विदाई बेटी जब-जब सपना देखे बाबुल का घर अपना देखे घर में जब भी अंधियारा था बेटी ने किया उजियारा था उस घर को ही छोड़ चली... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 987 Share विनोद कुमार दवे 7 Jan 2017 · 1 min read कितने अरमान दिल में छुपा लाया है कितने अरमान दिल में छुपा लाया हैं, कोई है शख़्स जो मेरा अपना साया है। ** ** उसकी कमसिन आँखों ने जब से कहा मुझे पागल, मेरा दिल-ओ-दिमाग बड़े शौक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 406 Share विनोद कुमार दवे 7 Jan 2017 · 1 min read तमन्ना~ए~ज़िन्दगी तुझ पर विश्वास तो पूरा था मेरी तमन्ना~ए~ज़िन्दगी जानता न था किस्मत भी दगा दे जाती है, तुम्हारे प्यार ने मुझे जीना सिखाया था दिल खोलकर मगर हाथो की लकीरें... Hindi · मुक्तक 294 Share विनोद कुमार दवे 7 Jan 2017 · 1 min read चली जा रही है, कली जा रही है जाने ये हालात हमें कहाँ ले चले, दो पल पास बैठो, ये दिल कुछ कहना चाहता है। फासला मिटा दो आज मेरे महबूब, ये शख़्स तुझमे डूबना चाहता है। बहुत... Hindi · गीत 487 Share विनोद कुमार दवे 7 Jan 2017 · 1 min read हमारी चाहत आई है। उन्हें कद्र ही नहीं हमारे प्यार की, जिनके नाम हमने ये जिंदगी कर दी कितने अरसे से उनके दीदार को तरसते रहे, बड़ी इज्जत से उन्होंने बेइज्जती कर दी। ***... Hindi · शेर 1 286 Share विनोद कुमार दवे 7 Jan 2017 · 1 min read हुस्न को गुरुर किस बात का है, हुस्न को गुरुर किस बात का है, ये चाँद भी बस रात का है। *** *** ये पतझड़ तो मौसम, अश्क़ों की बरसात का है। *** *** वो बरसों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 463 Share विनोद कुमार दवे 7 Jan 2017 · 1 min read हम खामोश है मगर तुम्हें भूल न पाते हैं हम खामोश है मगर तुम्हें भूल न पाते हैं दिल से सदा देकर तुम्हीं को तो बुलाते हैं। ** और तो क्या करें दुनिया के रिवाजों का, आओ मेरे यार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 460 Share विनोद कुमार दवे 7 Jan 2017 · 1 min read गुलशन-ए-इश्क़ ‘दवे’ ये ख़ार गुलशन-ए-इश्क़ के भी क्या ख़ार है, दिल चीर कर कहते हैं मुझे तुमसे प्यार है। **** **** ये वक़्त जरा मुस्कराने में गुजर जाए, रोने को सारी... Hindi · शेर 389 Share विनोद कुमार दवे 9 Nov 2016 · 1 min read हम तो हौसला रख के आए थे जिंदगी गंवाने का। ज्यादा जुनून नहीं था मुहब्बत में कुछ पाने का , हम तो हौसला रख के आए थे जिंदगी गंवाने का। करोगे तो जानोगे कि इश्क़ बला क्या है, इश्क़ कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 682 Share विनोद कुमार दवे 9 Nov 2016 · 1 min read उस लम्हा उस लम्हा काश हम थोड़ा ठहर गए होते, जब तेरे दिल में उतर जाना चाहते थे। ** हमने इतने इत्मीनान से उन्हें खो दिया, जितने होश से वो हमे पाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 394 Share विनोद कुमार दवे 9 Nov 2016 · 1 min read शायरी ये मौसम बदलता जा रहा है रंग अपना, और वो अपनी बात पर कायम है। सुबह आफ़ताब के आगोश में है, जिद्दी है अँधेरा, रात पर कायम है। *** ***... Hindi · शेर 731 Share विनोद कुमार दवे 9 Nov 2016 · 1 min read दुनिया का चाल-ओ-चलन देख लिया उस शख़्स की आँखों में बचपन भी था और जवानी भी, उसकी बातो में ख़ुशी के गीत थे और गम की कहानी भी, वो तितली के परों पर बैठ कर... Hindi · कविता 587 Share विनोद कुमार दवे 9 Nov 2016 · 1 min read मेरे क़त्ल की ख़बर मेरे क़त्ल की ख़बर किसी को पता क्यों नहीं, उनकी बेरुखी ने मुझे जिन्दा तो नही छोड़ा। **** **** जिस दीपक के उजियाले से तेरा चेहरा रोशन होगा, उस दीपक... Hindi · कविता 388 Share विनोद कुमार दवे 9 Nov 2016 · 1 min read नवरात्री बड़ी बड़ी बाते करने का, ये वक़्त नहीं है मेरे यारा, एक छोटा सा दिया जलाकर, दूर करो ये अँधियारा। साफ़ दिलों को करके दिल में ये अहसास जगाओ, कोई... Hindi · कविता 402 Share विनोद कुमार दवे 9 Nov 2016 · 1 min read रंग रंगों की दुनिया से एक खबर लाई है, ये नमकीन हवाएँ उसे छूकर आई है। गुलाल उसके हाथों में और गुलाबी दिखता है, मुझे तो हवाओं का मिजाज भी शराबी... Hindi · कविता 1 1 361 Share विनोद कुमार दवे 9 Nov 2016 · 1 min read रात की रंजिशें रात की रंजिशें मिटाकर तो देखो, आफताब दिलों में उगाकर तो देखो। सहर कोई जादूगरी,कोई बाजीगरी नही, अंधेरों का गला दबाकर तो देखो। मुश्किलें, दुश्वारियां तो रास्तों की शोभा है,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 273 Share विनोद कुमार दवे 5 Nov 2016 · 1 min read ख़िज़ां के रखवाले बाग में बहार आने नहीं देते ख़िज़ां के रखवाले बाग में बहार आने नहीं देते, मेरे गुलशन के ख़ार ताजी हवा लाने नहीं देते। वो एक नज़र देख लेते मेरे बिगड़े हालात को, तो बदलते मौसम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 366 Share विनोद कुमार दवे 25 Oct 2016 · 1 min read पागल मछली अब हमे यह फ़िक्र नहीं कि वो रूठ जाएगी , ये पागल मछली समन्दर से दूर कहाँ जाएगी। ** किनारों पे मछेरों के जाल पड़े हैं फैले हुए, फंस गई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 618 Share विनोद कुमार दवे 18 Oct 2016 · 1 min read शायरी- अँधेरा इतना तो दर्द लाज़िम है 'दवे'बेलौस जवानी में, बारिश हो अश्क़ों की हर प्रेम कहानी में। *** *** अँधेरा ख़ौफ़ज़दा है उजालों की आहट पाकर, कभी कभी चिराग़ भी जलते... Hindi · शेर 662 Share विनोद कुमार दवे 12 Oct 2016 · 1 min read ख़्वाब लिए जाता हूँ आज रुखसत होना है तेरी महफ़िल से, तोहफे में तुझे प्यार दिए जाता हूँ। मुझे नजराने में अपने आँसू दे दो, मैं तुम्हे अपनी याद दिए जाता हूँ। ये वक़्त... Hindi · कविता 346 Share विनोद कुमार दवे 10 Oct 2016 · 1 min read डर लगता है डर लगता है इन रातों से, इन रातों से डर लगता है, कब कौन कहाँ कैसे होगा, इन बातों से डर लगता है। पलकों के सपनो को अपने अश्कों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 489 Share विनोद कुमार दवे 7 Oct 2016 · 1 min read ये इंतजार दुनिया के अपने रिवाज ओ रवायतें है प्यार करने के, बस नफ़रत पर कोई पाबन्दी नहीं। *** *** बेहिसाब बिजलियों की लपटे अपने दामन में समेटे है, उसे छुआ भी... Hindi · शेर 296 Share विनोद कुमार दवे 3 Oct 2016 · 1 min read कौन उजाला लाएगा वतन को रिश्वतों के रिवाज़ में जकड़ बैठे है, कैसे ज़ाहिल लोग कुर्सियां पकड़ बैठे है। **** **** इस देश का ईमान बेईमान के हाथो में है, हर इक काम... Hindi · शेर 528 Share विनोद कुमार दवे 3 Oct 2016 · 1 min read किताब-ए-इश्क़ किताब-ए-इश्क़ के हर पन्ने पर एक ही ख़ुशबू थी, इबादत-इ-इश्क़ का कभी नूर नहीं जाता। हवा उड़ा तो देती है सूखे हुए पत्तों को, शज़र कभी जड़ो से दूर नहीं... Hindi · मुक्तक 393 Share विनोद कुमार दवे 2 Oct 2016 · 1 min read घाव नाम लिखते है मिटाते है, अपने ही नाम से अपना दिल बहलाते है, उसका नाम समाया है मेरे नाम में, इसी बहाने खुद को उसकी याद दिलाते है। *** ***... Hindi · शेर 430 Share विनोद कुमार दवे 1 Oct 2016 · 1 min read वतन उस वक़्त का इन्तजार है जब वतन में खुशहाली होगी, पतझर हो या सावन, हर मौसम हरियाली होगी, न दिन में तपन होगी,न रात काली होगी, हर दिन होली हर... Hindi · कविता 585 Share विनोद कुमार दवे 1 Oct 2016 · 1 min read बारिशें वो बारिशें अब कहाँ मयस्सर हैं, जिनमें नादान शरारतें होती थी। छतरी की छांव तले भी, भीगने की कवायदें होती थी। सर्दी जुकाम की परवाह किसे थी, जब बादलों से... Hindi · कविता 749 Share विनोद कुमार दवे 30 Sep 2016 · 1 min read पानी कभी किसी की आँखों से बरसा है, कभी आसमान से पानी। ज़रा संभाल कर रखना, मिट न जाए इस जहां से पानी। मोती इसकी आगोश में पलते है, इसके दम... Hindi · कविता 848 Share विनोद कुमार दवे 29 Sep 2016 · 1 min read टूट कर टूट कर बिखरना तो आइनों की फितरत है मेरे यार, बस तुम्हारी दुआओं की कशिश मुझे बिखरने नहीं देती। कब तक ये टुकड़े इस सीने के सहेज कर रखूँ, मौत... Hindi · मुक्तक 472 Share विनोद कुमार दवे 28 Sep 2016 · 1 min read शायरी फूल देखकर जिसकी याद आती थी, आज न जाने क्यों वो शख़्स कांटो सा लगता है। **** **** जिन पलों का जिंदगी भर इन्तजार करते रहे, वो पलकों पर ठहरे... Hindi · शेर 1 917 Share विनोद कुमार दवे 27 Sep 2016 · 1 min read उनकी पायल में कितने सावन बरसे होंगे एक ही पल में, जब घुंघरू खनका होगा उनकी पायल में, अरमानों के बादल में कोई आग लगाने आ जाए, हंसने की किसको चाहत है,वो मुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 464 Share विनोद कुमार दवे 24 Sep 2016 · 1 min read उसे गुरूर है उसे गुरूर है अपने चेहरे की मासूमियत पर उसने मेरी आँखों की गहराई नहीं देखी। **** **** जिनका हर इक आंसू मैंने मोती की तरह संभाल रखा था, उनसे गुजारिश... Hindi · शेर 810 Share विनोद कुमार दवे 24 Sep 2016 · 1 min read यादों की गठरी उन्हें याद नहीं आती हमारी, गुरुर में, वो खोये है जाने किस सुरूर में। जिस वक़्त के लम्हात ने हमको रुलाया है, उस वक़्त का झोंका तेरी गली में आया... Hindi · कविता 654 Share विनोद कुमार दवे 23 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल इतनी कोशिशों के बाद भी तुम्हें कहाँ भूल पाते है दीवारों से बचते है तो दरवाजे टकराते है। कौन रुलाए कौन हँसाए मुझको इस तन्हाई में ख़ुद के आंसू हाथों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 697 Share विनोद कुमार दवे 21 Sep 2016 · 1 min read इश्क़ का अंज़ाम आँखों में समन्दर और लबों पर तिश्नगी है, जैसी भी है यार, बड़ी हसीं जिंदगी है। **** **** एक एक पत्ता गिरेगा इस शाख से, जल्द ही शज़र शर्माना बन्द... Hindi · शेर 526 Share विनोद कुमार दवे 17 Sep 2016 · 1 min read श्रद्धान्जलि मशहूर गायक जगजीत सिंहजी एवम् महान अभिनेता राजेश खन्नाजी के निधन पर श्रद्धांजलि स्वरुप लिखी गई मेरी कुछ पंक्तियाँ- आज जाने क्यों ग़ज़ल उदास है, मुहब्बत कहीं तन्हाईयों में सिसक... Hindi · कविता 696 Share विनोद कुमार दवे 13 Sep 2016 · 1 min read उन्हें इश्क़ है हमसे उसका कुछ नही बिगड़ा 'दवे' तेरी नाराजगी देख कर भी, मेरे आंसुओं का क़र्ज़ न उतारा गया, और वो हंस कर नहीं बोली मुझसे आज एक बार, मैं दिन में... Hindi · शेर 509 Share विनोद कुमार दवे 11 Sep 2016 · 1 min read लौट कर आओगी गुजर जाती है हर शाम उस वक्त को याद कर के, जो वक्त हसीं तो नहीं मगर अपना हुआ करता था, तुझे खोकर भी इतनी ही शिद्दत से याद है... Hindi · कविता 2 612 Share विनोद कुमार दवे 9 Sep 2016 · 1 min read अजीब से हालात हैं अजीब से हालात है मेरी जिंदगी के,,, दिन ढलता भी नहीं और रात होती हैं.. मुस्कुराना काफी नहीं है इस महफ़िल में, यहां तो आंसुओ के जरिये बात होती है..... Hindi · शेर 556 Share विनोद कुमार दवे 7 Sep 2016 · 1 min read उस बेवफ़ा की तरह ये वक़्त भी गुजर गया बातोँ बातोँ मेँ,,,,,,,,, दुरियाँ बदल न सकी मुलाकातो मेँ,,,,,,,,, बिजलियोँ को छूने की तमन्ना सी जगी हैँ.......... यहाँ सिर्फ धुआँ हैँ तो आग कहाँ लगी... Hindi · शेर 2 558 Share विनोद कुमार दवे 4 Sep 2016 · 1 min read वृद्धाश्रम में माँ बाप ने मन्नतो का ढ़ेर लगाया होगा तब कहीं जाकर घर का चिराग पाया होगा तेरी सलामती खातिर दुआ अर्ज़ करने कई मंदिरों मस्जिदों मजारो पे शीश नवाया होगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 582 Share विनोद कुमार दवे 3 Sep 2016 · 1 min read खुद्दारी चुप रहकर भले ही तुमन सत्ता से यारी रखते हो, लेकिन अपने दिल से पूछो,क्या खुद्दारी रखते हो। जफ़ा ये सहकर तुमने शायद कोई खजाना पाया है, शायद इन जंजीरो... Hindi · कविता 1 1 694 Share