विजय कुमार नामदेव Tag: कविता 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विजय कुमार नामदेव 9 Mar 2023 · 1 min read शक्कर की माटी बस पानी के रेला हम, बहते पानी के रेला हम शक्कर की माटी में जन्मे फिर भी करय करेला हम। सुख खाते सुविधाएं पीते झूठी शान में तन कर जीते... Hindi · Poem · कविता · गीत 292 Share विजय कुमार नामदेव 9 Mar 2023 · 1 min read जिये हम अन्धेरों में जिये पर, रोशनी बनकर जिये फैशनेबल शहर में भी, सादगी बनकर जिये। तंगहाली में कटे या मौज मस्ती से भरी हो आदमी जबतक जिये, बस आदमी बनकर... Hindi · कविता 301 Share विजय कुमार नामदेव 2 Feb 2021 · 1 min read तुम्हारा अभिनन्दन है मैं तुमको पाने भाग रहा, जीवन की आपाधापी में।। तुम अब आई हो प्रिये, तुम्हारा अभिनंदन है।। जाने कितनी व्यथा समेटे, जंगल सहरा छान दिए। जो नफरत के लायक ना... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 45 416 Share विजय कुमार नामदेव 21 Dec 2020 · 1 min read प्रेमगीत कोरोना संकटकाल निकल जाए तो। तुमको जीभर प्यार करूँगा।। अभी तो छूने में भी डर है, मन में कोरोना का घर है। बीतेगा तो पुनः मिलेंगे, बुरा समय तो ये पलभर... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 16 22 550 Share विजय कुमार नामदेव 28 Apr 2019 · 1 min read उलझन किसकी किससे जात बड़ी छोटा मुँह और बात बड़ी * * मेरे छोटे से दामन में देना मत शौगात बड़ी * * जो रहते दिल के करीब वो ही करते... Hindi · कविता 384 Share विजय कुमार नामदेव 8 Nov 2018 · 1 min read मेरी अनपढ़ माँ मेरी अनपढ़ माँ जिसे नहीं पता शब्दों के अर्थ लोभ-लालच, छल-कपट उसके लिए सब हैं व्यर्थ जोड़-घटाना, गुणा-भाग कर उसने कभी नहीं जोड़ा मूलधन में ब्याज उसका प्रेम निस्वार्थ ही... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 27 596 Share विजय कुमार नामदेव 20 Jun 2018 · 1 min read चाहा तो है मैं किसके सपने बुन-बुन कर खुद को धन्य समझ बैठा था। पता चला है आज वो मुझसे, बचपन से बैठा ऐंठा था। मैं अभिमानी, ओ!अज्ञानी किसको जीवन समझ लिया था।... Hindi · कविता 508 Share विजय कुमार नामदेव 6 Jan 2018 · 1 min read फिर भी तन्हा रात अचानक /ख्बाब में आकर मुझे जगा कहने लगीं तुम याद है ये सुबह /ऐसे ही पंछी ये दरख्त /सबके सब मायूस हैं ये बिन तुम्हारे और /मैं भी होठों... Hindi · कविता 581 Share विजय कुमार नामदेव 13 Dec 2017 · 1 min read अहसास प्रेम अहसास है अहसान नही प्यार शब्द नही अहसास है, विश्वास है अहसास ये कि तुम मेरी हो विश्वास ये कि तुम सिर्फ मेरी हो राधा कृष्ण प्रेम के पर्याय... Hindi · कविता 460 Share विजय कुमार नामदेव 5 Nov 2017 · 1 min read बेटी मजदूर की सुबह ब्रह्ममुहूर्त में पानी लाती है चाय कलेवा बना साफ सफाई चौका बर्तन झाड़ू पौछा फिर क्या करती होगी मुझे पता नही, पर जब शाम को जब मैं लौटता हूँ... Hindi · कविता 663 Share विजय कुमार नामदेव 8 Aug 2017 · 1 min read मेरी तुम मेरी तुम .................... संग तुम्हारा गीत सा, ज्यों स्वर के संग ताल।। पहले सब बेरंग था, अब जीवन खुशहाल।। गीत सदा गाते रहो, सुख सपनों के आप। भूले से भी... Hindi · कविता 581 Share विजय कुमार नामदेव 19 Mar 2017 · 1 min read गधा परेशान है छेड़ते हुये जो मुझे, मेरा एक छात्र बोला... सर जी सुना है आप, बड़े विद्यवान हैँ... बाई बतियाती घरे, कक्का बतियाती घर.., पुरा भर के कहते हैँ कि, आप तो... Hindi · कविता 1 642 Share विजय कुमार नामदेव 2 Feb 2017 · 1 min read तू जो कह दे बेशर्म की कलम से मैं तेरे प्यार की कीमत भी चुका सकता हूँ। तू जो कह दे तो मैं तुझको भी भुला सकता हूँ। मैंने माना कि तूने जाग जाग... Hindi · कविता 446 Share विजय कुमार नामदेव 13 Jan 2017 · 1 min read बेशरम दिल ही है बेशर्म या दिलदार बेशरम। करना नही है प्यार का व्यापार बेशरम।। लड़ने पे है अमादा तो लड़ता नही क्योकर। क्यों डर के भाग जाता है हर बार... Hindi · कविता 1 881 Share विजय कुमार नामदेव 12 Jan 2017 · 1 min read बेटी है तो घर, घर है गर घर में बेटी है बेटी है तो खेल हैं,खिलौने हैं मीठी-सी बोली है ढेर सारे सपने हैं हँसी है, ठिठोली है बेटी है तो गुड्डे हैं,... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 8k Share