वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" Language: Hindi 28 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 3 Jul 2019 · 1 min read तुम्हारी याद भीगी सी, तुम्हारी याद भीगी सी, मुझे सोने नहीं देतीं शहद जैसी ये मीठी भी, कैरियों सी है खट्टी भी, कभी अल्हड़ किशोरों सी, समझदारी की पट्टी भी गुदगुदाती हैं अक्सर ये... Hindi · गीत 1 506 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 6 Aug 2018 · 1 min read मेरी सहेलियाँ प्यारी सी सहेलियाँ बड़ी ही सुंदर बड़ी ही न्यारी ठीक वैसे कि जैसे होतीं, खूबसूरत सी तितलियां, हँसी सरस् है निर्झर जैसी पर झगड़े में भी पीछे ना हों कड़ाके... Hindi · कविता 1 315 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 24 Feb 2018 · 1 min read इस होली पर चुनरी लाना सुनो, मुझे फर्क नहीं पड़ता, कि लोग क्या कहेंगे, तुम तो ले ही आना, इस होली पर, अपने प्रेम रंग रंगी, चटक सी चुनरी, जिसे ओढ़कर, थोड़ा सुकून पा जाऊँ,... Hindi · कविता 1 289 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 21 Jan 2018 · 1 min read हे ज्ञानेश्वरी माँ हे ज्ञानेश्वरी मैया मेरे हृदय विराजो माँ, तुम शुभ्र वस्त्र धारिणी,तेरी हंस सवारी माँ, है धवल रूप तेरा सबसे ही न्यारा माँ, तुम कलुष हारिणी हो,गति यति लय में माँ,... Hindi · गीत 1 581 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read वैधव्य वैधव्य का अर्थ , सिर्फ एक जीवन का अंत नहीं, वैधव्य बताता है कैसे धकेला जाता है, जीवन को मृत्यु की ओर, कैसे बदला जाता है , चमचमाती कांच की... Hindi · कविता 419 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read ये कैसे डर के साये में जी रही हैं बेटियां -ये कैसे डर के साए में जी रही हैं बेटियां यूँ तो सौभाग्य से आती हैं बेटियाँ, कहते हैं किस्मत साथ लाती हैं बेटियाँ। किस्मत बदकिस्मती में बदलने लगी है... Hindi · कविता 477 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read मैं श्रृंगार न लिख पाऊँगी मैं श्रृंगार न लिख पाऊँगी मैं श्रृंगार न लिख पाऊँगी, प्रिय मेरा पथ कंटक है, पथरीला भी भयंकर है, उर में तेरे गुंजित होने, मैं झंकार न लिख पाऊँगी, मुझको... Hindi · कविता 233 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read संस्कारों की घुट्टी बचपन से ही, पिलाई गयी थी घुट्टी, संस्कारों के नाम की, एक अच्छी लड़की , विकसित हो सके मुझमें, भले ही खुद को भूल जाऊँ मैं, मेरी रक्त वाहिनियों में... Hindi · कविता 535 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read पाषाण प्रारब्ध राम क्या तुम वापस आओगे, देख रही हूँ तुम्हारा रास्ता , पाषाण बन कर अब भी, जड़ हो चुकी हूँ फिर से, क्या चैतन्य कर पाओगे, झुलस गया है मेरा... Hindi · कविता 569 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read पतंग क्या अर्थ तुम्हारी छटपटाहट का, नहीं कर पाओगे कैद मुझे, विचरण करूंगी नील गगन में, उन्मुक्त अपने पंखों के दम पर, ईश्वर ने दिए हैं पंख मुझे, और ऊंची परवाज़... Hindi · कविता 594 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read कभी करुणा कभी निर्भया कभी करुणा,कभी निर्भया, कभी सोनाली कभी दामिनी बन, हर बार आती हो, एक नया रूप धारण कर, दिखाने आइना, हमारी विकृत सोच का, इंसान से हैवान तक का, सफ़र तय... Hindi · कविता 433 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read तुम साथ दोगे अगर ......................... चलो ले चलूँ, अपने शब्दों को, सकारात्मकता की ओर, तुम साथ दो अगर, चल पड़ेंगीं कविताएँ भी, अमावस से पूनम की तरफ, तुम साथ होंगे अगर, तो अधिकार मेरा... Hindi · कविता 407 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read जितनी बाहर चहल पहल है जितनी बाहर चहल पहल है, उतना भीतर एकाकी मन, रिश्तों से जब दर्द ही मिलता, खुद में सिमटे बैरागी मन। उम्मीदों का बढ़ते जाना, कष्ट सदा ही देता है, तुमने... Hindi · कविता 1 250 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read कुछ बात तो है मेरे भी मन में कुछ बात तो है मेरे भी मन में, पर उमड़-घुमड़कर लौट जाती है वापस, जैसे हवा बहा ले जाती है, काली बदली को बिन बरसाये, बहुत पसंद है मुझे अनगढ़... Hindi · कविता 461 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read उस माँ का लाल अब लौटेगा नहीं ए भोर मुझे दे दे थोड़ी सी उजास, बाँट दू वहाँ जहाँ सिर्फ अँधेरे बसते हैं, कि अँधेरे से उपजी सिसकियाँ डराती हैं बहुत, थोड़ी सी चमक और कौमुदी दे... Hindi · कविता 221 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read मेरा तुमसे नाता इतना 5-मेरा तुमसे नाता (The bond between us) मेरा तुमसे नाता इतना, मैं गागर हूँ तुम हो पानी, मैं मरूथल की रेत सी तपती, तुम मेघों से लगते शीतल, मैं आँखों... Hindi · कविता 481 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read चलकर देखो साथ प्रिये -है संकोची मेरा मन , ( My heart hesitates) तुमसे कुछ ना कह पाये, प्रिय समझो तुम व्याकुलता, दृग प्यासे ना रह जाएं। अधरों पर मुस्कान रखे , प्रिय बस... Hindi · कविता 687 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read सुनो राम अनुज सुनो राम अनुज , अब मत खींचो लक्ष्मण रेखा, मेरे चारों ओर, सीता भी नहीं रह पायीं, सुरक्षित इस रेखा से, मैं कैसे रह पाऊंगी, मत बांधो मेरे पैर, जंजीर... Hindi · कविता 258 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read मैं सीता नहीं बनूंगी सीता नहीं बनूंगी हां ये तय है, मैं सीता नहीं बनूंगी, राम को मन में धारूंगी, पर अग्नि परीक्षा में, चरित्र का प्रमाण देने, स्वयं को होम नहीं करूंगी, हां... Hindi · कविता 2 1 564 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read क्यों न करती मैं जीवन अर्पण क्यों न करती मैं जीवन अर्पण (Why shouldn't I devote my life) भर लो अपने अंक में , उतर जाओ प्राण में भी, तुम ही मेरी स्वांस हो, तुम ही... Hindi · गीत 503 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read अंश ब्रह्म का जीव में जैसे 2-अंश ब्रह्म का जीव में जैसे (A part of god in a soul) तुम सरसों के पीले फूलों से, खिल जाते हो शरद ऋतु में, तुम सूरज की किरण सुनहली,... Hindi · कविता 282 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read भूख जो नहीं मिटा पाता पेट की भूख, भूख मिटा देती है उसको, भूख और जीवन की लड़ाई में, कई बार ऐसा होता है, जीत जाती है भूख हार जाता है... Hindi · कविता 417 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read करो मित्रता कृष्ण द्रोपदी सी बनो तुम मित्र बेशक, मित्रता से नहीं परहेज मुझे, जोड़ो एक नेह का बंधन, करो मित्रता कृष्ण द्रोपती सी, साझा करेंगे हम अपने विचार, सीखेंगे और सिखाएंगे, मैं तुम्हें धीरज... Hindi · कविता 784 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read बेटियाँ हैं पराई दोहराया गया कितने नाजों से बेटी को पाला गया, प्रेम से सींचा और संभाला गया। लो आ गयी निष्ठुर विदाई की घडी, गले मिलके कितना रुलाया गया। आँख भर आयी मेरी तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 370 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read गुरुत्वाकर्षण गुरुत्वाकर्षण नियम कहता है, चीजें गिरने के बाद जमीन पर आती हैं, यह नियम लागू नहीं होता, आज के दौर के इंसानों पर, क्योंकि आज का मानव, जितना गिरता है... Hindi · कविता 619 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read जल बचपन में पढ़ा था जल भिगोता है, शीतलता देता है, जल का अर्थ अब कुछ भिन्न सा, नहीं दिखता जल अब नदियों में, सूखे तालाब पोखर और मन के गागर... Hindi · कविता 229 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read उमड़े घुमड़े क्या मेरे अन्तस् 1उमड़े घुमड़े क्या मेरे अन्तस् उमड़े घुमड़े क्या मेरे अन्तस, मैं कुछ भी समझ न पाऊं, कौन हिलोरें लेता मुझ में, कौन शांत सा हो जाता है, कोई वेदना अवचेतन... Hindi · कविता 383 Share वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 22 Dec 2017 · 1 min read इमरोज मैं भी चाहती हूँ, तुम इमरोज़ बनो, मेरे लिये, मैं अम्रता नहीं बनूंगी पर, कभी नहीं उकेरा जाएगा, तुम्हारी पीठ पर, किसी साहिर का नाम, तुम मेरे इमरोज़ हो, या... Hindi · कविता 367 Share