वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" Tag: ग़ज़ल/गीतिका 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid वर्षा श्रीवास्तव"अनीद्या" 25 Dec 2017 · 1 min read बेटियाँ हैं पराई दोहराया गया कितने नाजों से बेटी को पाला गया, प्रेम से सींचा और संभाला गया। लो आ गयी निष्ठुर विदाई की घडी, गले मिलके कितना रुलाया गया। आँख भर आयी मेरी तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 371 Share