Vindhya Prakash Mishra Tag: Quote Writer 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vindhya Prakash Mishra 28 Apr 2024 · 1 min read पढो वरना अनपढ कहलाओगे पढो वरना अनपढ कहलाओगे लिखो वरना निरक्षर समझे जाओगे। बोलो वरना गूंगे बतलाए जाओगे। सोचो वरना बुद्धिहीन हो। दिखो वरना दुबले महीन हो।। विन्ध्य प्रकाश मिश्र 'विप्र' Quote Writer 2 34 Share Vindhya Prakash Mishra 27 Apr 2024 · 1 min read कीमत क्या है पैमाना बता रहा है, कीमत क्या है पैमाना बता रहा है, पीने का नुकसान मैखाना बता रहा है जानता नही मेरी अच्छाइयों को पर हमारी कमी जमाना बता रहा है। विन्ध्य प्रकाश मिश्र 'विप्र' Quote Writer 2 37 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Apr 2024 · 1 min read मै अकेला न था राह था साथ मे मै अकेला न था राह था साथ मे मै तो हारा न था कुछ मिला हाथ मे । जो श्रमित हो मिला वो तो मोती सदृश पर इच्छित मिला बात... Quote Writer 1 28 Share Vindhya Prakash Mishra 24 Apr 2024 · 1 min read नींद आज नाराज हो गई, नींद आज नाराज हो गई, नही आ रही रातों मे, किसने समझाया है इसको किसकी आ गई बातों मे, @विन्ध्य Quote Writer 1 33 Share Vindhya Prakash Mishra 23 Apr 2024 · 1 min read बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान । बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान । सेवा त्याग समर्पण के पूरे हैं प्रतिमान। शैव वैष्णव के भेद मिटाने वाले हैं राम दूत अतुलित बल शील है हनुमान ।... Quote Writer 44 Share Vindhya Prakash Mishra 23 Apr 2024 · 1 min read दूर अब न रहो पास आया करो, दूर अब न रहो पास आया करो, फूल बनकर कभी मुस्कुराया करो जो हवाएं महकती चली आ रही संदेशा उसी से पठाया करो। दूर अब न रहो पास आया करो।... Quote Writer 1 29 Share Vindhya Prakash Mishra 21 Apr 2024 · 1 min read घाव मरहम से छिपाए जाते है, घाव मरहम से छिपाए जाते है, कभी नही सबको दिखलाए जाते है। खुले अगर तो संक्रमण तय है। और घाव बढने का भी तो भय है। मक्खी केवल घाव खोजकर... Quote Writer 1 33 Share Vindhya Prakash Mishra 24 Nov 2023 · 1 min read कुछ चूहे थे मस्त बडे कुछ चूहे थे मस्त बडे दो पैरों पर रहे खड़े, कुतर कुतर कर खाते है झूम झूम कर गाते है, कुछ चूहे थे मस्त बडे खा जाते है दही बडे... Quote Writer 3 271 Share Vindhya Prakash Mishra 15 Nov 2023 · 1 min read समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है, समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है, नफरत की बीज बोई है प्यारा कौन बनता है। तपन दुख की पडी सिर पर फुहारा कौन बनता है। बडी हसरत से पाला... Quote Writer 199 Share Vindhya Prakash Mishra 15 Nov 2023 · 1 min read कुछ लोग रिश्ते में व्यवसायी होते हैं, कुछ लोग रिश्ते में व्यवसायी होते हैं, वो तो हर रिश्ते को नफा नुकसान से नाप तौल करते हैं। vindhya Quote Writer 2 165 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Nov 2023 · 1 min read करवा चौथ@) करवा चौथ@) पति से खूब प्रीति बढै निशदिन इस हेतु ही व्रत ये धारति हैं । दीर्घ जीवी बनें नित सुहाग रहे ये प्रेम की दीपक बारति है। पति ही... Quote Writer 1 84 Share Vindhya Prakash Mishra 24 Oct 2023 · 1 min read कितना ज्ञान भरा हो अंदर कितना ज्ञान भरा हो अंदर कितनी होवे शक्ति अपार कितनी सेना पीछे चलती कितना होवे स्वर्ण भंडार । कितनी जीत मिली हो जग मे कितना फैला हो साम्राज्य एक बात... Quote Writer 2 185 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Mar 2023 · 1 min read रंग मे रंगोली मे गीत मे बोली रंग मे रंगोली मे गीत मे बोली हंसी मे ठिठोली मे भांग की गोली मे राग मे फाग मे गांव गली हर भाग मे ढोल की बोली मे नव युवको... Quote Writer 1 303 Share Vindhya Prakash Mishra 22 Feb 2023 · 1 min read कोशिश कम न थी मुझे गिराने की, कोशिश कम न थी मुझे गिराने की, आदत न थी हार जाने की, लोगों को पहचानने का हुनर मुझे आता है उसकी आदत है नकाब लगाने की विन्ध्य प्रकाश मिश्र... Quote Writer 1 394 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Feb 2023 · 1 min read रिश्ते रिसते रिसते रिस गए। रिश्ते रिसते रिसते रिस गए। दूर तक नजर नही आते कुछ पुराने हो गए कुछ घिस गए। ऋष को सबकुछ समझने लगे इसलिए सब रिस गए। । विन्ध्य Quote Writer 3 270 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Feb 2023 · 1 min read बुझी राख बुझी राख मेरा नाम दिनभर लेता है फिर भी मुझे भुलाना चाहता है। बुझी राख है जिसमें प्यार की आग जलाना चाहता है। दर्द सहता छिपाता है, मुस्कुराता है चुपके... Quote Writer 1 366 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Feb 2023 · 1 min read कोयल कूके कोयल कूके भंवरे गुंजे बहती पवन सुहानी सुबह की बात निराली Quote Writer 1 303 Share