Vindhya Prakash Mishra Tag: लेख 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vindhya Prakash Mishra 10 Aug 2020 · 2 min read सुविचारो का बोझ व्यंग्य- सुविचारों का बोझ यह कहने या सुनने में अजीब लगता है कि सुविचार बोझ कैसे हो सकता है पर जिस चीज की उपयोगिता न हो और उसे ढोना पड़े... Hindi · लेख 4 313 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Jun 2020 · 1 min read आत्महत्या क्यों? आत्महत्या क्यों? सुशांत सिंह राजपूत के आत्म हत्या की चौकाने वाली खबर आयी । आत्म हत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है । प्रायः लोग गरीबी के कारण तनाव में... Hindi · लेख 1 4 467 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Nov 2019 · 2 min read सहिष्णुता भारत के रग रग में सहिष्णुता भारत के रग रग में- चार वर्ष पूर्व यह शब्द बडी तेजी से उछला आखिर भारत इतना असहिष्णु(इंटोलरेंश) हो गया है । यह पूणतः काल्पनिक मनगढंत तथा बुद्धिजीवी वर्ग... Hindi · लेख 1 309 Share Vindhya Prakash Mishra 5 Aug 2019 · 2 min read गुड़िया क्यों पीटी जाती है । गुडिया क्यों पीटी जाती है- विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र की कलम से- भारतीय संस्कृति संस्कार में कन्या पूजनीय होती हैं पर यह गुड़िया पीटने की परम्परा आश्चर्य करती हैं ।वह... Hindi · लेख 2 875 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Apr 2018 · 2 min read #सेल्फी # शौक या मनोविकार अगर आप सेल्फी के शौकीन हैं तो पढ़ें मेरा लेख - नारसीसिज्म जिसका अर्थ है आत्म प्रेम- हम इस शब्द की चर्चा क्यों कर रहे हैं । मनोवैज्ञानिक रूप से... Hindi · लेख 2 406 Share Vindhya Prakash Mishra 27 Nov 2017 · 2 min read जागरूक मतदाता भारत का भाग्यविधाता- --राजनीति का गिरता स्तर- - अब राजनीति केवल शब्दों के फेर में फंसकर रह गई । कोई बुआ बबुआ पप्पू शहजादा शहंशाह साम्प्रदायिक आदि जुमलो से गुमराह किया जाता है!... Hindi · लेख 1 477 Share Vindhya Prakash Mishra 25 Nov 2017 · 1 min read बन जाऊँ अच्छा इंसान मन से तन से शुचि पावन हो मांग रहा माँ यह वरदान बनना नहीं बडा मुझको बस केवल मुझमे हो कुछ ज्ञान सही गलत का भेद भी जानू ऐसी मेधा... Hindi · लेख 1 506 Share Vindhya Prakash Mishra 21 Aug 2017 · 2 min read भ्रमित होता युवा आज युवा पीढ़ी की बात की जानी अधिक प्रासंगिक हो गयी है । पर जब भी आज के युवा पर हमारी निगाह जाती है ।कही तेज गाडी दौडाते हुए ।गाने... Hindi · लेख 669 Share Vindhya Prakash Mishra 19 Aug 2017 · 2 min read चिंतन की दिशा चिंतन की दिशा । हम सब मानव प्राणी जितने सामाजिक माने जाते हैं उतने ही विचारशील भी। सोचते तो सभी है पर क्या सोचना है कैसे सोचना है यह हम... Hindi · लेख 719 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Aug 2017 · 2 min read "बच्चे को बच्चा ही समझे" किसी ने सच कहा है "बच्चों को बच्चा ही समझे" बडो जैसी अपेक्षाए पालना उनकी कोमलता के साथ निरर्थक ज्यादती ही होगी। शिक्षा के निजीकरण के कारण दिखावेपन की होड... Hindi · लेख 703 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Aug 2017 · 1 min read क्या गरीबी वंशानुक्रम से आती रहेगी क्या विडम्बना है जो हाथ लोगो को कमाकर देते हैं ।वही दूसरो की तरफ हाथ फैलाते है। जो व्यक्ति श्रमकर पोषण की व्यवस्था करता है उसके बच्चों को भूखो सोना... Hindi · लेख 426 Share