Vindhya Prakash Mishra Tag: बाल कविता 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vindhya Prakash Mishra 6 Jun 2018 · 1 min read गुब्बारे मुझे प्यारे हैं । (आज की प्रस्तुति) बाल कविता गुब्बारा --------------------------------- गुब्बारे मुझे प्यारे हैं, रंग बिरंगे छोटे मोटे, कुछ लम्बे कुछ पंक्षी जैसे आसमान में तारे हैं । गुब्बारे मुझे प्यारे हैं ।... Hindi · कविता · बाल कविता 3 1 455 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Dec 2019 · 1 min read चुहिया चुहिया करती है मनमानी, बड़ी मूॅछ है दो दो चार, इसके कई काम बेकार । बिल्ली को देखें छिप जाती लुका छिपी का खेल खिलाती कोई वस्तु बचने न पाए,... Hindi · कविता · बाल कविता 3 530 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Jul 2020 · 1 min read चंदा मामा चंदा मामा दूर रहे हो ऊपर से ही घूर रहे हो। मुँह मटका चिढाते हो दिखते कभी छिप जाते हो। चमक चांदनी साथ में लाते इसलिए ओषधिपति कहलाते। कभी मिलने... Hindi · कविता · बाल कविता 3 1 433 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Nov 2022 · 1 min read बाल दिवस पर विशेष बचपन के दिन की यादें प्यारी सी तोतली बातें नही चाह थी न परवाह खुशी भरी थी दिन व रातें। आगे की परवाह न थी न पछतातें बीती बातें मस्त... Hindi · बाल कविता 3 800 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Apr 2019 · 1 min read बिल्ली मौसी बड़ी सयानी *बाल कविता*- बिल्ली मौसी बड़ी सयानी, दिन भर करती है शैतानी। चूहे पर है राज चलाती, आंख दिखाकर उसे डराती। चूहे देख बिल में छिप जाते, सभी मित्रों को समझाते।... Hindi · कविता · बाल कविता 2 569 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Apr 2019 · 1 min read उडी पतंग बाल कविता ---------------------------- उडती नभ में लाल पतंग, जुड़े हैं धागे उसके संग। खींच रहे जब नीचे डोर, उडती है वह नभ की ओर। उछल रहे हैं संगी साथी लूट... Hindi · कविता · बाल कविता 2 462 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Jun 2019 · 1 min read चूहे राजा चूहे राजा मस्त बड़े, दो पैरो रहे खड़े । छोटा मुख पर है शैतान खडे दिखे है दोनो कान। कुतर कुतर कर दाने खाते, बिल्ली देख बिल में घुस जाते... Hindi · कविता · बाल कविता 2 378 Share Vindhya Prakash Mishra 31 Jul 2019 · 1 min read पुस्तक मेरी सखी सहेली बाल कविता ( पुस्तक) हरी रंगीली काली पीली नयी किताबे रंग रंगीली अगली कक्षा मे हम पहुंचे तब मिलती है नयी नवेली कितनी प्यारी दोस्त हमारी पुस्तक मेरी सखी सहेली... Hindi · कविता · बाल कविता 2 1k Share Vindhya Prakash Mishra 25 May 2020 · 1 min read घड़ी घड़ी-(बाल कविता) दिनभर चलती रात न थकती सुई नही सुस्ताती है सही समय बतलाती है । टिक टिक की आवाज लगाती कब क्या करना हमें बताती। सुबह हमें सताती है... Hindi · कविता · बाल कविता 1 2 291 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Jun 2020 · 1 min read रेलगाड़ी का खेल (बचपन) ----------------------------- लम्बी टेढ़ी मेढी रेल आओ हम मिलकर खेले खेल। जुडकर हम सब डिब्बा बन जाएं आज रेल का खेल खिलाएं। मुँह से छुक छुक की आवाज मजे करेंगे मिलकर... Hindi · कविता · बाल कविता 1 2 259 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Apr 2020 · 1 min read पतंग बाल कविता बाल कविता ---------------------------- उडती नभ में लाल पतंग, जुड़े हैं धागे उसके संग। खींच रहे जब नीचे डोर, उडती है वह नभ की ओर। उछल रहे हैं संगी साथी लूट... Hindi · कविता · बाल कविता 2 1k Share