Umesh Pansari Tag: कविता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Umesh Pansari 1 May 2021 · 1 min read विस्मृति विस्मृति सुनहरी सजीली भोर, सुहानी नहीं आई, तरुणों में उत्साह की, रवानी नहीं आई। नवयुवक को नभ देख रहा है आशा से, जिंदगी चलने लगी, जिंदगानी नहीं आई।। लिखनी तुम्हें... Hindi · कविता 2 352 Share Umesh Pansari 14 Nov 2018 · 1 min read बाल दिवस विशेष .... बचपन में वो गिल्ली डंडा, पढ़ने में वो ज़ीरो - अंडा, खेल - खेल में मिट्टी खाना, माँ - पापा को रोज़ सताना, याद है ना, वो बचपन का फ़साना... Hindi · कविता · बाल कविता 1 4 271 Share Umesh Pansari 8 Oct 2018 · 1 min read बारिश में वो लड़की..... घनघोर घटा सावन की थी, जब बूँद-बूँद था जल बरसा, एक छाता लेकर बारिश में, मैं सड़कों पर था जा निकला, बारिश से बचती सड़कों पर, एक लड़की थी भाग... Hindi · कविता 753 Share Umesh Pansari 27 Mar 2018 · 1 min read समाज के दर्पण में नारी भारत जैसे लोकतंत्र में आजादी को दबा डाला, जाति धर्म का भेद बता कर हिंसा को क्यों बढ़ा डाला । देश की बिटिया आज राह में डर कर ही तो... Hindi · कविता · बाल कविता 1 720 Share