शेखर खागड़ी 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शेखर खागड़ी 29 Mar 2020 · 1 min read ? *मैंने-तूने:-निर्दोष लूटेरे* ? ? *मैंने-तूने:-निर्दोष लूटेरे* ? मेरे पास माचिस था-मेरे पास पेट्रोल था। मैंने तो आग लगाई! तेरे पास बाल्टी था-तेरे पास पानी था। तूने आग क्यों नही बुझाई? मेरे पास झूठ... Hindi · कविता 2 2 577 Share शेखर खागड़ी 23 Feb 2020 · 1 min read ?? अब थक सा गया शाहीनबाग ?? ?? *अब थक सा गया शाहीनबाग* ?? देशविरोधी जुबान से, उगलते-उगलते जहरीला राग, अब थक सा गया शाहीनबाग । भड़के दंगे,हर कोशिश की, लगाकर जगह-जगह आग, अब थक सा गया... Hindi · कविता 2 2 838 Share शेखर खागड़ी 18 Dec 2018 · 1 min read मेरे मीत *मेरे मीत* मेरे हमनवा मुझसे रूठे हुए हैं, पता नही क्यूँ वो मुझसे टूटे हुए हैं। जब भी ख्यालात आते हैं उनके, लगता है सितारा-ए-ख्वाब टूटे हुए हैं । थे... Hindi · कविता 2 752 Share शेखर खागड़ी 16 Dec 2018 · 1 min read तुम और मैं तुम थे कहीं या तुम थे यहीं, भूला नही मैं,जब तुम थे वहीं, तुम तराशे गए,मैं बिखरता गया, पर मैं था जहाँ, आज भी हूँ वहीं । तुम तटों पर... Hindi · कविता 2 772 Share शेखर खागड़ी 13 Sep 2018 · 5 min read पांच बोतल पांच बोतल ????? "Belated Teachers Day" राजस्थान के रेगिस्तान में पांच बोतलें बैठकर आपस में गपशप कर रहे थे उनमें से एक अखबार पढ़ रहा था कि अचानक एक खबर... Hindi · लघु कथा 2 468 Share शेखर खागड़ी 12 Sep 2018 · 1 min read मासूम जिन्दगी ??॥ मासूम जिन्दगी ॥?? सोचता हूँ कब से जिन्दगी को खुली किताब बनाऊं, जो अर्द्धलिखित मुड़े पन्ने है उसे सामने तो लाऊं । जब थरथराते हाथ से संभाला था कलम... Hindi · कविता 2 558 Share शेखर खागड़ी 29 Jul 2018 · 3 min read डायरी v/s जीवन ************डायरी V/S जीवन********** आप जीवन के दिनचर्या का डायरी के साथ एक प्रयोग कर सकते हैं। आप एक डायरी लिजिए और अपने दैनिक कार्यों/कर्मों को तिथिवार अपने सबसे बेहतरिन लिखावट... Hindi · लेख 3 539 Share शेखर खागड़ी 29 Jul 2018 · 1 min read माँ जीवन के उलझे डोरों को जब तुम ना समेट पाओ, तब डोर के एक छोर को मां को थमा देना। दुख के उठते बवंडर को जब तुम ना समेट पाओ,... Hindi · दोहा 2 591 Share शेखर खागड़ी 29 Jul 2018 · 1 min read यूँ ही ....... यूं ही........ यह एक ख्वाब हैं , जो वर्षों से दबी हैं, खोलने की कोशिश करूं तो आंसू आ जाते हैं। समय नही हैं कि यकीन दिलाउं तुम्हें, ये वही... Hindi · कविता 1 568 Share शेखर खागड़ी 29 Jul 2018 · 1 min read ये शहर ???? ? ये शहर ?⚘⚘⚘⚘ ये शहर हैं कि यहाँ सवेरा नही होता, सूरज तो ढलता है पर अंधेरा नही होता। हवा हैं,पानी हैं पर वो ताजगी नही है, ओस... Hindi · कविता 1 480 Share शेखर खागड़ी 3 May 2017 · 1 min read मन की पीड़ा .......... मन कि पीड़ा......... कितनी दूरियां बड़ चुकी है.... एक छोटे से सफर में.. अभी तो मंजिलों कि लालिमा ही दिखा है..... पर ऐसा लगता है कि सूर्य थककर ढल... Hindi · कविता 2 2 1k Share शेखर खागड़ी 3 May 2017 · 1 min read प्यार की अधूरी सुगबुगाहट ..."प्यार की अधूरी सुगबुगाहट"... ? तुम आए थे कि एक बड़ी उम्मीद जगी थी. उड़ेलना शुरू कर दिया था मैने, अब तक जमे तरूण प्यार की गाढ़ी शहद को. अभी... Hindi · कविता 1 686 Share