Suyash Sahu 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Suyash Sahu 16 Jul 2017 · 1 min read ग़ज़ल हर सच की ये सच्चाई है आगे कुआं तो पीछे खाई है कैसे चीरा दिल पहाड़ का राह उसने खूब बनाई है अब नहीं हूँ मैं तनहा यारों मेरे साथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 267 Share Suyash Sahu 11 Jul 2017 · 1 min read ग़ज़ल हर शय का इस तरह एहतिमाम होता है गूंगों से पूछ कर यहां काम होता है साबित है घर किसका हंगामा-ए-शहर से चोर-सिपाही में अब दुआ-सलाम होता है इश्क़ में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 309 Share Suyash Sahu 12 May 2017 · 1 min read ग़ज़ल सुहानी शाम का मंज़र मगर तुम नहीं आये मेरा साया था हमसफ़र मगर तुम नहीं आये कहीं गा रहा था कोई नग़मे जुदाई के दिल में उठ रही थी लहर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 244 Share Suyash Sahu 12 May 2017 · 1 min read ग़ज़ल यही मिला है मुझे उसके प्यार में बिखर गया हूँ मैं अपने हिसार में किसी दिन रसोई में लग जाएंगे ताले क्या नहीं मिलता अब दोस्तों बाज़ार में ग़ुरूर मुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 220 Share Suyash Sahu 2 May 2017 · 1 min read मुक्तक ज़ुबानी जंग नहीं अब अंदाज़ बदलना होगा हम परिंदों को अपना परवाज़ बदलना होगा आस्तीन के साँपों को ज़रूरी है अब कुचलना सरहदों की खातिर हमें आवाज़ बदलना होगा *********************************... Hindi · मुक्तक 337 Share Suyash Sahu 29 Apr 2017 · 1 min read ग़ज़ल कोई साज़ है न सुरूर है ये सज़ा किसे मंज़ूर है कुछ पास है कुछ दूर है प्यार कितना मजबूर है रात पकाएगी अब रोटी चांदनी का तंदूर है बर्तन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 450 Share Suyash Sahu 27 Apr 2017 · 1 min read ग़ज़ल कितना प्यारा मंज़र है मैं हूँ , चाक समंदर है आँखों से वो ग़ायब क्यों धरती के जो अन्दर है उसके धन की चर्चा इतना जैसे कोई समंदर है अभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 467 Share Suyash Sahu 26 Apr 2017 · 1 min read ग़ज़ल कोई एक नहीं सारा निज़ाम है सवालों में वफ़ा खड़ी है बरहना अवाम के दलालों में सब को मिलेगी रोटी फिर उसके बाद रोज़ी तस्कीन वो देता है अक्सर हमें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share Suyash Sahu 26 Apr 2017 · 1 min read ग़ज़ल चलो आज हम कुछ ऐसा करते हैं हाथ उनको दें जो यूँ ही डरते हैं मंज़िल तक जाना है ज़रूरी क्या सफर के लिए भी तो सफर करते हैं कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 464 Share