सुनीता महेन्द्रू Language: Hindi 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सुनीता महेन्द्रू 21 Jan 2024 · 2 min read पधारो मेरे राम बन्ना, पधारो सा…. पधारो मेरे राम बन्ना, पधारो सा…. अभिनंदन करती अवथ नगरी, कौसलेय का, मान रखा कौशल्या सुत राम ने, प्राण जाए पर वचन ना जाए, माँ कैकयी की ममता की रखी... Hindi 1 145 Share सुनीता महेन्द्रू 23 Oct 2022 · 2 min read माँ शारदा' ए चाँद! पूजे तुझे करवा चौथ पर हर सुहागन, करे तुझसे अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना…. सजी रही उसके माथे की बिंदिया, चूड़ियों की खनखन से महकती रहे... Hindi 2 1 207 Share सुनीता महेन्द्रू 2 Jun 2022 · 1 min read पापा मेरे पापा ॥ पापा शब्द नही मेरे पास बयां करने को, आप के लिए, सारी खुशियाँ मिल सके मुझे, इसी कोशिश मे लगे रहते हो आप, देख कर विश्वास मुझपर, करीब पाती हूँ... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 8 5 985 Share सुनीता महेन्द्रू 8 Jun 2021 · 1 min read सावन की पहली बूँद कुंज-वीथियों, उपवनों मे चारों ओर था सन्नाटा, उदासीन थे समस्त तरुणगण से लेकर खेत-खाहिलन तक, राह देख रहे थे सावन की पहली बूँद की, प्यासी थी धरती माँ, बिलख रहे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 17 26 1k Share सुनीता महेन्द्रू 18 Feb 2021 · 1 min read प्यार का बंधन ! क्या है? प्यार का बंधन ! खुशी और गम का होता संगम जहाँ, खूबसूरती से बनता आशिया जहाँ, खुशियों के दामन में छलकता रहे सांझ जहाँ……. क्या है? प्यार का... Hindi · कविता 2 536 Share सुनीता महेन्द्रू 5 Feb 2021 · 1 min read क्या यही प्यार है....… क्या यही प्यार है...... करूं किसे बयां !!! उन खतों को या वो लम्हें…… मिले कुछ खत मोहब्बत के आज, मिल गए लम्हें मोहब्बत के ,तेरे मेरे आशियाना के, जब... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 24 53 1k Share सुनीता महेन्द्रू 8 Jun 2020 · 2 min read घोर कलयुग क्या यही है शुरुआत घोर कलयुग की? हैवानियत की हदें हो रही पार, कैसे है हम जिन्दा मानवता की हत्या के युग में ? लांघ चुका है मनुष्य अपने नैतिक... Hindi · कविता 6 3 637 Share सुनीता महेन्द्रू 20 Dec 2019 · 1 min read गणपति बाप्पा…… गणपति बाप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया, देवों में देव हमारे, दुःख संताप मिटाते हमारे, तुम हो हमारे हरिद्र गणाध्यक्ष ।। पार्वती का लाडला बालगणपति, भोलेनाथ का रुद्रप्रिय, लाज रखी इस... Hindi · कविता 2 2 530 Share सुनीता महेन्द्रू 5 Jan 2018 · 1 min read उफ!! ये परीक्षाएँ निकली जब स्कूल के लिये, गाड़ियों का शोर, समुद्री लहरें- हवा की भीनी-भीनी खुशबू, सभी मन ही मन मुस्कुरा रहे थे, बोल उठे……..उफ!! ये परीक्षाएँ सामने थी टीचर जी,हाथों में... Hindi · कविता 1 698 Share सुनीता महेन्द्रू 10 Feb 2017 · 1 min read माँ, तुम्हीं तो हो माँ, तुम्हीं तो हो.... माँ, तुम्हीं तो हो नींव परिवार की, तुम्हारें बिना अधूरी है,जिंदगी सभी की । माँ, साधारण- सा वाक्य भी अधूरा बिना क्रिया के, मैं भी असहाय... Hindi · कविता 3 4 397 Share सुनीता महेन्द्रू 13 Jan 2017 · 1 min read नन्ही परी!!! नन्ही परी!!! ‘माँ मुझे बचा लो,माँ!! पर किसी ने न सुनी उसकी, फिर से एक भ्रूण हत्या, क्या दोष था उस नन्ही परी का, उसने तो कदम भी ना रखा... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 3k Share सुनीता महेन्द्रू 13 Jan 2017 · 1 min read नन्ही परी!!! नन्ही परी!!! ‘माँ मुझे बचा लो,माँ!! पर किसी ने न सुनी उसकी, फिर से एक भ्रूण हत्या, क्या दोष था उस नन्ही परी का, उसने तो कदम भी ना रखा... Hindi · कविता 2 890 Share