डॉ सुलक्षणा अहलावत Language: Hindi 129 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Oct 2016 · 1 min read बंध सात फेरों के बंधन में बंध सात फेरों के बंधन में, प्रिये तुम आई जीवन में, अब तुम्हें कैसे छोड़ दूं बेसहारा। सात जन्मों का रिश्ता अपना, नहीं है कोई झूठा ये सपना, अब तुमसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 398 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Oct 2016 · 1 min read क्या कहूँ मैं शब्द नहीं हैं मेरे पास व्यथा व्यक्त करने को क्या कहूँ मैं शब्द नहीं हैं मेरे पास व्यथा व्यक्त करने को, जिसे जन्म देकर पाला पोसा वो ही छोड़ गया मरने को। नौ महीने गर्भ में रखा उसे, रही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 355 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 11 Oct 2016 · 1 min read पूछ रहा है रावण कब तक मुझे ही जलाते रहोगे पूछ रहा है रावण कब तक मुझे ही जलाते रहोगे, कब तक अपने दोषों को तुम यूँ ही छिपाते रहोगे। मैंने कौनसा ऐसा गुनाह किया था जो जलाते हो, कब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 484 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 11 Oct 2016 · 1 min read अपने अंदर बसे रावण को जलाते हैं चलो इस बार कुछ ऐसा दशहरा मनाते हैं, बस अपने अंदर बसे रावण को जलाते हैं। अहंकार ही थी उसकी सबसे बड़ी बुराई, चलो इस अहंकार को जलाकर आते हैं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 478 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 11 Oct 2016 · 1 min read अंतर्मन में एक शोर मचा हुआ है अंतर्मन में एक शोर मचा हुआ है, स्वार्थ का शिकंजा कसा हुआ है। दास्ताँ अधूरी रह जाती हैं आज, वासना में मन ये जकड़ा हुआ है। देखो रिश्ते नाते सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 557 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 7 Oct 2016 · 1 min read दो वक़्त की रोटी आगे सच कहूँ, मुझे कहाँ फुर्सत मैं किसी और के बारे में सोचूँ, साहब मुझे दो वक़्त की रोटी के आगे कुछ सूझता ही नहीं। इन हाथों से अपने बड़े बड़े... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 405 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 6 Oct 2016 · 1 min read बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना कुछ बैठे दिखेंगे तुम्हें सड़क किनारे, कुछ मिलेंगे तुम्हें रेहड़ी लगाये बेचारे, बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना। इससे चंद खुशियाँ उन्हें भी मिल जाएँगी, दिल की मुरझाई कलियां खिल... Hindi · कविता 1 1 526 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 6 Oct 2016 · 1 min read दिल चीर के दिल चीर कै धर दिया फेर बी ऐतबार कोण्या, मन्नै पहल्यां शक था साचा तेरा प्यार कोण्या। भूल ग्या मेरे आगै पाछै चक्कर काट्या करदा, एक ब मेरी बात सुन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 483 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 5 Oct 2016 · 1 min read सबूत मांगने वालों को मिल ही गया मुंह तोड़ जवाब सबूत मांगने वालों को मिल ही गया मुँह तोड़ जवाब, देखो पीओके वालों ने खुद ही दे दिया सारा हिसाब। जो दोगले नेता सेना पर भी उठा रहे थे सवाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 288 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 4 Oct 2016 · 1 min read दर्द एक फौजन का चिंता नै घेर लेई पिया जी मेरी या काया। तीन रोज होयै सजन तेरा फ़ोन ना आया।। चौबीस घँटे रह नहीं सकता बात करै बिना। फ़ोन प ऐ हँसी मजाक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 449 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 4 Oct 2016 · 1 min read जै बेरा होता अंजाम (हरियाणवी) जै बेरा होता अंजाम मन्नै तो मोहब्बत ना करती, एक एक पल म्ह मैं सौ सौ बार हरगज ना मरती। अनजान बनी रहती तेरे तै सारी उम्र दुनिया म्ह, पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 402 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 2 Oct 2016 · 1 min read नैनों से दर्द का सावन बरसता रहा नैनों से दर्द का सावन बरसता रहा। दिल उससे मिलने को तरसता रहा। उसका दिया हर जख्म हँस के सहा, देकर दर्द बेपनाह मुझे वो हंसता रहा। बनकर अजनबी गुजरता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 343 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 29 Sep 2016 · 1 min read वीर जवानों ने कमाल कर दिया वीर जवानों ने कमाल कर दिया। एलओसी पार धमाल कर दिया। आंतकियों के ना-पाक खून से, पाकिस्तान को लाल कर दिया। चुप्पी को कमजोरी समझ बैठा, हल उसका ये सवाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 478 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 29 Sep 2016 · 1 min read यादों के चिराग दुनिया की नजरों से दूर दिल में बसाये रखा, तेरी यादों के चिरागों को मैंने जलाये रखा। पहली मुलाकात वो मीठी बात, भूले से नहीं भूलता दिल। मिलता तेरा साथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 303 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 26 Sep 2016 · 1 min read मेरा क्या कसूर मैं आपसे पूछना चाहती हूँ मेरा कसूर क्या है। आपकी दुनिया का ये अजीब दस्तूर क्या है। आप नहीं पसंद करते हो मुझे तो जन्म क्यों देते हो? जिंदगी भर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 643 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 25 Sep 2016 · 1 min read कलम से क्रांति अब कलम से क्रांति लानी है। सोई हुई जनता जगानी है। बहुत सह लिया जुल्म ओ सितम, सिर के ऊपर से जा लिया पानी है। अब हर अत्याचारी के खिलाफ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 537 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 24 Sep 2016 · 1 min read तड़प जुदाई की दिल से निकली बद्दुआ कर असर गयी, मैं ना चाहते हुए भी टूटकर बिखर गयी। तुमने कोशिश नहीं की दर्द जानने की, कौन सी बात इतना मजबूर कर गयी। तुमसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 416 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 24 Sep 2016 · 1 min read गरीबी का मजाक (रिम्स घटना पर रचना) क तुम यूँ मेरी गरीबी का मजाक मत उड़ाओ, परमपिता परमात्मा के खेल बड़े निराले हैं। इतिहास पढ़ना फुर्सत में सच जान जाओगे, रंक से राजा और राजा से रंक... Hindi · कविता 465 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 23 Sep 2016 · 1 min read उलझनें दिल की मेरे दिल की उलझनें कम नहीं हो रही हैं। ये मेरी आँखें नहीं ये मेरी वफ़ाएँ रो रही हैं। सोचा था हर निशानी उस बेवफा की जला दूंगी मैं। चाहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 519 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 22 Sep 2016 · 1 min read शराब मत पीना कोय दारु ना पियो भाइयों या स घणी खोटी। छुड़वा दे स या दारु भाइयों मानस की रोटी।। शुरू शुरू म्ह शौकियां पीवैं फेर होज्यां आदि। इस दारु के कारण... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 452 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 22 Sep 2016 · 1 min read हाइकू एक प्रयास हाइकू का 1. दिल की बात कह ना सके हम मिला ना साथ **************************** 2. तड़पे हम मिलन नहीं हुआ निकला दम ***************************** 3. जनाजा मेरा डोली उसकी... Hindi · हाइकु 1 1 541 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 21 Sep 2016 · 1 min read कलह साची कहँ सँ बड़े बूढ़े कलह हो स काल का वासा। घरबार उजड़ै खुद का अर दुनिया का होज्या हाँसा।। जिस घर म्ह रहवै रोज क्लेश वो घर, घर ना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 269 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 21 Sep 2016 · 1 min read आंतकवाद पर राजनीति बोहत होया इब बंद करनी होगी या वोटां की राजनीति। लोग दिखावा हों सँ ये जो बिठाई जावैं सँ जाँच समिति।। विपक्ष म्ह बैठ कै सारै करैं आड़े बात मरण... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 369 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 19 Sep 2016 · 1 min read प्रभु का नाम लिया कर लिया कर तू नाम उस प्रभु का लिया कर, तेरे सारै संकट कट ज्यांगे ध्यान चरणां म्ह दिया कर। एक उस प्रभु का नाम साचा इस जगत म्ह,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 347 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 19 Sep 2016 · 1 min read भगवान बिकने लगे टीवी पर घोर कलजुग आग्या ईब तो भगवान बी बिकें सं। किते लछमी किते हनुमान टीवी प बिकते दिखे सं। लोगाँ नै सब त बढ़िया धंधा यु बना लिया स आज, एक... Hindi · कविता 258 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 16 Sep 2016 · 1 min read गणपति विसर्जन या धर्म का उपहास कैसा यह त्यौहार हुआ, हिन्दू खुद शर्मसार हुआ। खंडित हुई सारी मूर्तियाँ, आस्था पर ये प्रहार हुआ। कोसते थे औरों को हम, पर हिन्दू खुद लाचार हुआ। बड़े चाव से... Hindi · कविता 3 451 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 15 Sep 2016 · 1 min read दिल की बात मैं कहूँ तुम सुनते रहो तुम कहो मैं सुनती रहूँ प्यार के दो मीठे अल्फाज तुम मुझे देखतो रहो बस मैं तुम्हें देखती रहूँ छोड़ दुनिया की शर्म ओ लाज... Hindi · कविता 1 279 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 14 Sep 2016 · 1 min read हिंदी मातृ भाषा हिंदुस्तान वतन है मेरा और हिंदी मेरी मातृ भाषा, गुणगान करें सब हिंदी का बस यही है अभिलाषा। जन जन को आपस में जोड़े रखती है सरलता से, दिलों में... Hindi · कविता 310 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Sep 2016 · 2 min read दर्द बेटी का हाये प्रभु क्यों मुझे लड़की बना आपने भेजा इस पापी संसार में। जहाँ लोग गूंगे बहरे बने रहते हैं इज्जत लूट ली जाती भरे बाजार में। जन्म से लेकर बुढ़ापे... Hindi · कविता 742 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Sep 2016 · 1 min read नारी ईंट पत्थर गारा तै बणै मकान नै घर बनावै स वा, फेर बखेर कै प्रेम की खुशबु घर नै महकावै स वा। जन्म लेवे किते, बसे किते या हे कर्मा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 552 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Sep 2016 · 1 min read आपकी गली से आपकी गली से गुजरता हूँ आपका दीदार करने के लिए। देख कर आपको अंदर ही अंदर ठंडी आहें भरने के लिए। और कुछ नहीं मांगता मैं उस खुदा से अपनी... Hindi · कविता 300 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 7 Sep 2016 · 1 min read शिक्षा चैन से कैसे सोऊँ मैं, मुझे शिक्षा की अलख जगानी है, मेरे देश में जड़ जमा चुकी हर बुराई दूर मैंने भगानी है। शिक्षा से ही बदलाव संभव है, शिक्षा... Hindi · कविता 2 584 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 5 Sep 2016 · 1 min read शिक्षक ::::::::::::::::::::::::::::::शिक्षक:::::::::::::::::::::::::::::: वो शिक्षक ही होता है जो हमें बोलना सिखाता है। जो ऊँगली पकड़ कर हमारी हमें चलना सिखाता है। वो शिक्षक ही होता है जो हाथ पकड़ कर लिखना... Hindi · कविता 524 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 30 Aug 2016 · 1 min read जिंदगी तपते रेगिस्तान के रेत सी हो गयी है जिंदगी। दुनिया की दिए गमों में खो गयी है जिंदगी। दुनिया की भीड़ से हटकर पहचान बनानी थी, सच की चाह में... Hindi · कविता 536 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 30 Aug 2016 · 1 min read कौन हूँ मैं कौन हूँ मैं लाडली बेटी के रूप में मेरी माँ ने जनी। मैं किसी की बहन तो किसी की पोती बनी। समय के साथ साथ मैं बढ़ती गयी। पाबंदियां मुझ... Hindi · कविता 1 383 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 30 Aug 2016 · 1 min read बुढ़ापे के जवान जज्बात ऐ दोस्त! उम्र मेरी साठ साल पार हो गयी पर दिल मेरा जवां रहा, आँखों पर चश्मा जरूर चढ़ा पर हाल ऐ दिल आँखों से बयां रहा। वक़्त के साथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 313 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 30 Aug 2016 · 1 min read सच की हालत आज सच पराजित होने की कगार पर खड़ा है। पर सच है कि झूठ को हराने की जिद्द पर अड़ा है। झूठ की चालों का तोड़ नहीं है आज सच... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 385 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 30 Aug 2016 · 1 min read भाईचारा क्यूँ बावले होरे सो समझ ल्यो दुश्मना की चाल र। आपस कै म्हा लड़ण की थम कर दयो नै टाल र।। पहल्याँ लड़ायै धर्म के नाम प इब लड़ावैं जात... Hindi · गीत 573 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 28 Aug 2016 · 1 min read नजरें माँ मैं आज के बाद घर से बाहर नहीं जाऊँगी, कारण मत पूछना मुझसे मैं बता नहीं पाऊँगी। फिर भी तुम सुनना ही चाहती हो तो सुनो माँ, आज अपना... Hindi · कविता 1 2 692 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 27 Aug 2016 · 1 min read इंसानियत की लाश कँधे पर उसके पत्नी की नहीं इंसानियत की लाश थी, एम्बुलेंस नहीं मिली, चुकाने को नहीं कीमत पास थी। जब से सुनी मैंने ये खबर रोटी मेरे गले से नहीं... Hindi · कविता 1 607 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 26 Aug 2016 · 1 min read जाल बिछाये बैठे हैं लोग यहाँ अपने चेहरों पर मुखोटे लगाये बैठे हैं लोग। दूसरों को फंसाने को जाल बिछाये बैठे हैं लोग। कोई मरता मर जाये उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, मरे हुओं पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 321 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 24 Aug 2016 · 1 min read जेनयू बलात्कार कांड पर कविता जेनयू में बलात्कार हुआ, हां सही सुना जी बलात्कार हुआ, पर क्या बलात्कार पर कहीं शोर शराबा या हाहाकार हुआ। दया शंकर के ब्यान पर दहाड़ने वाले शेर छिप गए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 812 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 23 Aug 2016 · 1 min read दोषी कौन? नेता या जनता मैं नेता हूँ एक राजनेता इसीलिए बहुत बदनाम हूँ मैं। मुँह पर तुम जैसों से सुनता प्रशंसा सुबह शाम हूँ मैं। पीठ पीछे तुम जैसे मुझे गाली देते हैं देते... Hindi · कविता 513 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 19 Aug 2016 · 1 min read रच दिया इतिहास रच दिया इतिहास तन्नै, अमर होग्या यू नाम तेरा। दिल तै करूँ सूं तन्नै, कर लिए कबूल सलाम मेरा। दुनिया नै देख्या जी जान तै खेल्या तन्नै मैच फाइनल, पहला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 496 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 17 Aug 2016 · 1 min read राखी बखत की मार म्हारै इस त्यौहार प बी पड़ी स, भाभी नणंद नै ना बुलाण की जिद्द प अड़ी स। बोली तेरी बाहण नै बुलावांगे तो खर्चा होवैगा, मेरे घरां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 284 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 16 Aug 2016 · 1 min read कड़वी सच्चाई लिखूँगी गरीब की आह लिखूँगी, अमीर की चाह लिखूँगी, आम जनता के लिये राजनेता हैं बेपरवाह लिखूँगी। गरीब का दर्द लिखूँगी, वासना में डूबा मर्द लिखूँगी, मर्यादा छोड़ दी औरत ने,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 363 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 16 Aug 2016 · 1 min read माँ भारती का दर्द रे चन्द्रशेखर तेरी माँ भारती कुण म्ह पड़ी टसकै स। खुल कै रो बी ना सकदी वा भीतर ऐ भीतर सुबकै स।। हर रोज करै घा माँ की छाती म्ह... Hindi · गीत 576 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 15 Aug 2016 · 1 min read ऐसी आज़ादी से गुलामी अच्छी थी कित के आज़ाद होये हाम चैन सुख म्हारा खोग्या। दो टुकड़े होये भारत माता के न्यू जुल्म घना होग्या।। इसी आज़ादी त हाम सौ गुणा गुलाम भले थे। रोज के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 396 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 15 Aug 2016 · 1 min read अभी तो गुलाम हैं हम किस आज़ादी की बात करते हो तुम अभी तो गुलाम हैं हम, जयचन्दों के कारण नहीं अपने खुद के कारण बदनाम हैं हम। हमने इंसानियत को मार दिया, संस्कारों का... Hindi · कविता 2 289 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 14 Aug 2016 · 1 min read तड़प ऐ दोस्त! गुजरा ज़माना आज फिर से याद आ गया। गुलदस्ता उसकी यादों का तन बदन को महका गया। सब कुछ भूल गया मानो वक़्त कुछ पल को ठहर गया,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 536 Share Previous Page 2 Next