डॉ सुलक्षणा अहलावत Tag: ग़ज़ल/गीतिका 58 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Aug 2016 · 1 min read दर्दे दिल कफ़न सिरहाने रखा है, पर मौत आती नहीं है। लाख कोशिशें कर ली, दिल से वो जाती नहीं है। दर्दे दिल किसे दिखाऊँ, मेरा कोई साथी नहीं है। इसका इलाज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 537 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 11 Aug 2016 · 1 min read खुशियों का भंडार अपना परिवार सभी खुशियों की चाबी मनुष्य का अपना परिवार है। कोई दुःख छु भी नहीं सकता यदि आपस में प्यार है। बताओ दूसरों में अपनों को खोजते ही क्यों हो तुम,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 504 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 10 Aug 2016 · 1 min read मृत्यु के बाद मौत होते ऐ आदमी की आड़े सब किमै ऐ बदल जावै स, जिसकै काँधे प थी जिम्मेदारी वो हे बोझ नजर आवै स। चारपाई प तै फटदे सी तलै लुटां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 467 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 10 Aug 2016 · 1 min read वेश्या दिन में उसकी गली बदनाम रहती है, रात को रहती है आबाद, देकर चंद खुशियाँ दूसरों को अपनी जिंदगी कर रही है बर्बाद। दूसरों के तन की भूख मिटाती है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 546 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 7 Aug 2016 · 1 min read आज की यारी (हरियाणवी) आड़े कौन किसका दोस्त स, सब मतलब के ऐ यार सं, यारी दोस्ती के नाम प लोग करैं आजकाल व्यापार सं। जब ताहीं गरज रहवै आड़े एक थाली म्ह लोग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 584 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 7 Aug 2016 · 1 min read दहेज की आग ज्वालामुखी सी सुलगती रहती है ये दहेज की आग, हमने कानून बना दिए हैं सरकार अलापे यही राग। पर दहेज की आग का दर्द एक पिता ही जानता है, बेटी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 786 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 7 Aug 2016 · 1 min read मजदूर दुनिया में जो शख्स सबसे ज्यादा मजबूर है, ऐ दोस्त! वो शख्स और कोई नहीं मजदूर है। मजदूर की बदौलत खड़ी है फैक्ट्री दुनिया में, पर देखो फैक्ट्री वाला बना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 354 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 6 Aug 2016 · 1 min read सिसकता बचपन इन सड़कों पर सिसकता बचपन देखा मैंने, फटे कपड़ों से झांकता तन बदन देखा मैंने। अपनी छोटी सी इच्छाओं को मन में दबाकर, झूठी मुस्कान बिखेरता मायूस मन देखा मैंने।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 544 Share Previous Page 2