डॉ सुलक्षणा अहलावत Tag: ग़ज़ल/गीतिका 58 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ सुलक्षणा अहलावत 14 Oct 2018 · 1 min read कोई उम्मीद नहीं रही देख तेरे तेवर अब कोई उम्मीद नहीं रही, सच कहूं आज से मैं तेरी मुरीद नहीं रही। पहले लड़ लेती थी मैं जमाने से तेरे लिए, लेकिन अब वो पहले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 740 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 10 Dec 2016 · 1 min read दिल से नहीं निकलता जो वो ख्याल हो तुम दिल से नहीं निकलता जो वो ख्याल हो तुम, उस खुदा की रचनाओं में बेमिसाल हो तुम। तुम्हें पाने की ख्वाहिश दिल में लिए हुए हैं, समझ ना सके वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 773 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 2 Dec 2016 · 1 min read इंतजार मेरी सुबहों को तेरी शामों का इंतजार रहता है, मेरे टूटे हुए दिल में बस तेरा ही प्यार रहता है। मेरी आँखों से तेरे दिए दर्द का दरिया बहता है,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 417 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 28 Nov 2016 · 1 min read दास्ताँ ऐ मोहब्बत दिल के दरवाजे पर नजरों से दस्तक दी थी कभी, दबे पैर आकर मेरी जिंदगी में आहट की थी कभी। कोरा कागज था जीवन मेरा तुमसे मिलने से पहले, कोरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 764 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 28 Nov 2016 · 1 min read दास्ताँ ऐ दर्द मिलना कभी तुम फुर्सत में हाल ऐ दिल बताएंगे, जख्म अपने दिल के उस रोज तुम्हें हम दिखाएंगे। सीने में अपने दर्द का ज्वालामुखी दबा कर बैठे हैं, कराह उठोगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 995 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 20 Nov 2016 · 1 min read यादों का कोहरा यादों के कोहरे ने ढ़क लिया बेवफाई का आसमान, मुझसे ही दगा कर रहा है देखो ये मेरा दिल बेईमान। आज भी धड़कनें तेज़ हो जाती हैं तेरे नाम से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 486 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 11 Nov 2016 · 1 min read यादों को उनकी दिल से मिटाने चली हूँ फिर से मोहब्बत की बस्ती बसाने चली हूँ, यादों को उनकी दिल से मिटाने चली हूँ। जब अकेली थी तब बड़ी खुश रहती थी, अब फिर से वो ही जिंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 476 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 7 Nov 2016 · 1 min read माटी स यू चाम बावले तज दे नै काम बावले, माटी स यू चाम बावले, एक दिन पछतावैगा, ना टैम उल्टा आवैगा, हो ज्यागा बदनाम बावले। काम के वश म्ह हो कै मान मर्यादा भुला,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 536 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 2 Nov 2016 · 1 min read आंतकियों के इस एनकाउंटर पर देखो मचा है बवाल आंतकियों के इस एनकाउंटर पर देखो मचा है बवाल, जिसे देखो उठा रहा है वो इस एनकाउंटर पर सवाल। कोई बता रहा है इसे फर्जी, कोई कह रहा है इसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 388 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 28 Oct 2016 · 1 min read जो दे रहे थे कल स्वदेशी अपनाने की सलाह खुलकर जो दे रहे थे कल स्वदेशी अपनाने की सलाह खुलकर, चाइनीज लड़ियाँ सजाई उन्होंने सब बातों को भूलकर। दूसरों को दे रहे थे बड़े बड़े उपदेश सोशल मीडिया में, चाइना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 352 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 27 Oct 2016 · 1 min read चलो अबकी बार हटकर दिवाली मनाएं हम चलो अबकी बार हटकर दिवाली मनाएं हम, शहीद जवानों के नाम एक दीया जलाएं हम। करने को रौशनी उन शहीद जवानों के घरों में, लगाकर गले से उनके परिवारों को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 311 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 26 Oct 2016 · 1 min read तेरी यादों के साये में जिंदगी का चिराग जल रहा है तेरी यादों के साये में जिंदगी का चिराग जल रहा है, वक़्त ठहर गया है बस सूरज निकलकर ढ़ल रहा है। तुम्हारे इक वादे पर जिंदगी की रफ्तार रुकी हुई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 620 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 22 Oct 2016 · 1 min read दिल का दर्द मैं दिल में पाले बैठी हूँ दिल का दर्द मैं दिल में पाले बैठी हूँ, गम तेरी मोहब्बत का संभाले बैठी हूँ। खुद को उलझाये रखती हूँ कामों में, तेरी यादों पर लगा कर ताले बैठी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 378 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 19 Oct 2016 · 1 min read करवा चौथ पर एक रचना सूर्योदय से पहले उठी मैं, किया जलपान मैंने, जलपान में लिया चूरमा और कुछ मिष्ठान मैंने। करके स्नान उस प्रभु के नाम की ज्योति जगाई, पति की लम्बी उम्र का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 382 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 16 Oct 2016 · 1 min read सपना म्ह बी टोहै ना पावैं थमनै ये स्कूल सरकारी (हरियाणवी) सपना म्ह बी टोहै ना पावैं थमनै ये स्कूल सरकारी, इनकी जो या हालत होरी स सब कमी स र म्हारी। कई यूनियन बन री पर आपस म्ह तालमेल कोणी,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 602 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 16 Oct 2016 · 1 min read कहाँ से चली आई तुम जिंदा लाशों की बस्ती में कहाँ से चली आई तुम जिंदा लाशों की बस्ती में, सब बापू के बंदर बने बैठे हैं आसों की बस्ती में। आइना बेचने निकली हो तुम अँधों के शहर में,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 372 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 14 Oct 2016 · 1 min read मेरे दर पर वो आया नहीं कभी मेरे दर पर वो आया नहीं कभी, आकर गले से लगाया नहीं कभी। राह तकते तकते आँखें थक गयी, चेहरा उसने दिखाया नहीं कभी। गया था करके वादा लौट आऊँगा,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 276 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Oct 2016 · 1 min read पीट कर मुझे तुम मर्द बनते हो पीट कर मुझे तुम मर्द बनते हो, तनते हो मेरे ही सामने, भूल गए उन वचनों को दिए थे जब आये थे हाथ थामने। असली मर्दानगी मुझ पर हाथ उठाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 608 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Oct 2016 · 1 min read बंध सात फेरों के बंधन में बंध सात फेरों के बंधन में, प्रिये तुम आई जीवन में, अब तुम्हें कैसे छोड़ दूं बेसहारा। सात जन्मों का रिश्ता अपना, नहीं है कोई झूठा ये सपना, अब तुमसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 439 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Oct 2016 · 1 min read क्या कहूँ मैं शब्द नहीं हैं मेरे पास व्यथा व्यक्त करने को क्या कहूँ मैं शब्द नहीं हैं मेरे पास व्यथा व्यक्त करने को, जिसे जन्म देकर पाला पोसा वो ही छोड़ गया मरने को। नौ महीने गर्भ में रखा उसे, रही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 392 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 11 Oct 2016 · 1 min read पूछ रहा है रावण कब तक मुझे ही जलाते रहोगे पूछ रहा है रावण कब तक मुझे ही जलाते रहोगे, कब तक अपने दोषों को तुम यूँ ही छिपाते रहोगे। मैंने कौनसा ऐसा गुनाह किया था जो जलाते हो, कब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 548 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 11 Oct 2016 · 1 min read अपने अंदर बसे रावण को जलाते हैं चलो इस बार कुछ ऐसा दशहरा मनाते हैं, बस अपने अंदर बसे रावण को जलाते हैं। अहंकार ही थी उसकी सबसे बड़ी बुराई, चलो इस अहंकार को जलाकर आते हैं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 518 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 11 Oct 2016 · 1 min read अंतर्मन में एक शोर मचा हुआ है अंतर्मन में एक शोर मचा हुआ है, स्वार्थ का शिकंजा कसा हुआ है। दास्ताँ अधूरी रह जाती हैं आज, वासना में मन ये जकड़ा हुआ है। देखो रिश्ते नाते सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 661 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 7 Oct 2016 · 1 min read दो वक़्त की रोटी आगे सच कहूँ, मुझे कहाँ फुर्सत मैं किसी और के बारे में सोचूँ, साहब मुझे दो वक़्त की रोटी के आगे कुछ सूझता ही नहीं। इन हाथों से अपने बड़े बड़े... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 489 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 6 Oct 2016 · 1 min read दिल चीर के दिल चीर कै धर दिया फेर बी ऐतबार कोण्या, मन्नै पहल्यां शक था साचा तेरा प्यार कोण्या। भूल ग्या मेरे आगै पाछै चक्कर काट्या करदा, एक ब मेरी बात सुन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 508 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 5 Oct 2016 · 1 min read सबूत मांगने वालों को मिल ही गया मुंह तोड़ जवाब सबूत मांगने वालों को मिल ही गया मुँह तोड़ जवाब, देखो पीओके वालों ने खुद ही दे दिया सारा हिसाब। जो दोगले नेता सेना पर भी उठा रहे थे सवाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 313 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 4 Oct 2016 · 1 min read दर्द एक फौजन का चिंता नै घेर लेई पिया जी मेरी या काया। तीन रोज होयै सजन तेरा फ़ोन ना आया।। चौबीस घँटे रह नहीं सकता बात करै बिना। फ़ोन प ऐ हँसी मजाक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 478 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 4 Oct 2016 · 1 min read जै बेरा होता अंजाम (हरियाणवी) जै बेरा होता अंजाम मन्नै तो मोहब्बत ना करती, एक एक पल म्ह मैं सौ सौ बार हरगज ना मरती। अनजान बनी रहती तेरे तै सारी उम्र दुनिया म्ह, पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 472 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 2 Oct 2016 · 1 min read नैनों से दर्द का सावन बरसता रहा नैनों से दर्द का सावन बरसता रहा। दिल उससे मिलने को तरसता रहा। उसका दिया हर जख्म हँस के सहा, देकर दर्द बेपनाह मुझे वो हंसता रहा। बनकर अजनबी गुजरता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 378 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 29 Sep 2016 · 1 min read वीर जवानों ने कमाल कर दिया वीर जवानों ने कमाल कर दिया। एलओसी पार धमाल कर दिया। आंतकियों के ना-पाक खून से, पाकिस्तान को लाल कर दिया। चुप्पी को कमजोरी समझ बैठा, हल उसका ये सवाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 500 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 29 Sep 2016 · 1 min read यादों के चिराग दुनिया की नजरों से दूर दिल में बसाये रखा, तेरी यादों के चिरागों को मैंने जलाये रखा। पहली मुलाकात वो मीठी बात, भूले से नहीं भूलता दिल। मिलता तेरा साथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 335 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 26 Sep 2016 · 1 min read मेरा क्या कसूर मैं आपसे पूछना चाहती हूँ मेरा कसूर क्या है। आपकी दुनिया का ये अजीब दस्तूर क्या है। आप नहीं पसंद करते हो मुझे तो जन्म क्यों देते हो? जिंदगी भर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 691 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 25 Sep 2016 · 1 min read कलम से क्रांति अब कलम से क्रांति लानी है। सोई हुई जनता जगानी है। बहुत सह लिया जुल्म ओ सितम, सिर के ऊपर से जा लिया पानी है। अब हर अत्याचारी के खिलाफ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 593 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 24 Sep 2016 · 1 min read तड़प जुदाई की दिल से निकली बद्दुआ कर असर गयी, मैं ना चाहते हुए भी टूटकर बिखर गयी। तुमने कोशिश नहीं की दर्द जानने की, कौन सी बात इतना मजबूर कर गयी। तुमसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 468 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 23 Sep 2016 · 1 min read उलझनें दिल की मेरे दिल की उलझनें कम नहीं हो रही हैं। ये मेरी आँखें नहीं ये मेरी वफ़ाएँ रो रही हैं। सोचा था हर निशानी उस बेवफा की जला दूंगी मैं। चाहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 600 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 22 Sep 2016 · 1 min read शराब मत पीना कोय दारु ना पियो भाइयों या स घणी खोटी। छुड़वा दे स या दारु भाइयों मानस की रोटी।। शुरू शुरू म्ह शौकियां पीवैं फेर होज्यां आदि। इस दारु के कारण... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 488 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 21 Sep 2016 · 1 min read कलह साची कहँ सँ बड़े बूढ़े कलह हो स काल का वासा। घरबार उजड़ै खुद का अर दुनिया का होज्या हाँसा।। जिस घर म्ह रहवै रोज क्लेश वो घर, घर ना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 300 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 21 Sep 2016 · 1 min read आंतकवाद पर राजनीति बोहत होया इब बंद करनी होगी या वोटां की राजनीति। लोग दिखावा हों सँ ये जो बिठाई जावैं सँ जाँच समिति।। विपक्ष म्ह बैठ कै सारै करैं आड़े बात मरण... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 408 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 19 Sep 2016 · 1 min read प्रभु का नाम लिया कर लिया कर तू नाम उस प्रभु का लिया कर, तेरे सारै संकट कट ज्यांगे ध्यान चरणां म्ह दिया कर। एक उस प्रभु का नाम साचा इस जगत म्ह,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 370 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Sep 2016 · 1 min read नारी ईंट पत्थर गारा तै बणै मकान नै घर बनावै स वा, फेर बखेर कै प्रेम की खुशबु घर नै महकावै स वा। जन्म लेवे किते, बसे किते या हे कर्मा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 600 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 30 Aug 2016 · 1 min read बुढ़ापे के जवान जज्बात ऐ दोस्त! उम्र मेरी साठ साल पार हो गयी पर दिल मेरा जवां रहा, आँखों पर चश्मा जरूर चढ़ा पर हाल ऐ दिल आँखों से बयां रहा। वक़्त के साथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 344 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 30 Aug 2016 · 1 min read सच की हालत आज सच पराजित होने की कगार पर खड़ा है। पर सच है कि झूठ को हराने की जिद्द पर अड़ा है। झूठ की चालों का तोड़ नहीं है आज सच... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 410 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 26 Aug 2016 · 1 min read जाल बिछाये बैठे हैं लोग यहाँ अपने चेहरों पर मुखोटे लगाये बैठे हैं लोग। दूसरों को फंसाने को जाल बिछाये बैठे हैं लोग। कोई मरता मर जाये उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, मरे हुओं पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 343 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 24 Aug 2016 · 1 min read जेनयू बलात्कार कांड पर कविता जेनयू में बलात्कार हुआ, हां सही सुना जी बलात्कार हुआ, पर क्या बलात्कार पर कहीं शोर शराबा या हाहाकार हुआ। दया शंकर के ब्यान पर दहाड़ने वाले शेर छिप गए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 848 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 19 Aug 2016 · 1 min read रच दिया इतिहास रच दिया इतिहास तन्नै, अमर होग्या यू नाम तेरा। दिल तै करूँ सूं तन्नै, कर लिए कबूल सलाम मेरा। दुनिया नै देख्या जी जान तै खेल्या तन्नै मैच फाइनल, पहला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 535 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 17 Aug 2016 · 1 min read राखी बखत की मार म्हारै इस त्यौहार प बी पड़ी स, भाभी नणंद नै ना बुलाण की जिद्द प अड़ी स। बोली तेरी बाहण नै बुलावांगे तो खर्चा होवैगा, मेरे घरां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 317 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 16 Aug 2016 · 1 min read कड़वी सच्चाई लिखूँगी गरीब की आह लिखूँगी, अमीर की चाह लिखूँगी, आम जनता के लिये राजनेता हैं बेपरवाह लिखूँगी। गरीब का दर्द लिखूँगी, वासना में डूबा मर्द लिखूँगी, मर्यादा छोड़ दी औरत ने,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 386 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 15 Aug 2016 · 1 min read ऐसी आज़ादी से गुलामी अच्छी थी कित के आज़ाद होये हाम चैन सुख म्हारा खोग्या। दो टुकड़े होये भारत माता के न्यू जुल्म घना होग्या।। इसी आज़ादी त हाम सौ गुणा गुलाम भले थे। रोज के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 424 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 14 Aug 2016 · 1 min read तड़प ऐ दोस्त! गुजरा ज़माना आज फिर से याद आ गया। गुलदस्ता उसकी यादों का तन बदन को महका गया। सब कुछ भूल गया मानो वक़्त कुछ पल को ठहर गया,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 628 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Aug 2016 · 1 min read आज का समाज आज समाज का ताना बाना टूटता जा रहा है, छोटी छोटी बातों पर सिर फूटता जा रहा है। देखो आज भाई का दुश्मन भाई बन बैठा है, इंसानियत का दामन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 537 Share Page 1 Next