Dr.Priya Sufi Language: Hindi 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr.Priya Sufi 12 Apr 2022 · 1 min read लता जी के लिए जा रही हो शेफ़ालिके तो जाओ महाप्रयाण करो अनंत की ओर तुम मधुरता का पर्याय हो संगीत का भैरवी हो बसंत का प्रथम सोपान हो जाओ शुभ्रवसना जाओ माधुर्य सुता... Hindi · कविता 196 Share Dr.Priya Sufi 21 Jan 2017 · 1 min read नन्हीं गुड़िया मैं नन्ही सी प्यारी गुडिया मम्मी की दुलारी गुडिया चंदा है मामा मेरे पापा के मन न भाई गुडिया मुझे उठाया पास बिठाया साथ ले जा कर खूब घुमाया घर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 727 Share Dr.Priya Sufi 6 Sep 2016 · 1 min read नाम है शिक्षक हमारा (गीत) ज्ञान दे कर कल सँवारे, अनुभवों की खान है। नाम है शिक्षक हमारा, राह की पहचान है। हल चलाया ज्ञान का जब, साज सुख अपने तजे, हम से ही कोरे... Hindi · गीत 5 4 11k Share Dr.Priya Sufi 28 Jul 2016 · 1 min read गज़ल मेरे रहबर, मेरे मेहरम, सनम मुझ पर अहसान करो, मैं तूफानों का पाला हूँ, न मंजिल तुम आसान करो। जमीं हूँ मैं मुहब्बत की, न जलती हूँ न बुझती हूँ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 5 308 Share Dr.Priya Sufi 28 Jul 2016 · 1 min read सागर उदास है उस सागर की क्या बात सुनाऊँ वो आजकल उदास रहता है। किनारों से दूर है सीपियों के पास रहता है वक्त के घोंघें चुनता है स्वप्नों के मूंगे बुनता है... Hindi · कविता 1 2 600 Share Dr.Priya Sufi 23 Jul 2016 · 5 min read मिर्जा साहिबा मोहब्बत की दुनिया में साहिबा का नाम विश्वास और धोखे के ताने बाने में उलझा सा प्रतीत हो... तब भी मिर्जा साहिबा का इश्क कहीं भी उन लोगों से कमतर... Hindi · कहानी 1 1 694 Share Dr.Priya Sufi 23 Jul 2016 · 1 min read नदी अभी जागी है...! सुनो नदी अभी जागी है अभी तो सिराये हैं मैंने कुछ पूजा के फूल और कुछ यादें पिछली रातों की कुछ कलियाँ अपनी बातों सी कोई कश्ती पिछली बरसातों की... Hindi · कविता 1 2 674 Share Dr.Priya Sufi 23 Jul 2016 · 1 min read सोचती हूँ..... सोचती हूँ किसी दिन पी लूं तुम्हारे होठों की मय एक ही सांस में और कूद जाऊं तुम्हारी आँखों की पनीली झील में तुम पुकारो मुझे मेरा नाम लेकर और... Hindi · कविता 2 2 501 Share Dr.Priya Sufi 23 Jul 2016 · 2 min read फोक्ट का तमाशा यह रविवार था। वीणा के लिए सुखद सुहानी भोर का आनन्द लेने का दिन। घर में सब सो रहे थे। वीणा ने एक गहरी साँस ली और चाय बना कर... Hindi · लघु कथा 3 679 Share Dr.Priya Sufi 22 Jul 2016 · 1 min read सवाल तुमसे..... कभी देखा है अग्निमुख नग के साये में बसे घरों की लुटी पिटी तहस नहस दुनिया... टुकड़ों में कटी दरारों में फटी खुले ज़ख्म सी टीसती रिसती दुनिया कैसा लगता... Hindi · कविता 2 401 Share