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3 Sep 2019 11:56 PM

देखो! नदी अभी जागी है
अभी तो जगाई है मैंने
इक आस तेरे आवन की…
कुछ टपकती गिरती बूँदें भी
वो पहले अपने सावन की…

23 Jul 2016 07:28 AM

वाह्ह्ह् बहुत सुन्दर

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