सोनू हंस 114 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next सोनू हंस 25 Sep 2021 · 1 min read उद्वेलित कामनाओं के साथ चंचल मन की उमंगों के साथ, तिरोहित होती तरंगों के साथ; उद्वेलित औ' उद्वेगित कामनाओं के साथ, भय से भीति संवेदनाओं के साथ; ताडि़त कल्पनाओं की उडा़नों के साथ; फिर... Hindi · कविता 353 Share सोनू हंस 13 Feb 2017 · 2 min read कृष्ण चालीसा मेरे प्रिय मित्रों और विद्वत जनों को सोनू हंस का प्रणाम। मैं आपके समक्ष अपने प्यारे कान्हा की स्वरचित #चालीसा# रख रहा हूँ। आपकी प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी। हे माधव... Hindi · कविता 320 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read अनुशासन अनुशासन से ही मनुजता की पहचान है, अन्यथा मनुज फिर पशु के समान है। अनुशासन ही उच्चता का सोपान है, सड़ते संस्कारों का निदान है। अनुशासन से ही जन्म लेते... Hindi · कविता 309 Share सोनू हंस 27 Feb 2018 · 1 min read वो धुंधली आकृतियाँ एक धुंधली सी आकृति मन के अवचेतन कोने को छूकर निकल गई और.... चेतन मन की चैतन्यता पानी भरती सी रह गई उन विस्मित करती विस्मृत यादों को सहेजना असंभव... Hindi · कविता 318 Share सोनू हंस 21 Feb 2017 · 1 min read अरे ग्राम देवताओं शुभाशीष दो अविचल, अशेष, अवशेष से खडे़, निर्जन, श्मशान, क्षेत्रों में अडे़; जंगम, प्रस्तरों पर करे निवास, पीपर, आम तले हुआ अधिवास; तुम ही सर्वश्रेष्ठ अरु मनीष हो, अरे ग्राम देवताओं शुभाशीष... Hindi · कविता 304 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read किस्मत ए रंज इस मद्धिम रोशनी में कोई पिघल रहा है अपने आगोश में ही कोई जल रहा है हमें खामोशियों को मगर साथ रखना है वजूद को जिंदा जिंदगी के बाद भी... Hindi · कविता 320 Share सोनू हंस 20 Mar 2017 · 7 min read वो एक रात 3 #वो एक रात 3 चीख सुनकर रवि हैरत में पड़ गया तथा थोड़ा घबरा भी गया कहीं नीलिमा को कुछ हो तो नहीं गया। वह तुरंत किचन की ओर भागा।... Hindi · कविता 305 Share सोनू हंस 26 Mar 2017 · 1 min read चार दोहे मेरे जीवन में नहीं, कोई भी इक आस। स्वाति बूँद मिले नहिं फिर, चातक बुझै न प्यास॥ *************************** राह कोई सूझत नहिं, छानू पथ-पथ खाक। जैसे बिना श्राद्ध दिवस, पूछै... Hindi · दोहा 302 Share सोनू हंस 30 Oct 2021 · 2 min read दिवाली लोग खुशियाँ मना रहे हैं। मंगल गीत गा रहे हैं। शायद वे कोई उत्सव मना रहे हैं। खैर छोडो़ मुझे क्या! मुझे तो अपनी तलाश पूरी करनी है। यह सोचता... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 317 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read मेरे श्याम मुझे साथ अपने ले चल, मेरे श्याम.... साँवरे..... रहता है तू जहाँ पर मेरे श्याम..... साँवरे..... वो डारियाँ कदंब की, तेरा साथ मेरे होना; मेरे सामने रहे ये, तेरा रूप... Hindi · कविता 306 Share सोनू हंस 20 Mar 2017 · 5 min read वो एक रात 1 रवि दीक्षित को आज और दिन से ज्यादा वक्त हो गया था, ओफिस में काम करते-करते। यूँ तो 8 बजे ओफ हो जाता था परंतु अभी भी बहुत सी फाईलों... Hindi · कहानी 313 Share सोनू हंस 1 Jul 2021 · 2 min read प्रायश्चित्त भास्कर ने उषा के साथ आँखें खोली ही थी कि चिडि़यों की चहचहाहट ने सम्राट अशोक को नींद से जगा दिया। "बस एक और विजय, और फिर समस्त आर्यावर्त मेरा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 3 296 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read अ मेरी कलम जानता हूँ तुझसा श्रेष्ठ, मेरे लिए कोई नहीं। अ 'कलम' तेरे प्रति, प्रीत मेरी कभी सोई नहीं॥ पर तेरी श्रेष्ठता पर प्रश्न चिह्न, क्या मैं लगा नहीं रहा। तेरी प्रतिष्ठा... Hindi · कविता 270 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 2 min read महाशिव प्रार्थना #ॐ नम: शिवाय# महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान् शिव को समर्पित मेरी ये रचना- हे कल्याण स्वरूप शिव जी, माया अधीश महेश्वर जी। शंभु आनंद दो मन मेरे, कर... Hindi · कविता 289 Share सोनू हंस 1 Jul 2021 · 11 min read अहसास बारिश मूसलाधार थी पर राजसिंह के कदम शहर की ओर तेजी से बढ़ रहे थे। काले दैत्य-मेघों की गड़गड़ाहट दिल में दहशत पैदा करती थी परंतु राजसिंह मानो इन सबसे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 3 287 Share सोनू हंस 29 Dec 2021 · 1 min read वक्त के पहरुए सुनो.... वक्त के पहरुए बुला रहे हैं तीखी सी आवाज दे रहे हैं छोड़ मत देना ये किस्सा आज का जो वे सुना रहे हैं देखो... ये आज मधुर भ्रमरियों... Hindi · कविता 296 Share सोनू हंस 11 Feb 2017 · 1 min read नववधु #हाइकु# पल में रोए उजाड़ सी होकर वो नववधु महकती थी बाबुल के आँगन विदा हो रही माँ की लाड़ली आँगन की चिड़िया है उड़ चली बापू की परी चुनरिया... Hindi · हाइकु 273 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read वो बात अब नहीं जमाने में वो बात नहीं अब जमाने में, जो कभी हुआ करती थी; वो हवाएँ अब नहीं चलती, जो कभी चला करती थी। जिंदगी मसरूफ थी तो क्या हुआ, दिलो में प्यार... Hindi · कविता 267 Share सोनू हंस 11 Feb 2017 · 1 min read देखा है कभी? देखा है कभी? दूर क्षितिज में उतरती डूबते रवि की रश्मियों को, लगता है जैसे जिंदगी उदास हो रही हो कोई कहीं अश्रुजल से दामन भिगो रही हो। लगता है... Hindi · कविता 263 Share सोनू हंस 27 Feb 2018 · 1 min read मैं मुझे ढूँढता सा रहा मेरा 'मैं' और मैं कहीं कोेने में स्वयं को तलाशने में लगा रहा सिमटते देह के बिंदुओं को मेरी परछाइयाँ भी न लक्षित कर सकीं अस्तित्व... Hindi · कविता 266 Share सोनू हंस 20 Mar 2022 · 2 min read गौरैया कहते हैं उसका अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है उसकी प्रजाति विलुप्त होती जा रही है पर आज भी वो दिख जाती है घास के छोटे-छोटे तिनको को दबाए मेरे... Hindi · कविता 256 Share सोनू हंस 23 Dec 2021 · 1 min read जा रे पाथर जा रे पाथर तोरि किस्मत पर जाऊँ वारी, मंदर में बने तों गुसाईं नवावे माथ या दुनिया सारी। देव दीन्हा घात बिसवास का पाथर बनी अहिला बिचारी, आस तके बरसों... Hindi · कविता 250 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read मैं.... इंतजार में हूँ प्रिये मैं..... इंतजार में हूँ प्रिय तुमने वादा किया था जो आने का कि मैं आऊँगी और सराबोर कर दूँगी तुम्हें अपने प्यार के सुनहरे रंगों से मगर कितने फागुन आए... Hindi · कविता 230 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read श्याम और राधा (प्रथम बार) देखत नैना श्याम के, राधा है हरषाय। ऐसे मंजुल सुमन तो, मानस* भी नहिं पाय॥ **************************** हिरदय में हिलोर रही, प्रेम लहरें अपार। वृषभानुजा पूछ रही, कान्हा कौन कुमार॥ ****************************... Hindi · दोहा 203 Share सोनू हंस 15 Feb 2022 · 1 min read सखे! पर्वतों सम उठ जाना सखे! पर्वतों सम उठ जाना, और अपना कद बढा़ते जाना। देखने को तुम्हें ज्यूँ मेरी, नजरें भी ऊँची उठने लगे। सखे! जलधि सम धीर बन जाना, और सब हिय में... Hindi · कविता 214 Share सोनू हंस 22 Jun 2022 · 1 min read वन की ओर मत्तगयंद छंद सात भगण, पदांत दो गुरु रामहि संग चली सिय कानन, जानत ना पथ की विपदाएँ। दुर्गम काज बडे़ बन के , कब दानव हाथ लगे पड़ जाएँ॥ शूल... Hindi 260 Share सोनू हंस 14 Feb 2022 · 1 min read पहाड़ गुस्से में हैं पहाड़ गुस्से में हैं कौन चाहता है कोई उनकी सीमा लाँघे? फिर भी लाँघते हैं लोग असीम बनने की खातिर सीमाओं को इसी तरह लाँघा है पहाड़ों को बुद्धजीवियों ने... Hindi · कविता 207 Share सोनू हंस 16 Dec 2016 · 1 min read एक मुक्तक- जीने की वजह हो एक तुम ही तो जीने की वजह हो, मिले हर गम को पीने की वजह हो, रहना हमेशा सनम साथ हमारे, तुम हर दर्द को सहने की वजह हो। सोनू... Hindi · मुक्तक 190 Share सोनू हंस 29 Aug 2022 · 1 min read उड़ने दो मुझे सूख चुके हैं नयन-नीरद फिर भी ये बरसने को बेताब पर विडंबना यही कि सूख चुके हैं नयन-तलाव फिर भी ये बिखरने को बेताब पर तड़पना यही कि सूख चुके... Hindi · कविता 202 Share सोनू हंस 14 Mar 2022 · 1 min read मुझे उड़ना है खात् में मुझे उड़ना है खात् में, पंखविहीन न करना तुम। मुझे लड़ना है समय से, गतिहीन न करना तुम॥ उस शून्य की पहेलियों को, बूझना है मुझे। अनंत, असार नीरव द्यौ... Hindi · कविता 210 Share सोनू हंस 31 Dec 2022 · 1 min read साथी तुझे चलना होगा हैं अँधेरे तो उजालों का साथ कितना, चलना उतना ही राही मंजिलों का साथ जितना। पथ भटक जाए तो वहीं पर बैठ जाना, सोचना और गहरे पानी पैठ जाना। जो... Hindi · कविता 1 223 Share सोनू हंस 7 Oct 2022 · 2 min read आ रही हो न!(बारहमासा) देखो. . . . . सुनो न अब और न रुलाना मुझे आँखों के तलाव अब सूख चुके हैं इनकी बहने की क्षमता निम्न हो गई है पर तुम्हारा ये... Hindi · कविता 1 169 Share सोनू हंस 29 Dec 2022 · 1 min read अब रुकने का नाम ले मैं मजबूर होकर फिर रहा दर-ब-दर, ए काश कोई नई राह मिल जाए। इस आस से देखता हूँ हर एक चेहरे को, कि कोई मुझको नई चाह मिल जाए। राह... Hindi · कविता 1 113 Share सोनू हंस 11 Dec 2022 · 1 min read मेरे मन के मीत मेरे मन के मीत मुझसे न विमुख हो, प्रति प्रहर , वासर-निशा मेरे सम्मुख हो। हृदय की मेरी वेदनाएँ, चाहती तुम्हारी संवेदनाएँ। जन्मों से दबी तृषाएँ, ताकती हैं अब आशाएँ॥... Hindi · कविता-हिन्दी 113 Share सोनू हंस 11 Jul 2023 · 1 min read आज मन व्यथित है आज मन व्यथित है हृदय बिंधा सा है तो कैसे री उमंग तू आएगी निर्दोष मर रहा है पापी हँस रहा है तो कैसा उत्सव मनाएगी! री! बोल उमंग फिर... Hindi 82 Share सोनू हंस 3 Aug 2023 · 1 min read दस नंबर मेरे मोबाइल में अब दस नाम ऐसे हैं जिनसे मैं नहीं कर सकता संपर्क उन नामों पर जिस नाम से वे मेरे फोन में सुरक्षित हैं क्योंकि.... उन नामों वाले... Hindi · कविता 99 Share सोनू हंस 27 Jul 2023 · 1 min read गुरु गुरु. . . . अनंत है अद्भुत है अनुपम है गुरु. . . . शुभ्र है द्विज है जय है गुरु. . . . विजय है अग्रज है ठौर है... Hindi · आधुनिक कविता 87 Share सोनू हंस 4 Sep 2023 · 1 min read ये पीड़ित कौन है? ये जो दौर है न मेरे लिए घातक है लेकिन क्या #मेरे_लिए या #इसके_लिए या फिर किसके लिए कहते हैं जो घट माही है वो कोई और है वो हर... Hindi · कविता 226 Share सोनू हंस 18 Mar 2024 · 1 min read सत्य की खोज विकल है मन अटका हुआ सा है कहीं कुछ तो है जो संभवतः अज्ञात है अंतर्मन कहता है कि- जो सामने है वो या तो अर्द्ध सत्य है या सर्वथा... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता 4 41 Share सोनू हंस 2 May 2024 · 1 min read मैं मजबूर हूँ अब नदियों ने पानी उछालना मना कर दिया है अब सागर ने तरंगों को लहराना मना कर दिया है इसलिए जीवन में उमंगों की करवटें लाना! माफ करना...मैं मजबूर हूँ... Poetry Writing Challenge-3 23 Share सोनू हंस 3 May 2024 · 1 min read मंथन जब भी हुआ मंथन परिणत प्राप्ति ही है लाभ वा हानि, विष वा अमृत। क्षीर सिंधु को मथा देवासुरों ने निकल आए बहुरत्न, लक्ष्मी तथा वस्तुएँ अनंत। *मिला अमृत तो,... Poetry Writing Challenge-3 19 Share सोनू हंस 3 May 2024 · 1 min read मुझे उड़ना है मुझे उड़ना है खात् में, पंखविहीन न करना तुम। मुझे लड़ना है समय से, गतिहीन न करना तुम॥ उस शून्य की पहेलियों को, बूझना है मुझे। अनंत, असार नीरव द्यौ... Poetry Writing Challenge-3 19 Share सोनू हंस 3 May 2024 · 1 min read दस नंबर मेरे मोबाइल में अब दस नाम ऐसे हैं जिनसे मैं नहीं कर सकता संपर्क उन नामों पर जिस नाम से वे मेरे फोन में सुरक्षित हैं क्योंकि.... उन नामों वाले... Poetry Writing Challenge-3 18 Share सोनू हंस 3 May 2024 · 2 min read कैसे छपेगी किताब मेरी??? मैं कोई प्रसिद्ध कवि नहीं हूँ न हीं कोई लोकप्रिय लेखक हूँ पर..हाँ मुझे लिखना पसंद है विविध विषयों पर चिड़िया पर, आकाश पर, पानी पर, मनुज पर, स्त्री पर... Poetry Writing Challenge-3 1 17 Share सोनू हंस 3 May 2024 · 2 min read है अब मनुजता कहाँ? चहुँओर नि:स्तब्धता और नीरवता है परंतु फिर भी चीरती है एक आवाज सन्नाटे के वक्ष को रुदन कर रहा है मौन क्यूँ फिर भी कहीं से सिसकियाँ क्यूँ हृदय का... Poetry Writing Challenge-3 1 16 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read आगाज...जिंदगी का कभी आगाज जो मेरे साथ जिंदगी का करना तुम, तो मेरे दोस्त केवल मुझ पर यही भरोसा करना तुम छोडूंगा न साथ जीवन भर तक यूँ तो राहों में अनेक... Poetry Writing Challenge-3 1 15 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read सकार से नकार तक(प्रवृत्ति) इंसान. . . . बरसो से जिज्ञासु रहा है उसकी प्रवृत्ति होती है सकार से ज्यादा नकार की ओर चलने की भूखे इंसान ने कहा भगवान् से कुछ खाने को... Poetry Writing Challenge-3 1 16 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read सफेद चादर आजकल. . . . मैं एक चादर ओढे़ रखता हूँ जो सफेद है उज्ज्वल है, सरल भी जो मेरे लिए कवच सरीखी है सभा हो, सड़क हो घर हो, बाहर... Poetry Writing Challenge-3 1 18 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read मिलन देखो.... तुम चले आना.. थोड़ा सा समय निकालकर बहुत सी बातों को बाँटना हैं तुमसे और बहुत सी यादों को सहेजकर रखना है तुम्हें याद है न जब हम पहली... Poetry Writing Challenge-3 1 23 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read एक थी नदी नदी..... चिल्लाती है टूटती अवशेष सी डूबती श्वासों से अपशिष्ट के भार से घुटती हुई जीवन प्रदायिनी आज स्वयं संघर्ष रत है जीने के लिए वे विस्तृत घाट स्मृति शेष... Poetry Writing Challenge-3 16 Share Previous Page 2 Next