Sharad Kashyap Language: Hindi 30 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sharad Kashyap 7 Jul 2020 · 1 min read खूं तेरे दिल का बहायेगा दौर-ए-गर्दिश में तेरे पास आयेगा याद फिर कसमें पुरानी वह दिलायेगा मेंहदी हाथों की शायद सुर्ख कम होगी पास आ फिर खूं तेरे दिल का बहायेगा © शरद कश्यप Hindi · मुक्तक 1 612 Share Sharad Kashyap 6 Jul 2020 · 1 min read खुशियों को जला दिया हमने जिंदगी के हर तजुर्बें को भुला दिया हमनें ग़म के' हर इक हर्फ़ को खुद ही मिटा दिया हमनें माँगने मुझसे उजाला तीरगी जो' आयी थी शौक से तब अपनी'... Hindi · मुक्तक 1 333 Share Sharad Kashyap 26 Jun 2020 · 1 min read मधुमास पतझर हो नहीं सकता बा'जारें इश्क का वीरान मंजर हो नही सकता मुहब्बत से तराशा बुत ये पत्थर हो नही सकता कभी भी हुश्न धोखा इश्क को देता नही लोगो गुलों के वास्ते मधुमास... Hindi · मुक्तक 1 409 Share Sharad Kashyap 26 Jun 2020 · 1 min read सितमगर हो नहीं सकता यकीं है ये कभी दरिया समंदर हो नही सकता मुहब्बत से भरा जो दिल वो' पत्थर हो नही सकता जमाना कह रहा कातिल मुहब्बत का तुझे सँगदिल मगर दिल जानता... Hindi · मुक्तक 1 2 382 Share Sharad Kashyap 26 Jun 2020 · 1 min read जल नीर जिंदगी बचाय प्यास भूमि की बुझाय मूल्यवान रत्न मीत व्यर्थ न बहाइए गर्भ मे छुपा जो नीर न निकाल हो अधीर डाल डाल बोर वेल धरा न सुखाइए वंश... Hindi · घनाक्षरी 2 2 482 Share Sharad Kashyap 26 Jun 2020 · 1 min read दर्द बना कर अश्क ऑखो से बहाया है सदा हमनें छुपा कर गीत मे किस्सा सुनाया है सदा हमनें न पूँछो दर्द के अहसान कितने है शरद तुझ पर तुम्हारे बिन... Hindi · मुक्तक 2 3 768 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read रिश्ते गर है दौलत तो चमकते हैं जहां मे रिश्ते दौरे' गुरबत मे बिखरते हैं जहां मे रिश्ते वक्त के साथ ये दुनिया भी बदलती रंगत साल जैसे ही बदलते हैं... Hindi · मुक्तक 1 1 511 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read मानवता किसी मंदिर के बाहर भूख से सिसकी है मानवता मज़ारों पर चढ़ीं चद्दर मगर ठिठुरी है मानवता करोड़ो का दिया चंदा चली जब बात मजहब की गरीबी मे मगर कोठे... Hindi · मुक्तक 1 731 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read विश्वास बेच देते हैं गरीबों के छप्पर की घास बेच देते हैं वो अपनेपन का अहसास बेच देते हैं खनक सिक्कों की ऐसे भा गई यहाँ सबको कि पैसों के खातिर विश्वास बेच देते... Hindi · मुक्तक 1 1k Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read मुहब्बत कौन करता है ? गमे-उल्फत की यूँं हँस कर शिकायत कौन करता है लवों को सी लिया जाता बगावत कौन करता है अजब दस्तूर है उल्फत की राहों का जमाने में लगाने जख्म पर... Hindi · मुक्तक 411 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read दिल के अंदर छोड़ जायेंगे वफा के दौर का गुजरा वो मंजर छोड़ जायेंगे कि आंखो मे ये अश्कों का समंदर छोड़ जायेंगे भुलाने की हमें कोशिश हज़ारों बार कर लेना यकीनन अक्स तेरे दिल... Hindi · मुक्तक 411 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read आईना जब गया उसके समक्ष तो अक्स अपना देखकर सहमा ठिठका स्तब्ध था मैं सोचकर क्यों नहीं करता प्रशंसा धन सफलता रूप की अनभिज्ञ है ये मैने सहीं है यातनाएँ धूप... Hindi · कविता 532 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read अश्क से भीगी वो आंखें छोड़ जाऊंगा इश्क की सारी सलाखें तोड़ जाऊंगा और रुख तेरी गली से मोड़ जाऊंगा था नहीं अहसास मेरे दर्द का जिनको अश्क से भीगी वो आखें छोड़ जाऊंगा © शरद कश्यप Hindi · मुक्तक 1 649 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read गज़ब हो गया अश्क उनका बहाना गजब हो गया दर्द दिल का बताना गजब हो गया प्यार मे चोट खाई बहुत आपने चोट खा मुस्कुराना गजब हो गया ख्बाव मे पास आते नही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 676 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read बेटियाँ भयमुक्त हो घर से निकलनी चाहिए आज अपने देश की हालत बदलनी चाहिए बेटियॉ भयमुक्त हो घर से निकलनी चाहिए देख लो लुटती हुईं जो आबरू को तुम कभी ऑख मे अंगार सी ज्वाला तो' जलनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 575 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read शहीदों को मेरा है शत शत नमन जिंदगी देश हित कर गये जो हवन उन शहीदों को मेरा है शत् शत् नमन इश्क था इस कदर मुल्क के बाग से जान दे कर खिलाया गुलों का चमन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 585 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read छुप कर अश्रु बहा लेता हूँ जीवन के सुख दुख मे हर पल खुद को धीर बंधा लेता हूँ देख न ले यह दुनियॉ सारी छुप कर अश्रु बहा लेता हूँ गम के काले बादल छाये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 448 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read मक्का हो जाये वृंंदावन चलो तोड़ दे वे दीवारे बॉट रही जो घर ऑगन काशी बने मदीना औ मक्का हो जायें वृंदावन जाति पाति मज़हब का बंधन मानवता को गाली है सारी दुनियॉ एक... Hindi · गीत 1 457 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read छलने लगें है लोग मासूमियत का ढोंग कर ठगने लगें हैं लोग अब इश्क तेरे नाम से डरने लगें हैं लोग बाजार मे बिकती हुईं इक चीज अब है प्यार लेकर वफा का नाम... Hindi · मुक्तक 1 403 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read खुशी को छोड़ कर आ जाइये दर्द की सारी हदों को तोड़ कर आ जाइये इश्क का दरिया जरा सा मोड़ कर आ जाइये हर घड़ी खुशियाँ मयस्सर, है मगर ये इल्तिजा वक्ते' रुखसत पर खुशी... Hindi · मुक्तक 1 419 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read दीप जलने लगे, अश्क बहने लगे शाम जब भी ढली दीप जलने लगे और फिर याद में अश्क़ बहने लगे दूर करते रहे सिर पर छत की कमी चांद तारे पराये से लगने लगे हुस्न वालों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 432 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read कर्मफल लाभ नहीं कुछ होना मानव यूँ किस्मत पर रोने से कहाँ मुसाफिर मंजिल पाता बीच राह मे सोने से पुष्प भरी शैय्या की मन में इच्छा सभी रखें लेकिन कहाँ... Hindi · मुक्तक 1 497 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read मुल्क दहल जायेगा दौर-ए-गर्दिश तो' इक दिन बदल जायेगा लड़खड़ाता कदम भी सँभल जायेगा आज लड़ने लगें मुश्किलों में अगर मुल्क मेरा यकीनन दह़ल जायेगा © शरद कश्यप Hindi · मुक्तक 1 408 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read पैमाना बोल पड़ता है ज़रा सी चूक पर मेरी जमाना बोल पड़ता है, कि किस्सा बोल पड़ता है फँसाना बोल पड़ता है! जहाँ पर मौन हो जायेगी' सच्चाई जमाने की; वहाँ देने को' हिम्मत... Hindi · मुक्तक 1 313 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read जमाने भर की रुसवाई हमारे नाम कर देगा सुबह होने न पाई है वो' काली शाम कर देगा खुलासा दफ़्न दिल का वो हर इक पैगाम कर देगा मुहब्बत में हमें बख्शेंगा' अब वह जख़्म कुछ ऐसे जमाने... Hindi · मुक्तक 1 761 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read इंसान बन कर जी रिवाजे-इश्क़ से यह जिंदगी अंजान बन कर जी, महल हो समाने तेरे तो फिर शमसान बन कर जी ! मिलेगा वक्त मुस्लिम पारसी औ जैन बनने का, मगर पहले ज़रा... Hindi · मुक्तक 1 589 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read इतिहास बन जाओ निराशा भुखमरी के मध्य में इक आस बन जाओ कि शोषित वर्ग के मन का पुनः विश्वास बन जाओ कलम के साधकों इंसाफ अपनी लेखनी से कर गरीबों के लिए... Hindi · मुक्तक 1 397 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read मेरी हमसफर मेरी तंहाई आखिरी हो सफर संग परछाई हो हो लवों पर हँसी दिल में' रुसवाई हो छोड़ दे साथ सारे न गम है कोई कम से कम हमसफर मेरी' तंहाई हो ©... Hindi · मुक्तक 2 425 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read मैं सिकंदर हो गया अश्क की बूंदें समेटे मैं समंदर हो गया दर्द की ऊँचाइयां छू मैं भी अंबर हो गया क्या बताऊं, हार कर यह दिल बा'जारे हुश्न में इश्क की इस सल्तनत... Hindi · मुक्तक 2 378 Share Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read फिर कलम रो पड़ी, मुक्तक इश्क में इश्क की हर कसम रो पड़ी जब भी धोखा मिला आँख नम रो पड़ी इश्क में दर्द की इंतहा देख कर शायरी फिर ग़ज़ल फिर कलम रो पड़ी... Hindi · मुक्तक 1 579 Share