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25 Jun 2020 · 1 min read

विश्वास बेच देते हैं

गरीबों के छप्पर की घास बेच देते हैं
वो अपनेपन का अहसास बेच देते हैं
खनक सिक्कों की ऐसे भा गई यहाँ सबको
कि पैसों के खातिर विश्वास बेच देते हैं

©
शरद कश्यप

Language: Hindi
1 Like · 1674 Views
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