Shalini Mohan Tag: कविता 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shalini Mohan 2 Mar 2017 · 1 min read परिभाषित..... विधवा शब्द का अर्थ क्या है.... माँग में सिंदूर और माथे पर एक लाल बिंदिया श्रृंगार को पूर्ण रूप से दर्शाती है इनका होना ही एक स्री होने का परिचायक... Hindi · कविता 1 577 Share Shalini Mohan 2 Mar 2017 · 1 min read हमसफ़र चाँद फिसल रहा बादल में पत्तों की सरसराहट ने राग नया छेड़ दिया धाराओं की बलखाती चाल पर हवाओं ने है डेरा डाल लिया तुम आईना परछाई भी सुबह के... Hindi · कविता 315 Share Shalini Mohan 2 Mar 2017 · 1 min read मोक्ष..... हम छोटे से बड़े हो जाते हैं उसी तरह जैसै करता है वह तपता गोला पूरब और पश्चिम उसी एक आकाश में पाने को एक आकार या क्षितिज की सुन्दरता... Hindi · कविता 1 237 Share Shalini Mohan 17 Feb 2017 · 1 min read बुढ़ापा उम्र तो एक संख्या है गणित का खेल ही सही ढ़ल जाती है कभी न कभी ढ़लने से इसे रोको अभी बन गई है क्यों लाचार अभी अपनों ने भी... Hindi · कविता 318 Share Shalini Mohan 17 Feb 2017 · 1 min read बुढ़ापा उम्र तो एक संख्या है गणित का खेल ही सही ढ़ल जाती है कभी न कभी ढ़लने से इसे रोको अभी बन गई है क्यों लाचार अभी अपनों ने भी... Hindi · कविता 281 Share Shalini Mohan 17 Feb 2017 · 1 min read सरहद...एक सीमा सरहद पार किया अपनों को ही ताड़ दिया मिट्टी की सौंधी खुशबू को लहू से है लाल किया जिन्हें आना है,आएँगे जिन्हें जाना था,चले गये क्या जाने वाले लौट के... Hindi · कविता 551 Share Shalini Mohan 17 Feb 2017 · 1 min read परिधि... इन्द्रधनुष में लिपटे होते हैं कई रंग तैरते उसकी देह पर स्थापित होते हैं एक छोर से दूसरी छोर तक रंगों में प्रवेश करती है बारिश की बूँदें...टप टप और... Hindi · कविता 449 Share