सतीश चोपड़ा Language: Hindi 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सतीश चोपड़ा 13 Aug 2017 · 1 min read मासूमों की मौत औकात गरीब की कोड़ी के दाम हो गयी है संवेदना आज इंसान की नीलाम हो गयी है कब्र से कम नहीं रह गए सरकारी अस्पताल बिना ऑक्सीजन मासूमों की मौत... Hindi · कविता 458 Share सतीश चोपड़ा 13 Aug 2017 · 1 min read बेटी खतरे में है दिल था आज कलम उठाऊँ कुछ रूमानी लिखूँ पर बेटी आज खतरे में है कैसे कोई नज्म लिखूं मेरी बेटी सुरक्षित रहे बस यही चिंता है सबकी छेड़ा तेरे बेटे... Hindi · कविता 554 Share सतीश चोपड़ा 13 Aug 2017 · 2 min read गठरी एक बुजुर्ग सिर पर गठरी उठाये बढ़ा आ रहा था हैरान थे मंत्री जी जैसे उनका कद घटा जा रहा था गठरी थी तो कागजो की पर बम से ज्यादा... Hindi · कविता 1k Share सतीश चोपड़ा 6 Aug 2017 · 1 min read भूख और कानून भूख और कानून... भूख क्या है? देखा एक बच्चा तो समझ में आया चूम रहा था जो शीशा नहीं प्रयास था कुछ खाने का खाना जो लजीज था शीशे के... Hindi · कविता 787 Share सतीश चोपड़ा 29 Jul 2017 · 1 min read किसान (रागनी) क्यूकर मनाऊँ तीज पींग फांसी का फंदा दिखै सै दब्या कर्ज तळै हार पेड़ पै किसान लटकता दिखै सै बखते लिकडै काम की ख़ातर ठेठ खेत में पावैं सै जब... Hindi · कविता 612 Share सतीश चोपड़ा 26 Mar 2017 · 1 min read लौट के आ जाओ तुम लौट के आ जाओ तुम मुझपर ये रहम कर दो मुश्किलहै तुम बिन जीना नजर एकइधर कर दो ना धड़कन चलती है हुई सांसे भी मद्धम चुप रह कर देख... Hindi · गीत 395 Share सतीश चोपड़ा 13 Mar 2017 · 1 min read म्हारी होळी म्हारी होळी होळी तो सै त्योंहार रंगां का फाग भाभी गेल्याँ खेलण का सारा साल हाम देखा बाट कद आवै मिहना फागण का भाभी नै भेवण का चा देवर नै... Hindi · कविता 738 Share सतीश चोपड़ा 2 Mar 2017 · 1 min read भारत भू को बाँट रहे कर गुणगान इतिहास का ये जो भारत भू को बाँट रहे निवाला एक देकर हमे ये जो रस मलाई को चाट रहे पथ भटके हो करतब उनके तुम नहीं समझ... Hindi · कविता 652 Share सतीश चोपड़ा 27 Feb 2017 · 3 min read एक कहानी हो मैं चाहता हूँ तेरी मेरी सिर्फ तेरी मेरी एक कहानी हो चाहे सिर्फ एक ही हो पर हो तेरी मेरी जिसमे वो ना हो जिसमे इंकार ना हो जिसमे जिंदगी... Hindi · कविता 590 Share सतीश चोपड़ा 16 Feb 2017 · 1 min read इश्क दरिया है आग का इश्क़ दरिया है आग का, तैर कर पार करेंगे दरिया को डूब जाएँ तो भी मुनाफा है रिश्वत क्या देनी किसी खुदा को सुनो तमाम पूँजी लगा दी है मैंने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 637 Share सतीश चोपड़ा 6 Feb 2017 · 3 min read फिर क्यों नहीं तेरी ममता को नाप पाता हूँ माँ लोग कहते है कि मैं शब्दों का जादू जानता हूँ माँ फिर क्यों नहीं तेरी ममता को नाप पाता हूँ माँ आज जाने क्यों अनायास ही माँ की याद आ... Hindi · कविता 1 1 814 Share सतीश चोपड़ा 1 Feb 2017 · 1 min read हमने मुहब्बत और इबादत में फर्क नहीं रखा रात की नमाज तुम सुबह की अजान हो तुम हमने मुहब्बत और इबादत में फर्क नहीं रखा लोग कहते है बर्बादियों का शबब हो तुम समझाने को उन्हें कोई शेष... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 740 Share सतीश चोपड़ा 22 Jan 2017 · 1 min read बेटी बिना आँगन सूना लगता है कितना भी बड़ा हो, चन्दा बिना आकाश सूना लगता है कितने भी फूल हों, बेटी बिना आँगन सूना लगता है बेटी नहीं है बोझ ये तो होती है गुमान परिवार... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 5k Share