संजय सिंह Tag: गीत 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संजय सिंह 4 Feb 2017 · 1 min read स्थानीय भाषा में लोकगीत चला चली पानी भरी आई... मटकिया अप ने उठाई l ई मटकी मां जान मेरी अटकी.... जाने कब फूटी जाई l.... चला चली ..... पनघट पर छेड़ नंद का लाला... Hindi · गीत 5k Share संजय सिंह 12 Feb 2017 · 1 min read II जीवन की आपाधापी में.....II जीवन की आपाधापी में , ज्ञान दबा सब कापी मे l किसे चाहिए ज्ञान यहां पर, सब पैसो की मापी मे ll जीवन की आपाधापी में .... आज के बच्चे... Hindi · गीत 537 Share संजय सिंह 16 Feb 2017 · 1 min read ना करना अब काले धंधे ना करना अब काले धंधे , गलती अपनी दौराना ना l सीधे साधे भोले भाले , टोपी उनको पहनाना ना ll अपनों की आंखों से गिरकर, जेल में हमको जाना... Hindi · गीत 496 Share संजय सिंह 14 Mar 2017 · 1 min read II एक चितवन से.....II एक चितवन से ए मन चपल हो गया l बात कुछ तो रही जो विकल हो गया l जाने क्या कह गई अधखुली सी पलक l मैं लूटा और जहां... Hindi · गीत 450 Share संजय सिंह 12 Feb 2017 · 1 min read II....मिलन के गीत...II विरह से मैं ऊब गया अब , आज मिलन के गीत लिखूंगा l निष्प्राण झील सी नीरवता तज, अब मैं निर्झर नीर बनूंगा ll विरह से मैं प्यार भी था... Hindi · गीत 466 Share संजय सिंह 19 Feb 2017 · 1 min read II पेड़ों का साया II कुछ तो कदर करो ,दुनिया में लाने वालों की l बहुत पछताएगा जब ,सिर पर ना साया होगा ll आसान नहीं होता ,दुनिया का सफर यारों l भूखे रहकर भी,... Hindi · गीत 438 Share संजय सिंह 17 Feb 2017 · 1 min read II...इलेक्शन सिर पर है....II इलेक्शन सिर पर है, और नोट सारे हो गए कूड़ा l कहां से वोट अब लोगे ,ख़तम है खेल नोटों का ll छोड़ काली कमाई आप भी, बन जाओ अब... Hindi · गीत 426 Share संजय सिंह 23 Feb 2017 · 1 min read II सूखी रोटी और तरकारी में II सूखी रोटी और तरकारी में, बच्चों की किलकारी में, मिल जाएगी सारी खुशी, ना काम करो मक्कारी में ll पड़ोसी का भी हाल पूछ लो, मेला मंडी हॉट घूम लो,... Hindi · गीत 356 Share संजय सिंह 16 Feb 2017 · 1 min read II....आइए आपकी जरूरत है..... II आइए आपकी जरूरत है, जिंदगी कितनी खूबसूरत है l फितरत उसकी समझ में ना आई, यार चेहरा खूबसूरत हैl पूरी कैसे तमन्ना उल्फत की , जब इतनी बड़ी शिकायत है... Hindi · गीत 338 Share संजय सिंह 18 Feb 2017 · 1 min read II हक.. हमारा....II हक लुटते हमारा, क्या मालूम नहीं हमें l कुछ बोलते नहीं, मगर बेबसी से हम II वह ढूंढते थे दौलत, जग के बाजार मे l उनको समझ नहीं, न कमतर... Hindi · गीत 342 Share संजय सिंह 15 Feb 2017 · 1 min read II अब तो आजा II नवगीत डूबा डूबा ए मन , प्यासे प्यासे नयन, थक गए हैं कदम, अब तो आजा lI ना कर इतने सितम जी सकेंगे न हम , टूटे टूटे सपना, अब... Hindi · गीत 321 Share संजय सिंह 9 Feb 2017 · 1 min read II चांद को भी मालूम II चांद को भी मालूम, कि चाहता, है उसे कोई चकोर l बीते तभी तो, रात सुहानी, बांधे नैनों की डोर ll चांद को भी मालूम ........ वह भी दूरी ,सह... Hindi · गीत 269 Share