Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 72 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 Jan 2018 · 1 min read महाकाल कालो के काल महाकाल। प्रचंड है। अखंड है। अलौकिक है। अद्भुत है। क्षम्य है। रक्षक है। भक्षक है। सर्वव्यापी है। अन्तर्यामी है। महाव्यापी है। रुद्र है। महाक्रोध है। ज्ञानी है।... Hindi · कविता 4 565 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 Jan 2018 · 1 min read असर धीरे धीरे तेरे प्यार का हो रहा असर धीरे-धीरे। चढ़ रहा मुहब्बत का जहर धीरे-धीरे।। आसान नही डगर मुहब्बत की देखो। करना है तय इश्क़ का सफर धीरे - धीरे। बड़ रही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 240 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 4 Jan 2018 · 1 min read सागर ??????? तेज रेत सी तपती हूँ मै, एक कतरा पानी का जो मिल जाये। ये अगन प्यासे दिल की जो बुझ जाये। हो तुम मेरी जलती हुयी काया के सागर।... Hindi · कविता 4 457 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 4 Jan 2018 · 1 min read अपना हाल लिखूँ ए मेरी जान सुन आज तुझे हिसाब लिखू दिल ए बेचैन का राज लिखूँ कैसे गुजरे मेरे दिन मेरी रात लिखूँ है दिल कितना बेकरार लिखुँ तुझ पर कुर्बान अपनी... Hindi · कविता 4 221 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 24 Sep 2017 · 1 min read कह मुकरियां विधा-कह मुकरियां "रात भयी आके सताये। भोर भयी वो चला जाये। है वो मुझे बहुत प्यारा, है सखी साजन,ना सखी तारा।। आगे पीछे हर पल घूमे गालों को मेरे चूमे... Hindi · कविता 4 365 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 24 Sep 2017 · 1 min read गजल जागती रात अकेली -सी लगे। तन्हाई एक सहेली-सी लगे। मुद्दतो से वीरान है ये दिल मुहब्बत अब पहेली सी लगे छोड के गये वो इस तरह रूह वीरान हवेली सी... Hindi · कविता 5 422 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 24 Sep 2017 · 1 min read मै एक किसान हुँ रोती धरती और अम्बर मै परेशान हुँ हाँ मै एक किसान हुँ।। होती घोषणा नित नयी जीवन से बेहाल हुँ हाँ मै एक किसान हुँ।। टूटी झोपड़ी फ़टे हैं कपड़े... Hindi · गीत 4 557 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 21 Apr 2017 · 1 min read अधिकार बात करते हो जब अधिकार की, दिया किस ने है अधिकार नारी को। किया छलनी उस के आत्म-सम्मान को, किया हनन हमेशा ही उस के अधिकार को। बात करो जब... Hindi · कविता 4 1 381 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 16 Apr 2017 · 1 min read नफ़रतें यु पनपती है नफरतो की ना बात करो जनाब हर दिल में रहती है आजकल प्यार से ज्यादा नफरते पनपती है आजकल बदले बदले से रहने लगे है जज्बात सभी बिगड़े बिगड़े रहते... Hindi · कविता 3 271 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 16 Apr 2017 · 1 min read तुम से कुछ कहना है **सुनो ** आज तुम से कुछ कहना है क़ौन हो तुम मेरे लिये ये सब पूछ रहे है जरा उन को भी हाल ए दिल बता दो मेरा धड़क रही... Hindi · कविता 3 302 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 16 Apr 2017 · 1 min read काश मेरे भी एक बेटी होती ए काश मेरे भी एक प्यारी सी बेटी होती परियों से उसे सजाती दो प्यारी सी चोटी तेरी बनाती सुंदर सपनो की दुनियॉ में मैं अक्सर खो जाती खूब सारी... Hindi · कविता 5 1k Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 13 Apr 2017 · 4 min read संस्मरण-आरक्षण एक कोढ संस्मरण-आरक्षण एक कोढ बात मई 2008 की है,हम मुम्बई रहते थे और गर्मी की छुटियाँ बिताने अपने शहर मथुरा आते थे।पति जी को ऑफिस से इतना लम्बी छुटियाँ नही मिलती... Hindi · कविता 3 274 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 12 Apr 2017 · 1 min read मेरे हमसफ़र एक आहट सी होती है, तो लगता है कि तुम हो। कोई खिड़की कही खुलती है तो लगता है कि तुम हो।। हो नही रु-ब-रु तो क्या मेरे, सरीक-ए-हयात भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 541 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 12 Apr 2017 · 1 min read इश्क़ - ए- करम 12 /4/ 17 वार -बुधवार विधा -गजल काफिया-आते रदीफ़-रहे हम *********** इश्क़-ए-करम निभाते रहे हम तेरे हिज्र में मुस्कुराते रहे हम नजर जो मिली थी नजर से वो नजर अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 315 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 11 Apr 2017 · 1 min read हनुमान जयंती मुक्तक सृजन 11/4/17 वार - मंगलवार हनुमान-जयंती इतनी कृपा करना,दुःख दूर हो जाये । भटके नही हम राह,भव से तर जाये । सजा ना देना अपराधों की,हे बजंगवली, कृपा करना... Hindi · मुक्तक 3 410 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 10 Apr 2017 · 1 min read मुहब्बत का सलीका मुहब्बतों का सलीका सीखा दिया मैंने, हिज्र-ए-इश्क़ में रह के दिखा दिया मैंने। गुजरी थी जो रात तेरे साथ,उस की खुश्बू को खुद में बसा दिया मैने। खलिश - ए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 504 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 10 Apr 2017 · 1 min read दर्द देह व्यवपार का कौन बयान कर सकता है, दर्द, देह के व्यपार का। सजती है महफ़िल, जमती है रौनक, आते है लोग, दौलत बहुत होती है पास होता है रुतबा खास खरीदी चीज... Hindi · कविता 3 409 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 9 Apr 2017 · 1 min read राम मंदिर का दर्द ????? काफिया -आरा रदीफ़ -न हुआ ?????? ************** वाह रे मतलब की दुनियॉ, कोई भी हमारा न हुआ। राम मंदिर को तूल तो दिया , कोई आज तक किनारा न... Hindi · कविता 3 1k Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 9 Apr 2017 · 4 min read संस्मरण संस्मरण-पहला प्यार। लोग कहते है- "पहला प्यार भुलाये,नही भूलता" अनायास ये सवाल जहम में रोधने लगा,हर बार की तरह गर्मी की दुपहरी थी और मै तन्हा खुद से ये सवाल... Hindi · लघु कथा 3 416 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 9 Apr 2017 · 1 min read गीत विषय-शहीदी दिवस ************** "आओ मिल कर नमन करे, उन वीर सपूतों को, जिस ने ओढ़ बसन्ती चोला चूमा धरती को, गली गली में झुमा उन की देशभक्ति का गाना, "ओ... Hindi · गीत 3 329 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 9 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक "कभी अपनी हँसी पर भी गुस्सा आता है, कभी सारे जहाँ को हँसाने को जी चाहता है। कभी छुपा लेते है गमो को दिल के किसी कोने मे, कभी किसी... Hindi · कविता 3 332 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 9 Apr 2017 · 1 min read दिल के अहसास दिल की गहराई ************** आज फिर से तेरी याद दिल तक जा पहुँची एक कसक उठी और बड़ी गहराई से पहुँची तड़प क्या होती है कोई पूछो हम से जब... Hindi · कविता 3 887 Share Previous Page 2