Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 82 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 1 Aug 2018 · 1 min read सावन के दोहे प्रदत्त शब्द-छाता, घटा,रिमझिम १)महिना सावन आ गया, रिमझिम है चहुँ ओर। पेड़ों पर फल लद गये, नाचे वन में मोर।। २)छाता साजन ले गये, भीगे मन के तार। तडप रहा... Hindi · दोहा 9 1 1k Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 14 Mar 2018 · 1 min read वर्ण पिरामिड मै सीता पावन पवित्र हूँ सहूँगी नही जुल्म तेरे अब।। ये आज की नारी कमजोर समझ मत तेरी भूल है ये।। हूँ राधा कोमल सुकमारी तेरी दामिनी कमजोर नही हूँ।।... Hindi · कविता 7 404 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 14 Mar 2018 · 1 min read कह मुकरियां ??????? उस से जो मै मिल ना पाऊँ सच कितना ही मैं घबराऊँ मिले चैन, देखु जब तेरा लुक का सखी साजन,ना सखी फेसबुक।। जब से वो जीवन मे आया... Hindi · कविता 7 300 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 11 Feb 2018 · 1 min read तू सहारा विधा-मनहरण धनाक्षरी तू ही जीने का सहारा तू ही है बस हमारा तुझसे जीवन सारा ये तनमन वारा। लगे तू ही बस प्यारा मेरे जीने का सहारा सारे जग से... Hindi · घनाक्षरी 7 269 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 11 Feb 2018 · 1 min read साजन विधा कह मुकरियां विधा कह मुकरियां रात भयी वह मोहे सताये दिल को मेरे चैन ना आये। है नही कोई लगे मेरा अपना है सखी साजन,ना सखी सपना।। छीन गयी निदिया, ले गया... Hindi · गीत 7 440 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 11 Feb 2018 · 1 min read आतंकवाद एक कुंडली प्रयास आतंकवाद पर आतंकी गठजोड़ से,मची देश में त्राहि। जतन करो रोक लो,फैल रही है तबाही।। फैल रही तबाही,देशहित कौन हो आगें। रोक सके जो इसे,ऐसा अब मानुस... Hindi · कुण्डलिया 7 591 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 11 Feb 2018 · 1 min read निभाऊंगी वचन वर्ण पिरामिड लो किया वचन निभाऊंगी सात जन्म मै हो कर तुम्हारी अर्धांगनी पिया की।। दो तुम वचन साथ दोगे जब तक है जिस्म में जान भूलोगे ना प्यार रहूँगी... Hindi · मुक्तक 7 491 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 2 Feb 2018 · 1 min read जिस दिन साँसे रुक जाएगी जिस दिन साँस मेरी रुक जाएगी। देखने मेरी लाश को भीड़ उमड़ आएगी। जो पूछते नही हाल चाल भी मेरा। देखना उन को ही रुदायी तड़फाएगी। मरना है जानते हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 570 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 Jan 2018 · 1 min read खुद के लिए जी लूँ ख़ुद के लिए जी लूँ....... सोचा है आज थोड़ा सा खुद के लिये जी लूँ । दुनियाँ की बातों का जहर हँस के पी लूँ ।। जालिम हैं दुनिया वाले,दर्द... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 290 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 Jan 2018 · 1 min read ए मेरी जान ए मेरी जान सुन आज तुझे हिसाब लिखू दिल ए बेचैन का राज लिखूँ कैसे गुजरे मेरे दिन मेरी रात लिखूँ। है दिल कितना बेकरार लिखुँ। तुझ पर कुर्बान अपनी... Hindi · कविता 7 315 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 Jan 2018 · 1 min read महाकाल कालो के काल महाकाल। प्रचंड है। अखंड है। अलौकिक है। अद्भुत है। क्षम्य है। रक्षक है। भक्षक है। सर्वव्यापी है। अन्तर्यामी है। महाव्यापी है। रुद्र है। महाक्रोध है। ज्ञानी है।... Hindi · कविता 7 602 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 Jan 2018 · 1 min read असर धीरे धीरे तेरे प्यार का हो रहा असर धीरे-धीरे। चढ़ रहा मुहब्बत का जहर धीरे-धीरे।। आसान नही डगर मुहब्बत की देखो। करना है तय इश्क़ का सफर धीरे - धीरे। बड़ रही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 272 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 4 Jan 2018 · 1 min read सागर ??????? तेज रेत सी तपती हूँ मै, एक कतरा पानी का जो मिल जाये। ये अगन प्यासे दिल की जो बुझ जाये। हो तुम मेरी जलती हुयी काया के सागर।... Hindi · कविता 7 512 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 4 Jan 2018 · 1 min read अपना हाल लिखूँ ए मेरी जान सुन आज तुझे हिसाब लिखू दिल ए बेचैन का राज लिखूँ कैसे गुजरे मेरे दिन मेरी रात लिखूँ है दिल कितना बेकरार लिखुँ तुझ पर कुर्बान अपनी... Hindi · कविता 7 248 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 24 Sep 2017 · 1 min read कह मुकरियां विधा-कह मुकरियां "रात भयी आके सताये। भोर भयी वो चला जाये। है वो मुझे बहुत प्यारा, है सखी साजन,ना सखी तारा।। आगे पीछे हर पल घूमे गालों को मेरे चूमे... Hindi · कविता 7 453 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 24 Sep 2017 · 1 min read गजल जागती रात अकेली -सी लगे। तन्हाई एक सहेली-सी लगे। मुद्दतो से वीरान है ये दिल मुहब्बत अब पहेली सी लगे छोड के गये वो इस तरह रूह वीरान हवेली सी... Hindi · कविता 8 458 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 24 Sep 2017 · 1 min read मै एक किसान हुँ रोती धरती और अम्बर मै परेशान हुँ हाँ मै एक किसान हुँ।। होती घोषणा नित नयी जीवन से बेहाल हुँ हाँ मै एक किसान हुँ।। टूटी झोपड़ी फ़टे हैं कपड़े... Hindi · गीत 7 586 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 21 Apr 2017 · 1 min read अधिकार बात करते हो जब अधिकार की, दिया किस ने है अधिकार नारी को। किया छलनी उस के आत्म-सम्मान को, किया हनन हमेशा ही उस के अधिकार को। बात करो जब... Hindi · कविता 7 1 432 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 16 Apr 2017 · 1 min read नफ़रतें यु पनपती है नफरतो की ना बात करो जनाब हर दिल में रहती है आजकल प्यार से ज्यादा नफरते पनपती है आजकल बदले बदले से रहने लगे है जज्बात सभी बिगड़े बिगड़े रहते... Hindi · कविता 6 303 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 16 Apr 2017 · 1 min read तुम से कुछ कहना है **सुनो ** आज तुम से कुछ कहना है क़ौन हो तुम मेरे लिये ये सब पूछ रहे है जरा उन को भी हाल ए दिल बता दो मेरा धड़क रही... Hindi · कविता 6 335 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 16 Apr 2017 · 1 min read काश मेरे भी एक बेटी होती ए काश मेरे भी एक प्यारी सी बेटी होती परियों से उसे सजाती दो प्यारी सी चोटी तेरी बनाती सुंदर सपनो की दुनियॉ में मैं अक्सर खो जाती खूब सारी... Hindi · कविता 8 1k Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 13 Apr 2017 · 4 min read संस्मरण-आरक्षण एक कोढ संस्मरण-आरक्षण एक कोढ बात मई 2008 की है,हम मुम्बई रहते थे और गर्मी की छुटियाँ बिताने अपने शहर मथुरा आते थे।पति जी को ऑफिस से इतना लम्बी छुटियाँ नही मिलती... Hindi · कविता 6 309 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 12 Apr 2017 · 1 min read मेरे हमसफ़र एक आहट सी होती है, तो लगता है कि तुम हो। कोई खिड़की कही खुलती है तो लगता है कि तुम हो।। हो नही रु-ब-रु तो क्या मेरे, सरीक-ए-हयात भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 586 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 12 Apr 2017 · 1 min read इश्क़ - ए- करम 12 /4/ 17 वार -बुधवार विधा -गजल काफिया-आते रदीफ़-रहे हम *********** इश्क़-ए-करम निभाते रहे हम तेरे हिज्र में मुस्कुराते रहे हम नजर जो मिली थी नजर से वो नजर अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 352 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 11 Apr 2017 · 1 min read हनुमान जयंती मुक्तक सृजन 11/4/17 वार - मंगलवार हनुमान-जयंती इतनी कृपा करना,दुःख दूर हो जाये । भटके नही हम राह,भव से तर जाये । सजा ना देना अपराधों की,हे बजंगवली, कृपा करना... Hindi · मुक्तक 6 451 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 10 Apr 2017 · 1 min read मुहब्बत का सलीका मुहब्बतों का सलीका सीखा दिया मैंने, हिज्र-ए-इश्क़ में रह के दिखा दिया मैंने। गुजरी थी जो रात तेरे साथ,उस की खुश्बू को खुद में बसा दिया मैने। खलिश - ए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 561 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 10 Apr 2017 · 1 min read दर्द देह व्यवपार का कौन बयान कर सकता है, दर्द, देह के व्यपार का। सजती है महफ़िल, जमती है रौनक, आते है लोग, दौलत बहुत होती है पास होता है रुतबा खास खरीदी चीज... Hindi · कविता 6 443 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 9 Apr 2017 · 1 min read राम मंदिर का दर्द ????? काफिया -आरा रदीफ़ -न हुआ ?????? ************** वाह रे मतलब की दुनियॉ, कोई भी हमारा न हुआ। राम मंदिर को तूल तो दिया , कोई आज तक किनारा न... Hindi · कविता 6 1k Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 9 Apr 2017 · 4 min read संस्मरण संस्मरण-पहला प्यार। लोग कहते है- "पहला प्यार भुलाये,नही भूलता" अनायास ये सवाल जहम में रोधने लगा,हर बार की तरह गर्मी की दुपहरी थी और मै तन्हा खुद से ये सवाल... Hindi · लघु कथा 6 461 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 9 Apr 2017 · 1 min read गीत विषय-शहीदी दिवस ************** "आओ मिल कर नमन करे, उन वीर सपूतों को, जिस ने ओढ़ बसन्ती चोला चूमा धरती को, गली गली में झुमा उन की देशभक्ति का गाना, "ओ... Hindi · गीत 6 388 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 9 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक "कभी अपनी हँसी पर भी गुस्सा आता है, कभी सारे जहाँ को हँसाने को जी चाहता है। कभी छुपा लेते है गमो को दिल के किसी कोने मे, कभी किसी... Hindi · कविता 6 374 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 9 Apr 2017 · 1 min read दिल के अहसास दिल की गहराई ************** आज फिर से तेरी याद दिल तक जा पहुँची एक कसक उठी और बड़ी गहराई से पहुँची तड़प क्या होती है कोई पूछो हम से जब... Hindi · कविता 6 943 Share Previous Page 2