Sajan Murarka Language: Hindi 67 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sajan Murarka 28 Jan 2018 · 1 min read देश हमारा है व्यंग ये सच्चा करारा है देश का हाल उतारा है हमने भार दुसरे पे डारा है तभी देश ऐसा हमारा है नेताओं को भ्रष्टाचार प्यारा है जनता तो लाचार बेचारा... Hindi · कविता 284 Share Sajan Murarka 20 Jan 2017 · 1 min read समझौता चलो कुछ समझौता कर ले वक्त न तुम्हारा न होगा हमारा कुछ आपस में बटवारा कर ले मैं तुम्हें याद रखूँगा तुम्ह मुझे न भुलाना यादों को सहने का उपाय... Hindi · कविता 263 Share Sajan Murarka 20 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक बुढ़ापे में जो नज़र कमज़ोर हो गई अफ़सोष सब की नीगह पलट गई हर चीज़ पुछता हूं,उलझी सी नज़र उजली सहर जैसे अंधेरी रात हो गई सजन Hindi · मुक्तक 471 Share Sajan Murarka 20 Jan 2017 · 1 min read राम नाम सत्य है बड़ा अजीब लगता मृत शरीर को कंधे पर रखकर लोग चिल्लाते रहे राम नाम सत्य है मृतक को बता रहे थे या खुद मृत होने तक इस सत्य को दोहरा... Hindi · कविता 367 Share Sajan Murarka 20 Jan 2017 · 1 min read बसंत बसंत खड़ा द्वार पल्लवित कुसुम,हरित कोमल पत्र सम्भार दिग सुशोभित,हर्षित-गर्वित धरा रूप अपार शीतलता ग्रसित,रंजीत रक्ताभ अधर- कपार स्वेत वैरागी परिधेय मुक्त आया रंगीन वाहर सुगंध पुष्प-पल्लव नवांकुरोन्मुख बसंत द्वार... Hindi · कविता 642 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read बदलाव चाहिये बदलाव चाहिये सुबह की चाय हाथ मे अखवार वही खबर लूटमार बलात्कार भ्रस्टाचार पढ़ते पढ़ते चाय ठंडाई छाई मलाई अंतरमन मे अफसोष करते सरकार को गरियाते व्यवस्था की दुहाई देते... Hindi · कविता 272 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read मिलन एहसास मिलन की खुमार, चड़े हुए नशे की सुमार नशे की सूरत उतरे, पर न उतरे मिलन का एहसास एतवार अभी बाकी, खूश्बु रह गई मेरे पास यह मिलन के... Hindi · कविता 297 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read आया रे सावन आया रे सावन खिल उठा मन, चहका चित्तवन, झूमे आंगन आंगन , सखीयाँ नाचो-गाओं, धूम मचाओ,बड़ गई धड़कन बहका-बहका मोसम, भीगी भीगी हवा,आया रे सावन महका गुलशन, महकी फिजायें, रोम-रोम... Hindi · कविता 445 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read मैं बूढ़ा पेढ़, मैं बूढ़ा पेढ़, मुझ मे झुरियां पढ़ चुकी, कितने अर्सों से यहाँ खड़ा ! गर्मी-सर्दी,सावन -भादो- हर मौसम को निहारता, सारे के सारे उतार चड़ाव, चिलमिलाती धुप सहकर, दूसरों के... Hindi · कविता 258 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read बीता- वक़्त बीता- वक़्त सचमुच खोया वक़्त, सोये देर तक इधर उधर की बातें, गप्पे देर तक उम्र बढ़ गई, मायूसी दूर तक जागे अब,अफसोश कब तक लोग सभी जगा-जगा कर हारे,... Hindi · कविता 398 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read कल गुजरे हुवे कल पूछे कुछ ऐसे कल अभी गुजरा कंहा से फिर वापस आने की है जो बात कल नहीं, आज भी हूँ साथ हर एक कल में आज समाया... Hindi · कविता 271 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक बहुत उदास हूं थोड़ा मन बहला दो ना बहुत ज़्यादा नहीं थोड़ा समझा दो ना थक कर सो जाऊं सपने में यों ही कहीं वह छोटी सी गोद माँ की... Hindi · मुक्तक 440 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read स्वप्न बुनना स्वप्न बुनना जब देखता हूँ ; बिछोने पर बैठी, हज़ारों फंदे डाल, बेटे के लिये,जाड़े मे, क्रोशिए से स्वेटर बुनते! सोचता हूँ ,बुनती ही क्यों? बुनती भी हो तो क्या-... Hindi · कविता 291 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read ठन्ड में पेश है चाय:- ठन्ड में पेश है चाय:- प्यारा बंधन हम दोनों यारों में .........................जैसे गरम चाय स्पर्श भावों के रोमांच शरीर पे .......................जैसे वाष्पित चाय लिखे लेख से एक ही विचार में... Hindi · कविता 301 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read जिन्दगी जिन्दगी जिन्दगी के दस्तूर बड़े निर्जीव हसंता-रोता खेलता मौत के ठिकाने पहुंचने सजीव कुछ दमकते ख़याल जिस का असर अज़ीब मन को रोशनी देते अँधेरे मे, उज्जाला फैलते तमस क्षण... Hindi · कविता 228 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read पिया मिलन की बात पिया मिलन की बात सुनीसुनी सी रात, मन भीगा याद आई तेरी, मन बहका, आज मंज़र थे कुछ जालिम से याद आये दिन वह मिलन के सावन के भीगी भीगी... Hindi · कविता 1k Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 2 min read अजन्ता के मूर्त-रूप पाषाण शिला मे सजीव शिल्प अत्यन्त निराला; अजन्ता के मूर्त-रूप मे प्रकट नारी-सौन्दर्य कला, शिल्पी के अन्तर भाव छेनीसे निखर निखर चला, चाहत थी या नहीं राजकीय, प्रेमातुर से रूप... Hindi · कविता 333 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read चंचलवाला महके जो अंग अंग जुबां सरस मधुर रशीली नयनो में मादकता है गालों पर लाली नाक मुख सिकोरे चाल चले मतवाली पांव में पैजनीया कानों पर बाली चुड़ि खनकती इतराये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 250 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read चिट्ठी आई बेटे की चिट्ठी आई बेटे की तुम्हारे जाने के बाद हर दिन खिड़की से बाहर तकाते उम्मीदों की आश लगाये मायूस होकर अब गुमशुम से खिड़की से पर्दा नहीं हटाते बहुत दिनों... Hindi · कविता 368 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read हालात वक्त आया ऐसा न वफ़ादारी रहेगी एहसान की न कोई क़रजदारी रहेगी गज़ब चलन जमाने की देखेगा जमाना मतलबी यारों की दुनियादारी रहेगी काम निकल जाने पर न रहेगा याराना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 308 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read नारी विमर्श चटक लाल रंग मांग में सिंदूर मंगलसूत्र, चुड़ियाँ माथे की बिंदीयाँ सुहागन की हर निशानी कितने प्रयत्न से धारन कर मैं, अभागन कहलाई सुहागन, परन्तु यह यतन मुझ को नहीं... Hindi · कविता 470 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक जब शहर की उदास सी चुप-चाप शाम देखता हूं गांव में चिड़ियों का चहकना खूब याद करता हूं अब उदास फिरता हूं इस शहरी पक्के रास्तों में गांव की पगडंडी... Hindi · मुक्तक 277 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read शाम की कहानी रात दिन का जिक्र रहा, गुमनाम रह गई शाम आशिकों ने दामन थामा, लम्हों में बीत गई शाम सुरमई सी कल्पना रही , अंत-उदय में बह गई शाम मिलन और... Hindi · कविता 1 680 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read तुम पराई "हो-ली" तुम पराई "हो-ली" प्रिये ! तुम तो पराई "हो-ली":- छिपुं विस्मृती के अंधकार में, उसके पहले हृदय पलट पे, मेरे प्रणय-पल के, प्रथम मिलन क्षण; अंकित कर दो या, रोक... Hindi · कविता 552 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read पाती प्रेम की पाती प्रेम की शब्द शब्द है मुखर नेह अनुवादों की अक्षर अक्षर गमक रहा सुगंध देह की फ़ैली स्याही महकी जैसे यादों की मन में बहके सुरभि अन्तरमन की खूश्बु... Hindi · कविता 1 283 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read एक पाती बच्ची के नाम :- फ़ोन जब आया कल शाम सोच में बीता समय सो नहीं पाया सारी रात अवरूद्ध गले से अस्पष्ट आवाज़ें हथौड़े सा चोट करती ख़नकती रही बात क्या करूँ समझ के... Hindi · कविता 437 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read तेरी याद मे, तेरी याद मे, मुस्कुराते लबों से, नज़र के झरोखे से ; उँगलियों के बंधन से, बदन की खुशबू से, गलों की लाली से,आलिंगन की गर्माहट से , तुम सिमटी हो... Hindi · कविता 286 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read कविता के आयाम छंदों से कर दूं आँख मिचोली, या लिख दूं कोई सुरीली बोली ... शब्दों की लाली रच दूं, या भर दूं पेचीदा अक्षरों की झोली .. वर्णन करूं प्रकृति का... Hindi · कविता 605 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read कन्या की छबी न्यारी शीतल वचन,कोमल मन,स्नेह सुख परिभाषी मंगल मूरत,नित सेवत,सत चित,प्रकृती से दासी निसदिन सेवत,प्रेम सहित डोलत,करत सुखराशी कबंहूँ नहीं मांगत,न कबंहूँ कठोर संकल्प फरमासी करुनामय,रसमय,लछमी रूपा आनंद सुधा बरसाती कोयल सी... Hindi · कविता 414 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read मिलन का आभास पंख अगर होते मेरे पास रंगों में भर देता पलाश शब्दों में भर देता उल्लास नया पैगाम, नई अभिलाष पंख अगर होते मेरे पास दूरी है,मजुबरी है,नहीं हूँ हताश उमंग... Hindi · कविता 336 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read मिलन के पल प्रिय ! तुम्हारे साथ के वह पल या तुम्हारे बिना यह पल दोनों पल, कैसे हैं ये पल ? जला रहे हैं मुझे पल पल . प्रिय ! तन्हाई के... Hindi · कविता 544 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read इशारा है आशिकी का..! इशारा है आशिकी का..! आँखों में मुहब्बत की कहानी , दिल में लहरें उम्मीद की धड़कनो में चाहत की रवानी; याद तो हर साँस में आनी शुरुआत और अन्त प्रेम... Hindi · कविता 262 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read तन्हाई...... कविता विरह की तन्हाई...... कविता विरह की तन्हाई मे निश्चुप निःशब्द लम्हों में गौर से सुना तो लिपटते, बलखाते झुंड अल्फाजों के बुदबुदाने लेगे जब शब्द मन में तब होती कविता विरह की... Hindi · कविता 708 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read पिया मिलन की बात पिया मिलन की बात सावन के भीगी भीगी रात सुनीसुनी सी रात,मन भीगा याद आई तेरी, मन बहका, मंज़र थे कुछ जालिम से याद आये दिन मिलन के दूर गगन... Hindi · कविता 529 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read प्रियतमा की याद प्रियतमा की याद गहरा रखता है अर्थ इस खोज का स्मृति से सूने वन मे रात्रि समय ध्वनि गूंज जाती जैसे डूबा हुआ उदासी मे,याद आती बिखर-बिखर उनका नाम, लिखें... Hindi · कविता 548 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read वक्त वक्त से सीखा की वक्त किसी के लिये रूकता नहीं वक्त ने ही जताया,वक्त सब का एक सा चलता नहीं बदलते वक्त के साथ जो बदल गये,उन्हें परेशानी नहीं जो... Hindi · कविता 540 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read प्रात: अभिनन्दन । प्रात: अभिनन्दन । जागो, देखो भोर का उजियारा कोहरे से छाया जैसे अंधियारा लगे क्षितिज में मिल गई है धरा वसुधरा में ठन्ड का असर गहरा शीतल-कोमल हाथों ने दुलारा... Hindi · कविता 746 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read भारत का एक गाँव ... भारत का एक गाँव ... गाँव की सड़क-किनारे कढ़वे-मीठे अनुभवों के झरोखों से छिप बिस्मृती के अंधकार में यादो के झुरमुट से कोई पत्ता,उड़ते हुवे आया; उस पर कुछ धुल... Hindi · कविता 338 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read शृंगारिका शृंगारिका नैन चंचल मिलन विकल मन आकुल आतुर मित रूप शोभित मन विचलित तन पल्लवित शृंगार रचित प्रेयसी चित्त अधर लाल सुकोमल गाल मृग नयन छटा मनमोहन पैजनिया तान छन... Hindi · कविता 267 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read रोटी का सवाल ? सड़क किनारे बैठी वह औरत अपने बच्चे को पिटाई करते करते खुद रो रही थी उसके साथ बच्चा रो रहा था भूख से बेहाल मां रो रही थी बेबस अपने... Hindi · कविता 316 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read मिलन के एहसास एहसास मिलन की खुमार, चड़े हुए नशे की सुमार नशे की सूरत उतरे, पर न उतरे मिलन का एहसास एतवार अभी बाकी, खूश्बु रह गई मेरे पास यह मिलन के... Hindi · कविता 306 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read आया रे सावन आया रे सावन खिल उठा मन, चहका चित्तवन, झूमे आंगन आंगन , सखीयाँ नाचो-गाओं, धूम मचाओ,बड़ गई धड़कन बहका-बहका मोसम, भीगी भीगी हवा,आया रे सावन महका गुलशन, महकी फिजायें, रोम-रोम... Hindi · कविता 279 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read एहसास सर्द हवाओं का यह मंज़र, लहू को जमाता मौसम का असर; नर्म हथेलियों पे शबनमी ओस, खुश्क पीले पत्तों की सर-सर; बर्फ़ बिखरते, बहता चुभन भर, धुंध से घिरा रहता... Hindi · कविता 287 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read मिलन के ख्याल मिलन के ख्याल जब वह शर्मसार होते हैं; तो चहेरे पे गुलाब होते हैं . आँखों मे शोख़ी,होटों मे मुस्कान;दिल मे तूफ़ान होते हैं जब वह निहारें तिरछी नज़र से;दिल... Hindi · कविता 275 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read "विरह" मेरी कलम लिख रही, "विरह" मधुमास का, मन मुरझाया, खिला फूल जब अमलतास का, चली जब बसंती पवन,पलाशों सा मन दहका, गमगीन कोयल भी गाये गीत मेरे विरह का ,... Hindi · कविता 611 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read राजनैतिक फायदे बेहद मजेदार है मजहबी ज़हर सिर्फ फैलाने पर दिखाता असर सियासतदान को दिलाता मंज़र बेगुनाहों पर होता बेवजह क़हर फैलानेवाले बने धर्म के सिकंदर बांट के लूटो इस का सार... Hindi · कविता 245 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read मैं और तुम मैं और तुम मैं प्यासा सागर तट का मैं दर्पण हूँ तेरी छाया का मैं ज्वाला हूँ तड़पन का मैं राही हूँ प्यार मे भटका मैं हूँ मौन इज़हार दर्द... Hindi · कविता 405 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read व्यंगयुक्त तुकबंधी एक पुरानी व्यंगयुक्त तुकबंधी नाम की महिमा भजो प्रभु का नाम बने तेरे, बिगढ़ेे काम देख हाल प्रभु चकराये नाम की महिमा से शरमाये किस तरह लें प्रभु का नाम... Hindi · कविता 331 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read जिंदगी तो अब यह ही है मन ने कर लिया स्वीकार,जिंदगी तो अब यह ही है अब जोशे खून मद्धिम हो चला जब जीबन अंत की और चला एक धुंदली सी परछाई छोढ़ चला अंतिम पढ़ाव... Hindi · कविता 544 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read शेर आज दिल की धड़कन सम्भलती नहीं मुझ से न जाने क्यों हिचकीयां आ रही मुझे सुबह से ******* पढ़ पसीने की बूंदें माथे पे उभर आई लिखी तेरी बातें मुझे... Hindi · शेर 310 Share Page 1 Next