Sajan Murarka 67 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read शाम की कहानी रात दिन का जिक्र रहा, गुमनाम रह गई शाम आशिकों ने दामन थामा, लम्हों में बीत गई शाम सुरमई सी कल्पना रही , अंत-उदय में बह गई शाम मिलन और... Hindi · कविता 1 658 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read एक पाती बच्ची के नाम :- फ़ोन जब आया कल शाम सोच में बीता समय सो नहीं पाया सारी रात अवरूद्ध गले से अस्पष्ट आवाज़ें हथौड़े सा चोट करती ख़नकती रही बात क्या करूँ समझ के... Hindi · कविता 428 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read चंचलवाला महके जो अंग अंग जुबां सरस मधुर रशीली नयनो में मादकता है गालों पर लाली नाक मुख सिकोरे चाल चले मतवाली पांव में पैजनीया कानों पर बाली चुड़ि खनकती इतराये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 241 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read चिट्ठी आई बेटे की चिट्ठी आई बेटे की तुम्हारे जाने के बाद हर दिन खिड़की से बाहर तकाते उम्मीदों की आश लगाये मायूस होकर अब गुमशुम से खिड़की से पर्दा नहीं हटाते बहुत दिनों... Hindi · कविता 357 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read हालात वक्त आया ऐसा न वफ़ादारी रहेगी एहसान की न कोई क़रजदारी रहेगी गज़ब चलन जमाने की देखेगा जमाना मतलबी यारों की दुनियादारी रहेगी काम निकल जाने पर न रहेगा याराना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 302 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read नारी विमर्श चटक लाल रंग मांग में सिंदूर मंगलसूत्र, चुड़ियाँ माथे की बिंदीयाँ सुहागन की हर निशानी कितने प्रयत्न से धारन कर मैं, अभागन कहलाई सुहागन, परन्तु यह यतन मुझ को नहीं... Hindi · कविता 460 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक जब शहर की उदास सी चुप-चाप शाम देखता हूं गांव में चिड़ियों का चहकना खूब याद करता हूं अब उदास फिरता हूं इस शहरी पक्के रास्तों में गांव की पगडंडी... Hindi · मुक्तक 266 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read तुम पराई "हो-ली" तुम पराई "हो-ली" प्रिये ! तुम तो पराई "हो-ली":- छिपुं विस्मृती के अंधकार में, उसके पहले हृदय पलट पे, मेरे प्रणय-पल के, प्रथम मिलन क्षण; अंकित कर दो या, रोक... Hindi · कविता 544 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read पाती प्रेम की पाती प्रेम की शब्द शब्द है मुखर नेह अनुवादों की अक्षर अक्षर गमक रहा सुगंध देह की फ़ैली स्याही महकी जैसे यादों की मन में बहके सुरभि अन्तरमन की खूश्बु... Hindi · कविता 1 268 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 2 min read अजन्ता के मूर्त-रूप पाषाण शिला मे सजीव शिल्प अत्यन्त निराला; अजन्ता के मूर्त-रूप मे प्रकट नारी-सौन्दर्य कला, शिल्पी के अन्तर भाव छेनीसे निखर निखर चला, चाहत थी या नहीं राजकीय, प्रेमातुर से रूप... Hindi · कविता 320 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read तेरी याद मे, तेरी याद मे, मुस्कुराते लबों से, नज़र के झरोखे से ; उँगलियों के बंधन से, बदन की खुशबू से, गलों की लाली से,आलिंगन की गर्माहट से , तुम सिमटी हो... Hindi · कविता 280 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read कविता के आयाम छंदों से कर दूं आँख मिचोली, या लिख दूं कोई सुरीली बोली ... शब्दों की लाली रच दूं, या भर दूं पेचीदा अक्षरों की झोली .. वर्णन करूं प्रकृति का... Hindi · कविता 590 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read कन्या की छबी न्यारी शीतल वचन,कोमल मन,स्नेह सुख परिभाषी मंगल मूरत,नित सेवत,सत चित,प्रकृती से दासी निसदिन सेवत,प्रेम सहित डोलत,करत सुखराशी कबंहूँ नहीं मांगत,न कबंहूँ कठोर संकल्प फरमासी करुनामय,रसमय,लछमी रूपा आनंद सुधा बरसाती कोयल सी... Hindi · कविता 401 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read मिलन का आभास पंख अगर होते मेरे पास रंगों में भर देता पलाश शब्दों में भर देता उल्लास नया पैगाम, नई अभिलाष पंख अगर होते मेरे पास दूरी है,मजुबरी है,नहीं हूँ हताश उमंग... Hindi · कविता 327 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read मिलन के पल प्रिय ! तुम्हारे साथ के वह पल या तुम्हारे बिना यह पल दोनों पल, कैसे हैं ये पल ? जला रहे हैं मुझे पल पल . प्रिय ! तन्हाई के... Hindi · कविता 526 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read इशारा है आशिकी का..! इशारा है आशिकी का..! आँखों में मुहब्बत की कहानी , दिल में लहरें उम्मीद की धड़कनो में चाहत की रवानी; याद तो हर साँस में आनी शुरुआत और अन्त प्रेम... Hindi · कविता 250 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read तन्हाई...... कविता विरह की तन्हाई...... कविता विरह की तन्हाई मे निश्चुप निःशब्द लम्हों में गौर से सुना तो लिपटते, बलखाते झुंड अल्फाजों के बुदबुदाने लेगे जब शब्द मन में तब होती कविता विरह की... Hindi · कविता 704 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read मैं बूढ़ा पेढ़, मैं बूढ़ा पेढ़, मुझ मे झुरियां पढ़ चुकी, कितने अर्सों से यहाँ खड़ा ! गर्मी-सर्दी,सावन -भादो- हर मौसम को निहारता, सारे के सारे उतार चड़ाव, चिलमिलाती धुप सहकर, दूसरों के... Hindi · कविता 250 Share Sajan Murarka 28 Jan 2018 · 1 min read देश हमारा है व्यंग ये सच्चा करारा है देश का हाल उतारा है हमने भार दुसरे पे डारा है तभी देश ऐसा हमारा है नेताओं को भ्रष्टाचार प्यारा है जनता तो लाचार बेचारा... Hindi · कविता 278 Share Sajan Murarka 20 Jan 2017 · 1 min read समझौता चलो कुछ समझौता कर ले वक्त न तुम्हारा न होगा हमारा कुछ आपस में बटवारा कर ले मैं तुम्हें याद रखूँगा तुम्ह मुझे न भुलाना यादों को सहने का उपाय... Hindi · कविता 258 Share Sajan Murarka 20 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक बुढ़ापे में जो नज़र कमज़ोर हो गई अफ़सोष सब की नीगह पलट गई हर चीज़ पुछता हूं,उलझी सी नज़र उजली सहर जैसे अंधेरी रात हो गई सजन Hindi · मुक्तक 462 Share Sajan Murarka 20 Jan 2017 · 1 min read राम नाम सत्य है बड़ा अजीब लगता मृत शरीर को कंधे पर रखकर लोग चिल्लाते रहे राम नाम सत्य है मृतक को बता रहे थे या खुद मृत होने तक इस सत्य को दोहरा... Hindi · कविता 355 Share Sajan Murarka 20 Jan 2017 · 1 min read बसंत बसंत खड़ा द्वार पल्लवित कुसुम,हरित कोमल पत्र सम्भार दिग सुशोभित,हर्षित-गर्वित धरा रूप अपार शीतलता ग्रसित,रंजीत रक्ताभ अधर- कपार स्वेत वैरागी परिधेय मुक्त आया रंगीन वाहर सुगंध पुष्प-पल्लव नवांकुरोन्मुख बसंत द्वार... Hindi · कविता 633 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read बदलाव चाहिये बदलाव चाहिये सुबह की चाय हाथ मे अखवार वही खबर लूटमार बलात्कार भ्रस्टाचार पढ़ते पढ़ते चाय ठंडाई छाई मलाई अंतरमन मे अफसोष करते सरकार को गरियाते व्यवस्था की दुहाई देते... Hindi · कविता 264 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read मिलन एहसास मिलन की खुमार, चड़े हुए नशे की सुमार नशे की सूरत उतरे, पर न उतरे मिलन का एहसास एतवार अभी बाकी, खूश्बु रह गई मेरे पास यह मिलन के... Hindi · कविता 284 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read आया रे सावन आया रे सावन खिल उठा मन, चहका चित्तवन, झूमे आंगन आंगन , सखीयाँ नाचो-गाओं, धूम मचाओ,बड़ गई धड़कन बहका-बहका मोसम, भीगी भीगी हवा,आया रे सावन महका गुलशन, महकी फिजायें, रोम-रोम... Hindi · कविता 436 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read पिया मिलन की बात पिया मिलन की बात सावन के भीगी भीगी रात सुनीसुनी सी रात,मन भीगा याद आई तेरी, मन बहका, मंज़र थे कुछ जालिम से याद आये दिन मिलन के दूर गगन... Hindi · कविता 513 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read बीता- वक़्त बीता- वक़्त सचमुच खोया वक़्त, सोये देर तक इधर उधर की बातें, गप्पे देर तक उम्र बढ़ गई, मायूसी दूर तक जागे अब,अफसोश कब तक लोग सभी जगा-जगा कर हारे,... Hindi · कविता 391 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read कल गुजरे हुवे कल पूछे कुछ ऐसे कल अभी गुजरा कंहा से फिर वापस आने की है जो बात कल नहीं, आज भी हूँ साथ हर एक कल में आज समाया... Hindi · कविता 266 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक बहुत उदास हूं थोड़ा मन बहला दो ना बहुत ज़्यादा नहीं थोड़ा समझा दो ना थक कर सो जाऊं सपने में यों ही कहीं वह छोटी सी गोद माँ की... Hindi · मुक्तक 432 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read स्वप्न बुनना स्वप्न बुनना जब देखता हूँ ; बिछोने पर बैठी, हज़ारों फंदे डाल, बेटे के लिये,जाड़े मे, क्रोशिए से स्वेटर बुनते! सोचता हूँ ,बुनती ही क्यों? बुनती भी हो तो क्या-... Hindi · कविता 286 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read ठन्ड में पेश है चाय:- ठन्ड में पेश है चाय:- प्यारा बंधन हम दोनों यारों में .........................जैसे गरम चाय स्पर्श भावों के रोमांच शरीर पे .......................जैसे वाष्पित चाय लिखे लेख से एक ही विचार में... Hindi · कविता 298 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read जिन्दगी जिन्दगी जिन्दगी के दस्तूर बड़े निर्जीव हसंता-रोता खेलता मौत के ठिकाने पहुंचने सजीव कुछ दमकते ख़याल जिस का असर अज़ीब मन को रोशनी देते अँधेरे मे, उज्जाला फैलते तमस क्षण... Hindi · कविता 225 Share Sajan Murarka 19 Jan 2017 · 1 min read पिया मिलन की बात पिया मिलन की बात सुनीसुनी सी रात, मन भीगा याद आई तेरी, मन बहका, आज मंज़र थे कुछ जालिम से याद आये दिन वह मिलन के सावन के भीगी भीगी... Hindi · कविता 1k Share Sajan Murarka 17 Jan 2017 · 1 min read ज़ुल्फ़ें चेहरे पे आई आवारा ज़ुल्फ़ को संवारा कीजिए ज़ुल्फ़ के पीछे छीपेे हुस्न-ए-चांद को निखारा कीजिए लहराती ये ज़ुल्फ़ नागीन सी की दिल है मचल उठे बांध के ये ज़रा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 258 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read शेर ए जिंदगी जीने के दिन चाहे जो कम रहे मगर जितना भी रहे,कोई शिकायत न रहे ******** वक़्त हम पर यह भी आना था बाक़ी बैठते जहां लोग उठ चले... Hindi · शेर 265 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read शेर मन में उम्मीद जगी थी उनकी हंसी पर हमें क्या मालूम वह हंस रहे थे हम पर ******** दर्द पर मक्कारी से आंसू बहाने वालों पलकें तक न भीगी,दिल क्या... Hindi · शेर 261 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read परिवर्तन कब होगा ? परिवर्तन कब होगा ? गरीबों के दर्द में झूटे हिस्सेदार हैं यह सारे मतलब के सरदार मतलब परस्त बस्ती बस्ती घूमते नज़र आये पांच साल में एक बार रंजिशों की... Hindi · कविता 428 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read औरत औरत खुदा का नक्शा औरत, बेमिसाल,बेहिसाब, लाजवाब अदायें,नखरे,नज़ाकत,ज़लवा,किसी को रूप का शबाब जग़ मे भेजा तितलियों सा रस,रंग,माधुर्य से भरा नकाब कत्लेआम मचाये बिन हथियार,दिखाये झूटे-सच्चे ख़्वाब दिमाग पर नशा... Hindi · कविता 630 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read दिल-ए-नादान ओ मेरे दिल-ए-नादान चाहत है गुलाब की पर काँटों से भरा है दामन ओ मेरे दिल-ए-अरमान ओंस भीगे कमल की हुवा हासिल कीचढ़ का फ़रमान ओ मेरे दिल-ए-गुमान रूप की... Hindi · कविता 450 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read लोभी आकंक्ष्या लोभी आकंक्ष्या मेरी आकंक्ष्या या लक्ष्य; मेरा चरित्र का शंसय, लिये हुये है आकर्षण, अपर्याप्त,असन्तुस्ट मन, सिर्फ उत्कर्षं की प्रतीक्षा; अतृप्त स्रवभुक लक्ष्य चुना कुछ भी करना चाहता- मोह सदा... Hindi · कविता 257 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read तेरा मेरा साथ तब तुम्हारे साथ का नशा था अब तुम्हारे दीदार का नशा है तब तुम्हारे प्यार में मशगुल था अब तुम्हारे प्यार के लिये मशगुल हैं तब हमने तुम्हे चाँद सा... Hindi · कविता 295 Share Sajan Murarka 17 Jan 2017 · 1 min read विदाई विदाई की अब बजने को है शहनाई विरह के सायों में यादो की परछाई हर एक लम्हा ;हर एक स्पन्दन वियोग के सुरों में ह्रदय का रुदन न कर पाऊं... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 552 Share Sajan Murarka 18 Jan 2017 · 1 min read शेर आज दिल की धड़कन सम्भलती नहीं मुझ से न जाने क्यों हिचकीयां आ रही मुझे सुबह से ******* पढ़ पसीने की बूंदें माथे पे उभर आई लिखी तेरी बातें मुझे... Hindi · शेर 303 Share Sajan Murarka 17 Jan 2017 · 1 min read चुटकी कौतुक चुटकी बरबाद होना है इश्क़ में, कामयाब हो या नाकाम या तो मंज़नू बनेगें,या बन जायेगें बीबी के गुलाम देवदास सी हालात हो चाहे शाहज़ांह सा अंजाम हर हाल... Hindi · कविता 229 Share Sajan Murarka 17 Jan 2017 · 1 min read हाइकु सक्रांति के हाइकु पर्व त्यौहार उत्साहीत अपार प्रथा आधार खाये घेवर भाभी हाथ देवर सगुन धर नाचें व गायें लोहड़ी में हर्षाये धूम मचाये सज्जित द्वार पोंगल का त्योहार दक्षिणाचार... Hindi · हाइकु 302 Share Sajan Murarka 17 Jan 2017 · 1 min read कुण्डलिया एक प्रयास कुण्डलिया एक प्रयास शर्मो हैया मिट गई ,आधुनिक बना समाज बोल चाल नये निकले, पहनाव से न लाज पहनाव से न लाज,मम्मी पहनती जीन्श को आँचल का ना साज, तड़पे... Hindi · कुण्डलिया 211 Share Sajan Murarka 17 Jan 2017 · 1 min read शेर दर्द पर मक्कारी से आंसू बहाने वालों पलकें तक न भीगी,दिल क्या पसीजेगा सजन Hindi · शेर 327 Share Sajan Murarka 17 Jan 2017 · 1 min read नज़र का खेल नज़र का खेल नज़र उठी-नज़र गिरी-नज़र मिलाकर ; नज़र फड़की-नज़र मिली,नज़र हुई चार नज़र की नज़ाकत का यह नाजूक नज़राना नज़र का मंज़र बना एक मासूम-सा फ़साना हया में नज़र... Hindi · कविता 468 Share Sajan Murarka 17 Jan 2017 · 2 min read ससुराल मे पीड़ित एक बिटिया का पैगाम -पापा के नाम ससुराल मे पीड़ित एक बिटिया का पैगाम -पापा के नाम पापा, बताना नहीं चाहती थी जब तुम्हे पता चलेगा हरदिन मर-मर कर जीओगे जैसे मैं जी रही थी सात-फेरों के... Hindi · कविता 1k Share Page 1 Next