Tag: कविता
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हिन्दी माई
Sadanand Kumar
मैं चंदा बनकर आऊंगा
Sadanand Kumar
हास्य-व्यंग्य
Sadanand Kumar
खाली मन से लिखी गई कविता क्या होगी
Sadanand Kumar
मां,, मन तुम्हारा बड़ा ही होगा
Sadanand Kumar
तुम राधा नही होती,, तो प्रेम पूजा नही जाता
Sadanand Kumar
तिरंगा मेरा अभिराम रहे
Sadanand Kumar
जगत रचयिता पूछ रहा है ,, बोलो युवा कौन हो तुम
Sadanand Kumar
वर्ण व्यंजन मे तुमको लिखना ,, क्या कोई बेईमानी होगी
Sadanand Kumar
जूते भी सिलता है बचपन
Sadanand Kumar
कब तक देखे भारत , शहीदो के क्षत विक्षत शव
Sadanand Kumar
कहिए, कितने सुखी है आप
Sadanand Kumar
याद हो तुम्हे, पूछा था तूमने
Sadanand Kumar