Sadanand Kumar Tag: कविता 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sadanand Kumar 14 Sep 2023 · 1 min read हिन्दी माई *ज्ञानार्जन का साहस देकर मुस्काती दिखती मां हिंदी पढ़ लिखकर नूतन रचने का ऐसा यश देती मां हिंदी यहां अनेकों भाषा बोली एक सूत्र यह बांधे बोली जब शब्दों ने... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · Poet From Samastipur · कविता · हिन्दी कविता · हिन्दी दिवस 312 Share Sadanand Kumar 16 Oct 2022 · 1 min read मैं चंदा बनकर आऊंगा छत पर अपने, हमेशा दिखती हो तुम मुझे देख कर फिर, क्यूं छिपती हो तुम कल देखा तुम्हें, चंदा से बतियाते हुए उसे भी उजियारी सी लगती हो तुम मेरा... Hindi · Hindi Poetry · Poets Of Bihar · Poets Of Samastipur · Sadanand_kumar · कविता 1 214 Share Sadanand Kumar 2 Jul 2022 · 1 min read हास्य-व्यंग्य पूजा उसका प्रेम है, निब्बा देत दलील लुटिया ले डूबे गई, निब्बी आंखें झील, निब्बा से निब्बी कहे, करो जान लव फील चार दिन पे नया मिला, ओल्ड बाॅय तब्दील... Hindi · कविता · दोहा · हिंदी दोहा 4 573 Share Sadanand Kumar 22 Apr 2022 · 1 min read खाली मन से लिखी गई कविता क्या होगी खाली मन से लिखी गई कविता क्या होगी, मेरा सब कुछ, तुमको प्रेषित, तुमसे मेरी, प्रतिद्वंद्विता क्या होगी, संघर्ष से चोटिल मेरे मन को ताक कर तुम, तेज से भर... Hindi · कविता 1 2 1k Share Sadanand Kumar 4 Nov 2018 · 1 min read मां,, मन तुम्हारा बड़ा ही होगा मेरे जन्म से पहले भी मां मन तुम्हारा बड़ा ही होगा ,, चेतना अपनी मुझमे भरकर जीवन जब तुम रचती होगी ,, नाम मां तुम्हारा तब पड़ा ही होगा ,,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 34 465 Share Sadanand Kumar 8 Jan 2018 · 1 min read तुम राधा नही होती,, तो प्रेम पूजा नही जाता ठहर कर देखा है ऋतुओ को की अब सहा ,, नही जाता ,, तुम्हारे बिन भी बसंत है,, बहारे है,, ये मुझसे कहा ,, नही जाता ,, मर्यादाओ से गढी... Hindi · कविता 1 880 Share Sadanand Kumar 15 Aug 2017 · 1 min read तिरंगा मेरा अभिराम रहे कुर्बान सदा तिरंगे पर मै भी ,, कौंध शौर्य सपूतो से ,, तिरंगा मेरा अभिराम रहे ,, डग डग पर सिंह हम स्थापित ,, गौरवगाथा अविराम रहे ,, क्या होती... Hindi · कविता 337 Share Sadanand Kumar 31 Jul 2017 · 1 min read जगत रचयिता पूछ रहा है ,, बोलो युवा कौन हो तुम जगत रचयिता पूछ रहा है बोलो युवा कौन हो तुम ,,,, शांत जल की नीरवता हो या अपार ऊर्जा का कोलाहल हो तुम ,,,, सिद्ध पुराने समीकरणो को पंगू करते... Hindi · कविता 620 Share Sadanand Kumar 19 May 2017 · 1 min read वर्ण व्यंजन मे तुमको लिखना ,, क्या कोई बेईमानी होगी वर्ण व्यंजन मे तुमको लिखना ~~~~ क्या कोई बेईमानी होगी ~~~~ मेरा तुमको अपना कहना ~~~~ हमनफ्ज ,,,, ये मेरी नाफरमानी होगी ~~~~ मेरा पतला प्रेम निवेदन ~~~~ पर,,,, प्रेम... Hindi · कविता 577 Share Sadanand Kumar 18 May 2017 · 2 min read जूते भी सिलता है बचपन ठण्डी पटकन पर ठहरा बचपन शहर चौराहे बैठा बचपन पूछे ,, जूते चमका दू क्या भईया ? क्या जूते भी सिलता है बचपन ? तनिक रूक कर मन सुस्त हुआ... Hindi · कविता 720 Share Sadanand Kumar 4 May 2017 · 1 min read कब तक देखे भारत , शहीदो के क्षत विक्षत शव कब तक देखे भारत शहीदो के क्षत विक्षत शव गीदड़ हृदयी पीश्शू पाकिस्तान क्या भूल गया है करगिल का वो विजय दिवस शत्रु रक्त से अब भी अमार्जित करवीरो को... Hindi · कविता 1 746 Share Sadanand Kumar 29 Apr 2017 · 1 min read कहिए, कितने सुखी है आप सम्मुख करू प्रस्तुत, एक प्रश्न मै आज किस माथे है मानव का ताज बीए एमए सुनार भी नाली छाने बाकि क्या रहा कोई काज बेरोजगारी मे पलता अपराध का साँप... Hindi · कविता 388 Share Sadanand Kumar 26 Apr 2017 · 1 min read याद हो तुम्हे, पूछा था तूमने जमाने बाद तुम्हारे एक प्रशन का उत्तर दे रहा हूँ अब याद हो तुम्हे पूछा था तुमने ,, चंचल आँखो से भी क्यो कर इतने मौन हो तुम ? इतना... Hindi · कविता 604 Share