Sandeep Kumar Sharma Tag: लेख 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sandeep Kumar Sharma 18 Aug 2017 · 2 min read कान्हा से श्रीकृष्ण हो जाना कान्हा से भगवान श्रीकृष्ण हो जाना एक यात्रा है, एक पथ है, मौन का गहरा सा अवतरण...। कान्हा हमारे मन के हर उस हिस्से में मचलते हैं, खिलखिलाते हैं, घुटनों... Hindi · लेख 419 Share Sandeep Kumar Sharma 18 Aug 2017 · 2 min read ...वो बचपन, वो तुम्हारी गुटर-गुटर वो बचपन कैसे भूल सकता हूं और भूल नहीं सकता तुम्हारी गुटर-गुटर....। मेरे दोस्त, तब इतनी आपाधापी नहीं थी...तुम भी स्वच्छंद थे और मैं भी स्वतंत्र। बचपन किसी कपोत की... Hindi · लेख 520 Share Sandeep Kumar Sharma 8 Jul 2017 · 1 min read दहलीज तक आ पहुंची सांझ ये सांझ कोई गीत गुनगुना रही थी, मेघ आसपास ही मंडरा रहे थे, सूरज जैसे थककर चूर था और सांझ की गोद को सिराहने लगाकर कुछ देर लेटा...लेकिन झपकी गहरी... Hindi · लेख 254 Share Sandeep Kumar Sharma 5 Jul 2017 · 3 min read ये भावनाओं का खौफनाक सूखापन हमने क्या कभी अपने बचपन के बारे में बच्चों को बताया है, कभी अपने बच्चों को ये बताया है कि हम कौन से जमीन से जुड़े खेलों के बीच बड़े... Hindi · लेख 351 Share Sandeep Kumar Sharma 2 Jul 2017 · 2 min read देखो-देखो...प्रकृति ने अपना घूंघट हटा लिया है... बहुत गर्मी है, लेकिन ये प्रकृति हमारी तरह बैचेन नहीं है, वो खिलखिला रही है, अभी-अभी मैंने देखा कि वो एक वृक्ष पर पीली सी मोहक मुस्कान बिखेर रही थी,... Hindi · लेख 577 Share Sandeep Kumar Sharma 2 Jul 2017 · 1 min read ओ प्रियतम, सुनो ना--- ...ओ प्रियतम, सुनो ना...। तुम्हारी छुअन के बिना मैं कैसी सूख सी गई हूं। तुम मुझे यूं ऐसे बिसरा गए हो कि अब कहीं मन नहीं लगता। ये तन, ये... Hindi · लेख 1 257 Share Sandeep Kumar Sharma 1 Jul 2017 · 1 min read ये कैसा अनूठा नेह और विश्वास है हमने कभी पेड़ के पीछे से लरजते हुए अहसासों को देखा है, हमने कभी पेड़ और पत्तियों के वार्तालाप को सुना है, हमने कभी सूर्य के उस अहसास को महसूसने... Hindi · लेख 456 Share