Ramkumar Ramarya 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ramkumar Ramarya 15 Mar 2017 · 1 min read अदब किसी' इस्कूल की बेजान सी' मजलिस जैसे!! अदब है शहरे ख़मोशां की परस्तिश जैसे!! तमाम चेहरों से मुस्कान ऐसे ग़ायब है, पढ़ा रहा हो छड़ीदार मुदर्रिस जैसे!! न जाने कैसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 607 Share Ramkumar Ramarya 22 Feb 2017 · 1 min read गौरैया : नवगीत नवगीत * जब उठ जाये दाना पानी! उस मुंडेर पर बैठे रहना, प्रिय गौरैया! है नादानी!! * जाने किसके मन में क्या है? जग की बातें सभी निराली! सबके सपने... Hindi · गीत 1 283 Share