Rajshree Gaur Language: Hindi 20 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajshree Gaur 25 Jul 2021 · 3 min read * सुहानी साँझ* * सुहानी साँझ* खाँसी के कारण नींद नहीं आ रही थी, तो बिस्तर से उठ कर लीविंग रूम में चहल-कदमी करने लगे। महानगर में वो खुले खुले दालान, सेहन कहाँ... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 6 486 Share Rajshree Gaur 25 Jul 2021 · 2 min read "काल के कोमल हाथ" "काल के कोमल हाथ" अपने प्रिय नेता को देखने जन सैलाव उमड़ पड़ा था। जनता को सिर्फ आधा घंटा ही इंतजार करना पड़ा। नेता जी सपरिवार अपने छुटभैयों के साथ... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 4 336 Share Rajshree Gaur 25 Jul 2021 · 4 min read "वो शराबी " "वो शराबी " गाड़ी में तीन सीट वाली जगह पर चारों लड़कियाँ बैठ गई थीं। मैं ड्राईवर के साथ वाली सीट पर आगे बैठ गया था। विवाह समारोह से लौटते... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 471 Share Rajshree Gaur 25 Jul 2021 · 2 min read *जमीर जिन्दा है* *जमीर जिन्दा है* शर्मा जी जब भी दफ्तर में जाते डिप्टी डायरेक्टर से लेकर हैड़ क्लर्क, क्लर्क तक छोटे बड़े सब एक कतार में बैठे नजर आते। क्लर्क से बात... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 363 Share Rajshree Gaur 25 Jul 2021 · 3 min read *अभिशप्त* *अभिशप्त* उसकी सास के मन में जरा भी ममता न थी। वह उनके ताने, उपेक्षा व अपमान के कड़वे घूंट पीती रहती। पोते की ख़्वाहिश ने लीलावती जी को बहु... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 749 Share Rajshree Gaur 12 Feb 2017 · 1 min read ख़्वाबों की किरचियों में हूं ख़्वाबों की किरचियों में हूं तो हसरतों में हूं । तेरे लबों की आज भी मैं लाग्जिशों में हूं। माना कभी था तूने मुझे अपनी जिंदगी, नजरें झुकी है आज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 337 Share Rajshree Gaur 7 Feb 2017 · 1 min read आखिरी सांस तक रवानी है आखिरी सांस तक रवानी है। जिंदगी की यही कहानी है। जिंदगी का भरोसा क्या करना, शाख़े गुल है टूट जानी है। पाल कर रखते दिल में सारा गम, इश्क़ वालों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 638 Share Rajshree Gaur 6 Feb 2017 · 1 min read लगी यूं झड़ी फिर ख़्यालात की लगी यूँ झड़ी फिर ख़्यालात की। कटेगी नहीं रात बरसात की । हँसना अकेले गवाँरा नहीं, है चाहत हमे फिर मुलाकात की। इशारों में तुमने ये क्या कह दिया, बनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 318 Share Rajshree Gaur 6 Feb 2017 · 1 min read अश़्कयूंबेबसी में अश्क यूँ बेबसी में बहाते रहे। तुम हमें हम तुम्हें याद आते रहे। ख़्वाब हमने सजाये हसीं थे मगर। गर्द में हम गमों की नहाते रहे । शिकवा किससे करें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 558 Share Rajshree Gaur 5 Feb 2017 · 1 min read शजर रूठा हुआ रहता है सावन रूठ जाता है शज़र रूठा हुआ रहता है सावन रूठ जाता है । बुजुर्गों के बिना तो घर का आँगन रूठ जाता है । मुकद्दस दिल हो सीने में तो रहती है चमक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 299 Share Rajshree Gaur 5 Feb 2017 · 1 min read किसे गुजरा जमाना देखना है किसे गुजरा जमाना देखना है। हमें आगे का रस्ता देखना है। चले तो आये हैं तेरे जहां से, कहां अब हो ठिकाना देखना है। जुदा कर हंस के हम को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 455 Share Rajshree Gaur 5 Feb 2017 · 1 min read तमाम उम्र बिता दी मगर नहीं जाना। तमाम उम्र बिता दी मगर नहीं जाना। कि जिंदगी के सफर को सफर नहीं जाना। कठिन हो राह तेरी और दूर मंजिल हों, सफर में हौसला रखना बिख़र नहीं जाना।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 339 Share Rajshree Gaur 5 Feb 2017 · 1 min read वही कल तुमको पाना है मेरे आँगन की चिड़िया, तुम उड़ परदेश जाना है , पिया के देश जाना है। बाबुल का ये आँगन भी सदा देखेगा राह तेरी मिले जब वक्त मेरी लाड़ो, समेटे... Hindi · कविता 382 Share Rajshree Gaur 5 Feb 2017 · 1 min read नैतिक मू्ल्य नैतिक मूल्य रहे कहाँ इन्सानों में मानव भटका स्वार्थ के तानोंबानों में। आदर्शहीन,अवसाद पूर्णजीवनसब जीते, कुकृत्य और हिंसा का गरल सब पीते । रक्षक ही आज भक्षक बना है, आदर्शहीन... Hindi · कविता 1k Share Rajshree Gaur 3 Feb 2017 · 1 min read पिया याद रखना जाते हो जाओ, पर याद रखना, राह की मेरे पहचान रखना । आये जो सावन पिया मन-भावन, बरसेंगे बदरा तरसेंगे नयना, भीगेगा तन-मन,पिया य़ाद रखना। फूलेगी सरसों, महकेंगी क्यारी, कूकेगी... Hindi · कविता 1 1 481 Share Rajshree Gaur 3 Feb 2017 · 1 min read मेरी नजर में धर्म मेरी नजर में ----- क्या है धर्म ? किसी ने मुझसे बोला मैंने भी ...... खुद को टटेला पूजा ? पाठ ? खड़ताल बजाना ? नहीं.....मेरा मन बोला तो फिर......... Hindi · कविता 287 Share Rajshree Gaur 3 Feb 2017 · 1 min read प्रीत बावरी भोली-सी ये प्रीत बावरी, मन मेरा भरमाती है । पी' आयेंगे, चुपके चुपके, कानों में कह जाती है । स्वप्निल नैना द्वार निहारें, मुख पर लाली छाती है। हवा प्रेम... Hindi · कविता 386 Share Rajshree Gaur 2 Feb 2017 · 1 min read एक औरत -----एक औरत---- एक औरत... जब अपमान, तिरस्कार सहते सहते क्षुब्ध हो जाती है, बटोर कर अपने सभी टुकड़े पलायन करना चाहती है तो----- फेरों की, कर्त्तव्यों की हथकड़ियां ममता की... Hindi · कविता 691 Share Rajshree Gaur 27 Jan 2017 · 1 min read मेरी बेटी---मेरीदुनिया मेरी बेटी---मेरी दुनिया तुम कल भी मेरी दुनिया थी, तुम आज भी मेरी दुनिया हो। जब जन्मी तुम मेरे आँगन में, मेरा सूना जीवन चहक उठा । तेरी बाल- सुलभ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share Rajshree Gaur 26 Jan 2017 · 1 min read मेरी बेटी---मेरी य ------मेरी बेटी---मेरी दुनिया------ तुम कल भी मेरी दुनिया थी, तुम आज भी मेरी दुनिया हो। जब जन्मी तुम मेरे आँगन में, मेरा सूना जीवन चहक उठा । तेरी बाल- सुलभ... Hindi · कविता 1 1 397 Share