डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' Tag: कुण्डलिया 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Nov 2021 · 1 min read छप्पय छंद विधा-छप्पय छंद (रोला-उल्लाला) देवलोक की देन, सृष्टि अनुपम कहलाती। करुण सौम्य रख भाव, छटा कमनीय दिखाती।। सूर्य लालिमा आज, धरा की माँग सजाती। ललित लहर सम तान, मोद से भू... Hindi · कुण्डलिया 5 5 371 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Nov 2021 · 1 min read कृतज्ञता का मनोभाव कृतज्ञता का मनोभाव मन कृतज्ञता भाव रख, खुशियाँ मिलें अपार। भौतिकता की सोच तज, करें नित्य उपकार।। करें नित्य उपकार, स्वार्थ तज बनें सहारा। रखें नम्र व्यवहार, लगे जन-जन को... Hindi · कुण्डलिया 3 6 434 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 Nov 2021 · 1 min read छप्पय छंद छप्पय छंद निर्धन बेघरबार, सड़क पर भूखा सोता। खाता है दुत्कार, क्षुधा से पीड़ित रोता।। बेबस यह लाचार, शीत से तन ठिठुराया। दूजा कंबल देख, दूर से मन ललचाया।। उर... Hindi · कुण्डलिया 2 411 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 3 Aug 2019 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया चक्की पीसे भोर में, दूजी भूख मिटाय। दो पाटन के बीच में, ममता पिसती जाय। ममता पिसती जाय,स्वजन पर प्यार लुटाती। अरमानों को पीस, श्रमिक की श्रेणी पाती। सुन... Hindi · कुण्डलिया 1 435 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Mar 2020 · 3 min read कुंडलिया कुंडलिया छंद कुंडलिया छंद वैभव प्रतिभा मैथिली, रहते न मोहताज़। रौशन करते जगत को, हो जाता आगाज़।। हो जाता आगाज़, लोक का मान बढ़ाते। होता जब अवरोध,सूर्य सम शान दिखाते।।... Hindi · कुण्डलिया 1 278 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 18 Mar 2020 · 1 min read कोरोना कोरोना (कुंडलिया छंद) मांसाहारी चीन से, फैला है यह रोग। रुधिर पान ऐसा किया, छोड़ा नहीं निरोग। छोड़ा नहीं निरोग, ग्रसित इससे जग सारा। ढूँढ़ रहा उपचार, बचा कब देश... Hindi · कुण्डलिया 1 450 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Nov 2021 · 4 min read कुंडलिया विधा-कुण्डलिया (1) मन का दीपक तम हरे, करे जगत उजियार। अंतस सकल विकार तज, स्वच्छ करे संसार।। स्वच्छ करे संसार, झूमकर मने दिवाली। पावन हो उर द्वार,दिखे हर घर खुशहाली।।... Hindi · कुण्डलिया 1 323 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 Nov 2021 · 1 min read छप्पय छंद छप्पय छंद गंगा निर्मल धार, देश खुशहाली लायी। धरती करे किलोल, क्षेत्र हरियाली छायी।। फैल रहा मकरंद,भोर की शोभा न्यारी। अंग लपेटे रंग, खिली मदमाती क्यारी।। वर्ण भेद सब भूल... Hindi · कुण्डलिया 1 566 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 20 May 2023 · 1 min read हरित आम्र विधा-पद्य (कुंडलिया छंद) शीर्षक- "हरित आम्र" गर्मी में आँधी चली, गिरे शाख से आम। विटप विलगता झेलते, छूट गया निज धाम।। छूट गया निज धाम, पीर खंडित हो सहते। हरित... Hindi · कुण्डलिया 225 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2017 · 1 min read "शिव बारात" कुंडलिया "शिव बारात" कुंडलिया त्रिपुरारी दूल्हा बने,स्वागत नगरी आज। आए हैं बारात ले, भस्मी तन पर साज।। भस्मी तन पर साज, चले भोले मस्ताने। नंदी देख सवार,भक्त लागे अकुलाने।। कह "रजनी"ये... Hindi · कुण्डलिया 317 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Mar 2020 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया छंद 'श्रम ही जीवन है ' मजदूरी का फांवड़ा ,साहस लेकर साथ। आत्मतोष श्रम से उठा, लीना लक्कड़ हाथ।। लीना लक्कड़ हाथ लक्ष्य ले आगे बढ़ती। कभी न मानी... Hindi · कुण्डलिया 231 Share