Rishav Tomar Tag: कविता 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rishav Tomar 7 Feb 2018 · 2 min read गुलाब जब खिला डाली पर गुलाब तब ये महक फैली बेहिसाब लगा ऐसे जैसे छुआ ईश्वर ने तब ये गुलाब हुआ मेहताब जैसे हो सुबह का आफताब मोहबत से भरा ये... Hindi · कविता 1 245 Share Rishav Tomar 13 Sep 2017 · 2 min read कैकयी मैं कैकयी हूँ मेरा मेरा दर्द तुम क्या जानो एक स्त्री की पीड़ा को भला तुम क्या जानो जिसे ह्रदय में पथ्थर रखकर भेजा था वन वो मेरा पुत्र राम... Hindi · कविता 2 600 Share Rishav Tomar 24 Aug 2017 · 1 min read चाँद मेरी छत पर आया जब वो छत पर है आया ये चाँद भी देख सरमाया कभी छुपा कभी दिखा तो कभी उसे रोना आया जब वो छत पर आया तो दिल को सुकून आया... Hindi · कविता 1 560 Share Rishav Tomar 12 Jul 2017 · 1 min read खत मोहबत में उनको हमने खतों को है भेजा उन्होंने भी हमको कई जवाबों में था भेजा लिख लिख के नये जज्बातों को भेजा कभी खुशियों को तो कभी आशुओ को... Hindi · कविता 1 549 Share Rishav Tomar 3 Jul 2017 · 1 min read धरती चारो ओर सिर्फ बदसूरत सी थी धरती कही धूल तो कही धुंआ सी थी धरती बड़ी बड़ी दरारों से भरी थी ये धरती सिर्फ सोने के रंग में रंगी थी... Hindi · कविता 2 685 Share Rishav Tomar 2 Jul 2017 · 1 min read गर्मी चारो ओर सिर्फ बदसूरती छाई आग के गोले सी तपन लाई धूल ,धूप,धुंआ धुंआ सा है धरती गर्मी में जलती चिंगारी है हर जगह सिर्फ बेरंगत है आपने ही रंग... Hindi · कविता 1 271 Share Rishav Tomar 17 Mar 2017 · 1 min read समझता हूँ तेरे लव से निकलती हर जुबां को में समझता हूँ तेरे खामोस होने की वजह भी में समझता हूँ क्यों यारा तुम नहीं समझी मेरे दिल की तमन्ना को तुम्हे... Hindi · कविता 1 432 Share