ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" Tag: ग़ज़ल 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 May 2024 · 1 min read तू मिल जाए तो पाने को फिर क्या रहा, तू मिल जाए तो यही तो एक सपना है, तू मिल जाए तो रहेगा ना शिकवा, फिर जिंदगी से कोई ग़र किसी मोड़ पर ,... Hindi · ग़ज़ल 12 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 30 May 2024 · 1 min read वक्त निकल गया जी ना सके जिंदगी, वक्त निकल गया रेत का ढेर जैसे,मुट्ठी से फिसल गया कद्र की नहीं, था जब तक पास अपने मिट्टी का इंसा तब तक, मिट्टी में मिल... Hindi · ग़ज़ल 18 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 2 min read बस तेरी अब याद है......(तर्ज़ -चुपके-चुपके रात दिन ) (1) प्रियतम प्यारे मोहना बस तेरी अब याद है.. वो तेरा अक्रूर संग मथुरा को जाना याद है। प्रियतम प्यारे… (2) देख लेना हाल क्या है अब तेरे जाने के... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 10 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read उसे पाने की ख़ातिर..... उसे पाने की ख़ातिर क्या कुछ नहीं किया मैंने दिन को उसे देखते रहे रातों को सोचा मैंने निगाहें बस देखते रहना चाहती थी सिर्फ उन्हें उनकी तस्वीर को दिल... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 15 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read कुछ अगर -मगर, कुछ काश में रहे... कुछ अगर- मगर, कुछ काश में रहे कुछ लोग जिंदगी से नाराज ही रहे मिला जिंदगी से जो, कद्र नहीं की ना मिला उसी की, फिराक में रहे करते रहे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 10 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read शाम भी ढल गई गुजर गया ये दिन शाम भी ढल गई तबियत थी नासाज़ अब जरासुधर गई ख्वाहिशें थी अधूरी ख्वाब भी अधूरे है हर बार की कसक हर बार रह गई चलते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 9 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read एक नया सवेरा होगा मुझे उम्मीद है कि ,एक नया सवेरा होगा, जो हाल मेरा है अभी ,कल वो तेरा होगा । आज जुगनूओं से ,रोशन है कायनात मेरी, कल मेरी छत पे भी,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 6 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read वक्त कहीं थम सा गया है.... रगों में कतरा कतरा लहू, जम सा गया है , मुसाफिर रुका है या कही, खो सा गया है । चाँद सितारों से रोशन है ,दुनिया सारी ये अमावस में... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 8 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read खुद को खुली एक किताब कर खुद को एक खुली किताब कर अरमानों को दिल सेआजाद कर चाहता है गर सुकून जिंदगी में किस्सा ये आज ही तमाम कर तिल तिल कर घुटता रहेगा यूं दिल... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 8 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read गुजरा ज़माना कल को आज याद करके फायदा क्या है? गुजरे जमाने को याद करके फायदा क्या है? अब न रहे वो संगी साथी ना दिया ना बाती किताब के पन्ने पलटने... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 13 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read इकरार इकरार मैं छुपी रार होती है यूं ही नही तकरार होती है महफिल में सरेआम किसी की इज्जत तार -तार होती है वो वादे इरादे से मुकर गए यूं ही... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 13 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read जमाने वाले ” गज़ल” अब नही बसर यहां, ये खुदगर्ज जमाने वाले है चढ़ते हुवे आफताब को सलाम करने वाले है दिल,दोस्ती,रिश्तेदारी सब निभाने की कोशिश में नही पता था की हमने... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 11 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 28 May 2024 · 1 min read जमाने वाले " गज़ल" अब नही बसर यहां, ये खुदगर्ज जमाने वाले है चढ़ते हुवे आफताब को सलाम करने वाले है दिल,दोस्ती,रिश्तेदारी सब निभाने की कोशिश में नही पता था की हमने... Hindi · ग़ज़ल 11 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 27 May 2024 · 1 min read इकरार इकरार मैं छुपी रार होती है यूं ही नही तकरार होती है महफिल में सरेआम किसी की इज्जत तार -तार होती है वो वादे इरादे से मुकर गए यूं ही... Hindi · ग़ज़ल 20 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 27 May 2024 · 1 min read गुजरा जमाना गज़ल (गुजरा जमाना) कल को आज याद करके फायदा क्या है? गुजरे जमाने को याद करके फायदा क्या है? अब न रहे वो संगी साथी ना दिया ना बाती किताब... Hindi · ग़ज़ल 22 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 9 Feb 2023 · 1 min read खुद को एक खुली किताब कर... खुद को एक खुली किताब कर अरमानों को दिल सेआजाद कर चाहता है गर सुकून जिंदगी में किस्सा ये आज ही तमाम कर तिल तिल कर घुटता रहेगा यूं दिल... Hindi · ग़ज़ल 1 103 Share