पियूष राज 'पारस' Tag: कविता 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पियूष राज 'पारस' 31 Dec 2024 · 1 min read मोहब्बत की राहों में चलिए जरा संभल कर... (ग़ज़ल) मोहब्बत की राहों में चलिए जरा संभल कर सब देखती हैं दुनिया मिलिए जरा संभल कर दरख दीवारो के भी कान होते है इस जहाँ में इज़हार ए मोहब्बत करिए... Hindi · Best Hindi Kavita · Best Hindi Poetry · Best Hindi Shayari · Gazal · कविता 236 Share पियूष राज 'पारस' 31 Dec 2024 · 1 min read अतीत का पन्ना पलटकर देखने से क्या होगा.. (ग़ज़ल) अतीत का पन्ना पलटकर देखने से क्या होगा, जो टूट जाए दिल का मंज़र, देखने से क्या होगा। ये दर्द, ये ग़म, और ये रिश्ते बिखर चुके हैं, सपनों की... Hindi · Best Hindi Kavita · Best Hindi Poetry · Gazal · कविता 273 Share पियूष राज 'पारस' 4 Aug 2024 · 1 min read इस जन्म में नामुमकिन है,हम दोनों का मेल प्रिये ! (हास्य कविता) *हास्य कविता* मैं गणित के कठिन प्रश्न सा तुम हिन्दी सी सरल प्रिये मैं कठोर पत्थर के जैसा तुम हो नाज़ुक तरल प्रिये तुम जैसमिन की ख़ुशबू वाली मैं सरसों... Hindi · Funny · कविता · फ्रीस्टाइल हास्य-व्यंग्य · हास्य कविता 248 Share पियूष राज 'पारस' 29 Mar 2020 · 1 min read कोरोना का उपचार कोरोना' का उपचार (कविता) चीन से आई है एक ऐसी बीमारी जो आज बन गयी है यह महामारी नाम है इसका 'कोरोना' पर आप इससे डरो ना ये बीमारी आपको... Hindi · कविता 1 1 647 Share पियूष राज 'पारस' 20 Sep 2019 · 2 min read कट गया चालान (हास्य व्यंग्य) _(एक गरीब किसान का लड़का 2nd हैंड बाइक खरीदता है और उसी दिन उसका चालान कट जाता है,पूरा पढ़िए ये हास्य कविता )_ कट गया चालान.... धान गेहूं बेच के... Hindi · कविता 1 609 Share पियूष राज 'पारस' 1 Nov 2018 · 1 min read मेरी माँ मेरी माँ तेरी ममता की आँचल में ना जाने कब मैं बड़ा हुआ तेरी अंगुली थाम कर ना जाने कब मैं खड़ा हुआ मेरी हर गलतियों को करके माफ माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 30 1k Share पियूष राज 'पारस' 23 Oct 2018 · 2 min read हां ,हम झारखंडी है.....(कवि पियुष राज 'पारस') _"वैसे तो हम सब हिंदुस्तानी है ,पर ये कविता इसलिए लिखा हूँ क्योंकि जब झारखंड के लोग दूसरे राज्य जाते है तो वहां उनका वेश-भूसा ओर बोली का लोग मजाक... Hindi · कविता 1 1 904 Share पियूष राज 'पारस' 18 Nov 2017 · 1 min read अभी पूरा आसमान बाकी है... अभी पूरा आसमान बाकी है असफलताओ से डरो नही निराश मन को करो नही बस करते जाओ मेहनत क्योकि तेरी पहचान बाकी है हौसले की उड़ान मत कर कमजोर अभी... Hindi · कविता 940 Share पियूष राज 'पारस' 13 May 2017 · 1 min read माँ के चरणों में चारों धाम..... माँ के चरणों में चारो धाम.... ईश्वर को कहाँ ढूंढे रे बंदे ईश्वर ही माँ का दूजा नाम वो ही कृष्ण है वो ही राम माँ के चरणों में चारो... Hindi · कविता 1 1 838 Share पियूष राज 'पारस' 24 Apr 2017 · 1 min read सचिन चालीसा...(पियुष राज) आज 24 अप्रैल सचिन तेंदुलकर के जन्मदिन पर विशेष "सचिन चालीसा" जय-जय सचिन उजागर जय असंख्य रनो के सागर जोर-जोर से शाॅट लगाते सारा स्टेडियम झुम उठाते क्रिकेट के तुम... Hindi · कविता 1k Share पियूष राज 'पारस' 12 Mar 2017 · 1 min read होली के रंग मोदी के संग.... होली के रंग मोदी के संग... कही उड़े रंग तो कही उड़े गुलाल यूपी में साईकिल का हो गया बुरा हाल साईकिल में बैठकर राहुल ने लगा दी साईकिल में... Hindi · कविता 794 Share पियूष राज 'पारस' 12 Mar 2017 · 1 min read आई रे होली... आई रे होली ... देखो रे देखो आई रे होली रंगों में डूबी है यारों की टोली लगा रहे सब एक-दूजे को रंग भाभी भी खेल रहीं है भैया के... Hindi · कविता 543 Share पियूष राज 'पारस' 2 Mar 2017 · 1 min read मुझसे भी कोई प्यार करे .... मुझसे भी कोई प्यार करें... एक अरमान हैं दिल में मुझसे भी कोई प्यारी-प्यारी बात करें दे हमेशा साथ मेरा मुझसे भी कोई प्यार करें आँखें नहीं तो क्या हुआ... Hindi · कविता 1 604 Share पियूष राज 'पारस' 20 Feb 2017 · 1 min read परीक्षा का मौसम....(पियुष राज) परीक्षा का मौसम... सर्दी अच्छी है,गर्मी अच्छी है बरसात में नहीँ है कोई गम सबका सर है चकराने लगता जब आता है परीक्षा का मौसम पढ़ने का मन नही करता... Hindi · कविता 382 Share पियूष राज 'पारस' 20 Feb 2017 · 1 min read वो रास्ता.....(पियुष राज) वो रास्ता... जिस रास्ते से गुजरती थी वो वो रास्ता मुझे उसकी याद दिलाता है जब भी गुजरता हूं उस रास्ते से तो उसका चेहरा मेरी आँखों में आता है... Hindi · कविता 603 Share पियूष राज 'पारस' 26 Jan 2017 · 1 min read हमारा प्यारा हिंदुस्तान -(पियुष राज) हमारा प्यारा हिंदुस्तान सबसे अलग है जिसकी पहचान जिस पर है हम सब को अभिमान जिसकी है हम सब संतान वह है हमारा हिंदुस्तान हिन्दु, मुस्लिम,सिख,ईसाई आपस में है भाई-भाई... Hindi · कविता 487 Share पियूष राज 'पारस' 22 Jan 2017 · 1 min read अनमोल है बेटियां...(कवि-पियुष राज) अनमोल है बेटियां अगर बेटे हीरा है तो हीरे की खान है बेटियां अपने घर-गांव-देश की पहचान है बेटियां अगर बेटे सूरज है तो गंगा की अविरल धारा है बेटियां... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 1 5k Share