पारसमणि अग्रवाल 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पारसमणि अग्रवाल 19 Sep 2017 · 3 min read आधा हिंदुस्तान सफर में रहता है चौकिये मत ....जी हां..... यही सच्चाई है, आधा हिंदुस्तान सफर में रहता है। अरे...अरे विश्वास नहीं होता तो जनाब जरा बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन का मुआयना कर लीजिये। इस... Hindi · लेख 1 1 240 Share पारसमणि अग्रवाल 31 Jul 2017 · 4 min read गोस्वामी तुलसीदास के प्रिय राम संवत 1956 की श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन जन्में हिन्दी साहित्य के महान कवि तुलसीदास के जीवन पर राम का प्रभाव बचपन से था कहा जाता है कि जन्म के... Hindi · लेख 566 Share पारसमणि अग्रवाल 23 Jul 2017 · 1 min read समय मिला तो गरीबो को मिटाने का साहस करूँगा एक दिन मै सफर पर जा रहा था। एक भिखारी भीख माँग रहा था। मैने पूछा - भीख क्यों मांग रहे हो भइय्या। श्रम करके क्यों नहीँ कमाते रूपईया। वह... Hindi · कविता 444 Share पारसमणि अग्रवाल 14 Jul 2017 · 4 min read भगतसिंह पैदा हो, मगर पड़ोसी के घर में अरे..रे..रे, आप गलत सोच रहे है, हम उत्तेजित नहीं हो रहे है बल्कि ये तो आधुनिक परिवेश का कड़वा सच बन गया है कि ‘‘भगतसिंह पैदा तो हो, मगर पड़ोसी... Hindi · लेख 1 622 Share पारसमणि अग्रवाल 14 Jul 2017 · 2 min read क्या उरई का नाम गिनीज बुक में दर्ज करा पाएंगे मच्छर ? क्या उरई का नाम गिनीज बुक में दर्ज करा पाएंगे मच्छर ? भले ही यह सवाल सुनकर आप हक्के बक्के रह गए हो और सवाल बेतुका लग रहा हो यह... Hindi · लेख 495 Share पारसमणि अग्रवाल 11 Jul 2017 · 1 min read माना कि आप सूरज हो मगर ढलते हुये अपनों ने हमें जीने का नजरिया सिखा दिया। ठोकरो ने हमें चलना सिखा दिया। क्या हुआ जो छीन लिया आपने हौसला पंखों ने हमें मंजिल पाना सिखा दिया। माना कि... Hindi · कविता 356 Share पारसमणि अग्रवाल 9 Jul 2017 · 1 min read मेरा हक, उन्हीं के कुत्ते खाते है। अब वो हर रोज दीवाली मनाते है। अच्छे दिन नस्ल पहचान कर आते है। मोहताज है जो दो वक्त की रोटी को, अपने हिस्से में दुःख ही दुःख पाते है।... Hindi · कविता 328 Share पारसमणि अग्रवाल 8 Jul 2017 · 3 min read खण्डहर में तब्दील किला बदल सकता तकदीर रिपोर्ट- पारसमणि अग्रवाल अपने एक निजी कार्य से जतारा के प्रवेश द्वार से महज थोड़ी दूर निकलने पर गाड़ी से जतारा किले पर नजर गई और अचानक ही मन में... Hindi · कविता 475 Share पारसमणि अग्रवाल 4 Jul 2017 · 4 min read बढ़ती बेरोजगारी के लिये सिर्फ सरकार जिम्मेदार नही देश की जटिल समस्याओं की लिस्ट में अपना नाम टॉप समस्याओं में शुमार करा चुकी बेरोजगारी की समस्या देश के लिये कैंसर जैसी बीमारी है। बढ़ती बेरोजगारी के लिये भले... Hindi · लेख 870 Share पारसमणि अग्रवाल 4 Jul 2017 · 1 min read दूर होकर भी पास हो तुम। सांसो का विश्वास हो तुम। धड़कनों की आस हो तुम । करवटों में बीत जाती रातें, दूर होकर भी पास हो तुम। तन्हाई के इस आलम में, हर लम्हें के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 605 Share पारसमणि अग्रवाल 3 Jul 2017 · 3 min read नाकामियों को छुपाने के लिये किया जाने लगा है मुआवजा का इस्तेमाल भारत को एक कृषि प्रधान देश कहा जाता है लेकिन साहिब, जरा गौर कीजिये, वक्त बदल रहा है आजादी से लेकर भले ही आज तक भारत के कृषि प्रधान होने... Hindi · लेख 689 Share पारसमणि अग्रवाल 12 Mar 2017 · 2 min read कफ़न ओढ़ने को मजबूर है प्रतिभा भारतीय जन नाट्य संघ की पत्रिका में प्रकाशित प्रधान सम्पादक की कलम से........... . कफ़न ओढ़ने को मजबूर है प्रतिभा जँहा एक ओर भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा की बाल... Hindi · कविता 269 Share पारसमणि अग्रवाल 10 Mar 2017 · 1 min read बेशक बहुत कीमत थी गुजरे जमाने में बिछड़ गये कई अपने तुम्ही गले लगाओ। यार कोई तो अब एक नई आस जगाओ। बेशक बहुत कीमत थी गुजरे जमाने में, कोई प्यार के बदले प्यार दिलाओ। राह में... Hindi · कविता 505 Share पारसमणि अग्रवाल 7 Mar 2017 · 2 min read महिला दिवस विशेष- नारी विमर्श का कड़वा सच आधुनिक परिवेश में अधिकांश लेखकों द्वारा नारी विमर्श पर सृजन किया जा रहा है जो कि नारी उत्थान का इतिहास स्वर्णिम अक्षरों में रचने में अहम भूमिका निभा सकता है।... Hindi · लेख 707 Share पारसमणि अग्रवाल 6 Mar 2017 · 2 min read चाहिये था रोजगार,मिली बेरोजगारी जी हाँ, "चाहिये था रोजगार मिली बेरोजगारी" ये किसी हास्यपद व्यंग की पंक्तिया नहीँ है बल्कि ये एक ऐसी कड़वी हकीकत है जिसे सामाजिक परिदृश्य में बड़े ही आराम से... Hindi · लेख 256 Share पारसमणि अग्रवाल 6 Mar 2017 · 1 min read वादा आज तुम तोड़ देना वादा आज तुम तोड़ देना। बेवफाओं में नाम जोड़ देना। लिखी थी इबारत प्रेम की, अब उन पन्नों को मोड़ देना। याद आये अगर तुम्हें मेरी, तो निशानियों को फोड़... Hindi · कविता 1 566 Share पारसमणि अग्रवाल 5 Mar 2017 · 3 min read यह कैसा प्यार प्यार शब्द का कानों को स्मरण होते ही मन में एक अजीब सी उमंग एक अनोखा सा उत्साह पल्लवित हो जाता है। प्यार की पवित्रता,प्यार के विश्वास से ही सती... Hindi · लेख 306 Share