प्रशांत शर्मा "सरल" Tag: कविता 23 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रशांत शर्मा "सरल" 12 Feb 2021 · 1 min read "कुछ खत मुहब्बत के" कुछ खत मुहब्बत के याद आने लगे हैं वो प्यार के गीत फिर गुनगुनाने लगे हैं। मन को समझाता हूं मगर समझता नहीं दिल में तस्वीर बनकर वो छाने लगे... Hindi · कविता 3 9 351 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 24 Mar 2020 · 1 min read *संभल कर चल* * *फिजाओं में जहर है संभल कर चल* *अब टूटा कहर है संभल कर चल* *मत दिखा होशियारी अपनी यहां* *जब उसकी लहर है संभल कर चल* *कदमों को रोक कुछ... Hindi · कविता 2 1 623 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 19 Jan 2019 · 1 min read महाकुंभ आया महाकुंभ रे महाकुंभ जहाँ लगी पताका गगनचुंभ। वहां अमृत की बूंदें बरसे जहाँ देव सभी आने तरसे।। भूमंडल में डंका बजता है विश्व मंच जहां सजता है। देश का... Hindi · कविता 1 269 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 6 Dec 2017 · 1 min read "चुप्पी" चुप्पी आपकी कुछ राज कह रही है। बंद कमरों सा कुछ काज कह रही है बोलना पड़ेगा तुम्हें आखिर एक दिन। उस वक्त के सफर का साज कह रही हैं... Hindi · कविता 407 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 4 Nov 2017 · 1 min read प्रकृति और मानव नित शीतल चाँदनी धरा पर अब सर्वत्र चमक रही है। फिर भी राहो में क्यों मानो अग्नि दहक रही है। बागों में फूल कलियां वे और चिड़िया चहक रही है।... Hindi · कविता 540 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 6 Oct 2017 · 1 min read "*कृष्ण महारास*" किया सोलह श्रृंगार मिले पूनम का प्यार। कान्हा तुमको आज आना ही पड़ेगा। ना चलेगा अब बहाना बांसुरी लेकर तुमको आना। चांद को भी अमृत बरसाना अब पड़ेगा। न आये... Hindi · कविता 530 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 13 Sep 2017 · 1 min read *हिन्दी भाषा* विश्व की सारी भाषा जानो सब की बाप तुम हिंदी मानो। स्वामी जी ने भी रंग जमाया अमेरिका में हिंदी को जगाया। आत्मीय भाषा यह कहलाए और अपनेपन का भाव... Hindi · कविता 358 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 7 Aug 2017 · 1 min read *रक्षाबंधन* *रक्षाबंधन* बहिन का वंदन भाई का चंदन कलाई में रक्षा का वरदान है। भाई बहन के प्रेम का बंधन रक्षाबंधन संस्कृति की पहचान है। श्रावण में बरसात की फुहारें करती... Hindi · कविता 530 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 7 Aug 2017 · 1 min read *रक्षाबंधन* *रक्षाबंधन* बहिन का वंदन भाई का चंदन कलाई में रक्षा का वरदान है। भाई बहन के प्रेम का बंधन रक्षाबंधन संस्कृति की पहचान है। श्रावण में बरसात की फुहारें करती... Hindi · कविता 491 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 24 May 2017 · 1 min read "चेहरे गाँवो के" चेहरे गाँवों के हैं बदले जन-मन में स्वारथ का पहरा, हुई नदारद शर्म-हया अब अलग दिखे गाँवों का चेहरा। प्रकृति वादियों में था विचरण, दिखे न अब वह कहीं आचरण।... Hindi · कविता 385 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 3 May 2017 · 1 min read "मजदूर" मंजिल तुम्हारी रहा श्रम हमारा। करता रहा क्यों जमाना किनारा। मैं भी तेरी दुनिया से दूर नहीं हूं मैं मजदूर हूं मजबूर नहीं हूं । श्रम के स्वेद से रचा... Hindi · कविता 574 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 20 Apr 2017 · 1 min read "शब्द आराधना" शब्द -आराधना करके बनता है महान मानव इससे ही सुनता है भाव भगवान ये कमाल है शब्दों की शक्ति का जिससे बढ़ती है न सिर्फ़ भक्ति अपितु ज्ञान का खजाना... Hindi · कविता 272 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 17 Apr 2017 · 1 min read "सच बेगाना" मौसम की बहार में अब दगन हो गयी। दिलो में जेठ सी जलन हो गयी। पर वक्त का अपना पैमाना होता है। अरे मानव सच बेगाना होता है । आज... Hindi · कविता 503 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 14 Apr 2017 · 1 min read "दीपक" जिनके हो विचार ऊंचे ,कदम तो खुद बा खुद बढ़ जाते हैं। जग रोशन करने के लिए, वह खुद दीपक बन जाते है। जलने की पर्वाह कहां ,वह तो जल... Hindi · कविता 462 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 31 Mar 2017 · 1 min read "मां" माता सिंह पर सवार उनके नव अवतार। सुबह शाम उनको नमन हम करते हैं। देती सबको उपरहार भरती जीवन में संचार। पाकर कृपा पापी कामी भव पार को करते हैं।... Hindi · कविता 742 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 22 Mar 2017 · 1 min read "हिंद की जय" एक चिड़िया आसमां में,पंख फैला उड़ रही। हिंद की जय, हिंद की जय,गीत मधुकर गा रही। है नमन तुमको शहीदो,खुल के हमने सांस ली। उस अमिट बलिदान को,हम भूल पाएंगे... Hindi · कविता 439 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 20 Mar 2017 · 1 min read गधे का दर्द एक गधे ने ब्रह्याजी को अपना अपना दर्द सुनाया। ब्रम्हण मुझ पर ही क्यों मूर्खता का उदाहरण फरमाया। इतना कहकर गधे को रोना आय। सुनकर ब्रह्मा जी का दया भाव... Hindi · कविता 1 1 771 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 3 Mar 2017 · 1 min read "होली" होली खेलो यार मीत ,यह बात मैं दिल से करता हूं। रंग में भर के प्यार आज,दुनिया को रंग मैं रंगता हूं। प्रेम का आधार है होली। मिलन का त्यौहार... Hindi · कविता 255 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 25 Feb 2017 · 1 min read प्रकृति बादलों की गरजती ध्वनि में,बरसा की छमछम सुहानी लगती है । अमावस्या की काली रात में,जो जुगनू दीवानी लगती है। माना पलक झपकते बदलते,मंजर प्रकृति के पल पल। पूनम की... Hindi · कविता 649 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 19 Feb 2017 · 1 min read "बाबुल का आंगन" बाबुल का आंगन लगे ,प्यारा जहां बीता बचपन सारा। याद आती मेरे मन में ,वह बात दिन रात है। अंगना दौड़े आंखें मीचे ,माता आती मेरे पीछे। बाबुल बोले खेलो... Hindi · कविता 1k Share प्रशांत शर्मा "सरल" 3 Feb 2017 · 1 min read "मानव" मानव सृष्टि की सुंदर रचना कदम-कदम पर हमें है बचना। कर्म सदा करते ही रहना फल की इच्छा कभी न करना। मानव सृष्टि.......... कदम कदम......... कृपा ईश की जन्म हमारा... Hindi · कविता 440 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 22 Jan 2017 · 1 min read बेटी बेटा होता घर का लाडला तो बेटी लाडली होती है। बेटा मानो फूल है घर का तो खुशबू बेटी होती है। उछल कूद गर बेटा करता वह चिड़िया सी चीं... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 839 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 17 Jan 2017 · 1 min read बेटी बेटा होता घर का लाडला तो बेटी लाडली होती है। बेटा मानो फूल है घर का तो खुशबू बेटी होती है। उछल कूद गर बेटा करता वह चिड़िया सी चीं... Hindi · कविता 813 Share