Lakshya thakur Tag: मुक्तक 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Lakshya thakur 28 Apr 2017 · 1 min read आदमी कभी टूटे खिलोने के लिए रोये कभी टूटे दिल से भी मुस्कराये जाने कौन सी मिट्टी से बना है आदमी सूखकर, टूटकर , बिखरकर फिर से खिल जाये ,,,,लक्ष्य@myprerna Hindi · मुक्तक 2 363 Share Lakshya thakur 13 Dec 2016 · 1 min read सफ़र अभी बाकी है,,,, यूँ ही हाथ थामे चलना हमसफ़र सफ़र अभी बाकी है। रंग तो बहुत देखे हैं जिंदगी के रंग पिया का अभी बाकी है। गुलाब सा खिले हैं तेरी संगत में... Hindi · मुक्तक 541 Share Lakshya thakur 19 Aug 2016 · 1 min read बेहोश सा जीता हूँ,,, ये बेचैनी का सबब है क्या मन में उठा बवंडर है क्या कुछ छूटता सा लगता है कुछ अंदर टूटा है क्या बहुत समेटता हूँ जज्बातों को आज फिर बिखरा... Hindi · मुक्तक 303 Share Lakshya thakur 16 Aug 2016 · 1 min read बिटिया चल,,,, बिटिया मेरा बचपन है मेरा अधूरा ख्वाब है आँखे तेरी ख़्वाब मेरा है। चल आगे बढ़ पा वो आसमाँ सी मंजिल जिसे मैंने देखी थी पर पा न सकी। अब... Hindi · मुक्तक 266 Share Lakshya thakur 16 Aug 2016 · 1 min read मै रहूँ न रहूँ,,, मै रहूँ न रहूँ तुम मुस्कराते रहना मै निहारूँगा तारा बनकर तुम बस खिलते रहना। मेरे लिए न होना कभी उदास तुम झरने सी बहते रहना। सुबह की धूप बनकर... Hindi · मुक्तक 1 428 Share Lakshya thakur 16 Aug 2016 · 1 min read तुम्हें कोई जीता है लिखो एक नज़्म तुम्हें कोई जीता है एहसासों के ढेर से निकालो कुछ लम्हे तुम्हें कोई जीता है। ओस सी ठंडक लिए नई पत्तियों की गुदगुदाहट जी भरके मुस्कराओ तुम... Hindi · मुक्तक 1 328 Share