डॉ०प्रदीप कुमार दीप 117 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ०प्रदीप कुमार दीप 6 Oct 2023 · 3 min read पर्यावरणीय सजगता और सतत् विकास ही पर्यावरण संरक्षण के आधार पर्यावरणीय सजगता और सतत् विकास ही पर्यावरण संरक्षण के आधार नारी शक्ति में समाहित है पर्यावरण संरक्षण, संवर्धन और सतत् विकास की अदम्य क्षमता - डॉ० प्रदीप कुमार दीप पर्यावरण... Hindi 182 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 10 Jun 2023 · 1 min read अनुभव अनुभव की क्या बात करें ? अनुभव तो अनुभव होता है । कभी-कभी तो थोड़ा सा.... तो कभी गहनतम होता है ।। कभी होता है गलती से कभी संघर्षों से... Poetry Writing Challenge · कविता 157 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Jul 2021 · 2 min read सुगनी सुगनी " -------------- चिथड़ों में लिपटी हुई गरीबी , फटी एड़ियाँ, फटी वेशभूषा और इर्द-गिर्द भिनभिनाती हुई बहुत सी मक्खियाँ | जाने किस आशा में वो एकटक निहार रही है... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 3 336 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Jul 2021 · 2 min read पतासी काकी " पतासी काकी " (लघुकथा) ----------------------- कहने को तो जमीन-जायदाद ,आलिशान घर और गाय-भैंसें सभी थी पतासी काकी के पास | लेकिन ! एक ही कमी खलती थी उसे ,... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 541 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Jul 2021 · 4 min read कर्तव्य कर्तव्य ” कर्तव्य ” साठ बसंत देख चुकी ‘कमली’ को देखकर अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि वह जीवन के छह दशक पूरे कर चुकी है | वह घर के... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 356 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 17 Apr 2020 · 6 min read पप्पू की बुद्धिमानी " पपलू की बुद्धिमानी " (बाल कहानी) ------------------------------- कई साल पहले ढ़ोसी गाँव में तीन चूहों के दल अपने -अपने सदस्यों के साथ निवास करते थे | जरबिल और झाऊ... Hindi · कहानी 3 562 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 15 Apr 2020 · 1 min read साक्षात्कार साक्षात्कार (लघुकथा) __________ हरिराम की उच्च आकांशा ने उसे कब क्रूर और अमानवीय बना दिया उसे पता ही नहीं चला । नित्य वन्यजीवों का शिकार कर उनका मांस और चर्म... Hindi · लघु कथा 2 726 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 15 Apr 2020 · 1 min read नूरी " नूरी " (लघुकथा) ----------- सुनसान रात के अंधेरे में दीवार के सहारे एक कोने में दुबकी बैठी "नूरी " इंसानी वेश में छुपे हुए चार-पाँच भेड़ियों से बचने का... Hindi · लघु कथा 348 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 14 Apr 2020 · 1 min read मैं भारत का संविधान हूं । मैं भारत का संविधान हूं । ___________________ गणतंत्र का सजग प्रहरी... मैं भारत का संविधान हूं । समानता का पाठ पढ़ाता , मैं विस्तृत हिन्द-वितान हूं ।। हम भारत के... Hindi · कविता 3 2 577 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 14 Apr 2020 · 1 min read अन्नपूर्णा अन्नपूर्णा ------------------ हाँ मैं कृषका हूँ ! सदियों से ही.... और सदियों तक भी ! अपनाया है मैंने ! कृषि और पशुपालन को ताकि कर्मण्यवादी बनकर सतत् कर्म करूँ !!... Hindi · कविता 2 2 499 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 3 Apr 2020 · 2 min read बदलते मानवीय मूल्य, घटती संवेदनशीलता ! बदलते मानवीय मूल्य, घटती संवेदनशीलता ! - डॉ० प्रदीप कुमार "दीप" जन्म से मनुष्य एक जैविक प्रक्रिया का परिणाम है और सजीव जगत की सर्वोत्तम प्रजाति की चरम परिणति है... Hindi · लेख 1 2 1k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 3 Apr 2020 · 2 min read गुरू की गरिमा का अवसान ! गुरू की गरिमा का अवसान ! डॉ० प्रदीप कुमार "दीप" मानव कल्याण की भावना से परिपूर्ण गृहस्थ कर्त्तव्ययोगी , सृजनशीलता एवं दायित्व-बोध से युक्त गुरूओं ने इस जगत में मार्गदर्शक... Hindi · लेख 1 1 519 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 2 Apr 2020 · 7 min read रामायण का नीतिमीमांसीय महत्व रामायण का नीतिमीमांसीय महत्व ______________ -डॉ० प्रदीप कुमार "दीप" मानव कल्याण की भावना से परिपूर्ण , गृहस्थ कर्त्तव्यबोध एवं कर्मयोग की दीक्षा , धर्म रक्षा एवं पालन , मानवीय मूल्यों... Hindi · लेख 3 2 857 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 28 Sep 2019 · 3 min read आभासी दुनिया और युवा पीढ़ी आभासी दुनिया और युवा पीढ़ी _______________________ - डॉ० प्रदीप कुमार "दीप" प्रसिद्ध अद्वैतवादी दार्शनिक शंकराचार्य ने अपने मायावाद की स्थापना में माया की दो शक्तियों का उल्लेख किया था -... Hindi · लेख 4 5 870 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 13 Jan 2019 · 4 min read भारत का असन्तुष्ट युवा भारत का असन्तुष्ट युवा ( आलेख ) ---------------------------- भारत विश्व का सबसे बड़ा युवा वर्ग रखने वाला देश है | किसी भी देश के सर्वांगीण विकास के लिए युवाओं की... Hindi · लेख 3 374 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 11 Jan 2019 · 1 min read न तन तेरा न मन मेरा न तन तेरा न मन मेरा _________________ न तन तेरा ,न तन मेरा , न मन तेरा,न मन मेरा । न दिल तेरा ,न दिल मेरा , फिर होता क्यों... Hindi · कविता 2 492 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 1 Nov 2018 · 1 min read मां माँ ______ सबसे प्यारा और अनोखा ! रिश्ता अपनी "माँ" का है | तीनों लोक समा जाएेंगें..... ऐसा आँचल " माँ " का है || जननी बनकर जन्मा है और... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 34 1k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 17 Oct 2018 · 1 min read मेरे देश का क्या होगा ? आदमी का आदमी से ब्याह होगा औरत का औरत से निकाह होगा बहुत चिंता में रहता हूं आजकल मैं न जाने; मेरे देश का क्या होगा!!! चढ़ती हैं बेटियां घोड़ी... Hindi · कविता 1 1 476 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 10 Aug 2018 · 1 min read सूक्ष्म आलोचना सूक्ष्म आलोचना ------------------------ सूक्ष्म-आलोचना अमृत के समान है जिसे सहर्ष स्वीकार करना अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना है जबकि अति-प्रशंसा धीमा जहर है जो हमें विनाश की ओर ले... Hindi · लेख 1 636 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 17 Jul 2018 · 1 min read इंसाफ कौन करेगा ? इंसाफ कौन करेगा ? _________________ गिरे हुए इंसानों का एहसास कौन करेगा ? गली-गली-चौराहों पर दृष्टिपात कौन करेगा ? नरभक्षी कुछ नरों पर आघात कौन करेगा ? भारत की हर... Hindi · कविता 2 2 414 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 21 Mar 2018 · 1 min read कभी सोचा है ? कभी सोचा है ? ---------------------- कभी सोचा है ? मानव की परिधि क्या है ? कहाँ तक है ? कितनी है ? किस रूप में है ? हाँ ! सोचना... Hindi · कविता 1 394 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 17 Feb 2018 · 2 min read प्रधानमंत्री जी का परीक्षा पर चर्चा के बहाने संस्कारों का बीजारोपण प्रधानमंत्री जी का परीक्षा पर चर्चा के बहाने संस्कारों का बीजारोपण माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत के भविष्य बच्चों से परीक्षा पर चर्चा तो एक बहाना था |... Hindi · लेख 1 354 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 4 Feb 2018 · 3 min read पवित्र साध्य है बेटी पवित्र साध्य है बेटी ------------------------- आन कहूँ या शान कहूँ ! मान कहूँ या मर्यादा ! खुशियों की चाबी कहूँ या हिस्सा कहूँ मैं आधा | हाँ ! सब कुछ... Hindi · लेख 1 534 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 4 Feb 2018 · 1 min read नारी हूँ मैं नारी हूँ मैं ! ------------- नारी हूँ मैं ! कोई पत्थर नहीं ! मुझमें भी हैं...... एहसास निर्मलता और मानवता | सदियों से ही कहते आए हैं मैं अबला हूँ... Hindi · कविता 1 356 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 27 Jan 2018 · 2 min read गुरू की गरिमा का अवसान ! गुरू की गरिमा का अवसान ! गुरू का पद वैदिक काल से ही सतत् गरिमामय रहा है ,पर आज अक्सर देखने में आता है कि कुछेक असामाजिक तत्वों ने गुरू... Hindi · लेख 1 652 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 23 Jan 2018 · 1 min read माँ ! कब आएगी ? माँ ! कब आएगी ? ----------------------- पतंग !!!! नाम सुनते ही..... उमंग और तरंग ! दोनों ही हिलौरे लेती हैं !! उत्सुकता चरम पर ! कौतुहल सातवें आसमान पर !!... Hindi · कविता 1 279 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Jan 2018 · 2 min read पुस्तक समीक्षा : रामायण प्रसंग (लेखक- श्री मनोज अरोड़ा) राजस्थान के लब्धप्रतिष्ठित लेखक , समीक्षक , और सामाजिक कार्यकर्ता श्री मनोज अरोड़ा की पुस्तक " रामायण प्रसंग " स्वामी विवेकानन्द द्वारा 31 जनवरी ,1900 ई० को अमेरिका के कैलीफोर्निया... Hindi · लेख 2 1k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Jan 2018 · 2 min read पुस्तक समीक्षा : बाल सुमन (सुश्री अनुभूति गुप्ता) पुस्तक समीक्षा ------------------------- पुस्तक : बाल सुमन लेखिका : सुश्री अनुभूति गुप्ता संस्करण : प्रथम संस्करण(2016) पृष्ठसंख्या : 46 मूल्य : ₹ 45 सुप्रसिद्ध कवयित्री, साहित्यकार ,समीक्षक , संपादक और... Hindi · लेख 1 345 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 14 Jan 2018 · 2 min read पुस्तक भूमिका : नया शहर हो गया(नरेश कुमार चौहान) भूमिका ---------------- अपने जनक एवं जननी को श्रद्धापूर्वक समर्पित श्री नरेश कुमार चौहान का समकालीन हिन्दी कविताओं का काव्य-संग्रह "नया शहर हो गया" एक श्रेष्ठ काव्य-संग्रह है | इनकी कविताओं... Hindi · लेख 1 367 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 14 Jan 2018 · 2 min read पुस्तक भूमिका : महाभारत प्रसंग भूमिका ---------------- भारतीय पुरातन सभ्यता , संस्कृति, संस्कार और सद्गुणों के आलोक में महान् विभूतियों के कर्म और मर्म को जानकर उन्हें पुन: प्रतिष्ठित करते हुए सुरूचिपूर्ण ,सार्थक, सकारात्मक और... Hindi · लेख 1 746 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 14 Jan 2018 · 3 min read पुस्तक समीक्षा : कतरा भर धूप(सुश्री अनुभूति गुप्ता) पुस्तक समीक्षा ------------------------ पुस्तक : कतरा भर धूप लेखिका : सुश्री अनुभूति गुप्ता संस्करण : प्रथम संस्करण(2017) पृष्ठसंख्या : 96 मूल्य : ₹ 75/- अभिरूचि की अभिव्यक्ति कहूँ या विचारों... Hindi · लेख 1 411 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Dec 2017 · 1 min read क्या वजह लिखूँ ? क्या वजह लिखूँ ? ----------------------------- क्या वजह लिखूँ तेरे इश्क की ? कोई वजह नहीं ,बेवजह हुआ ! ना कोई प्रतिस्पर्धा थी.......... बस प्रेम में मैं तो अजय हुअा ||... Hindi · कविता 405 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 11 Dec 2017 · 1 min read जीवन का आधार जीवन का आधार ------------------------------- जीवन का आधार प्रेम है , दिया गया आभार प्रेम है ! लैला की चलती हुई सांसें, मजनूं का एतबार प्रेम है | सीरी की आँखों... Hindi · कविता 622 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 21 Nov 2017 · 1 min read सृजना की महत्ता सृजना की महत्ता ---------------------------------- क्यों हुआ है खून का पानी ? करते रहते सब मनमानी.... जोशीले शब्दों के संग में क्यों रक्त अब बहता नहीं ?? लुट जाती नारी की... Hindi · कविता 573 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 11 Nov 2017 · 2 min read पवित्र साध्य-प्रेम " पवित्र साध्य- प्रेम " ---------------------------- रहिमन धागा प्रेम का ,मत तोड़ो चटकाय | टूटे से फिर ना जुड़े ,जुड़े गाँठ परि जाय || --------------------------------------------------- उक्त दोहे के माध्यम से... Hindi · कविता 669 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 9 Nov 2017 · 1 min read नाज नाज होता है अक्सर तेरे दिल पर मुझे ऐसा दिल बहुत मुश्किल से मिलता है | ---------- दीप Hindi · शेर 558 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 23 Aug 2017 · 1 min read सहेज लेता हूँ ! सहेज लेता हूँ ! ---------- सहेज लेता हूँ ! इन वृक्षों को !! अपने लिए... अपनों के लिए ! जग के लिए... सब के लिए ! क्यों कि ? मैं... Hindi · कविता 281 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 21 Aug 2017 · 2 min read पवित्र साध्य - प्रेम " पवित्र साध्य- प्रेम " ---------------------------- रहिमन धागा प्रेम का ,मत तोड़ो चटकाय | टूटे से फिर ना जुड़े ,जुड़े गाँठ परि जाय || --------------------------------------------------- उक्त दोहे के माध्यम से... Hindi · लेख 632 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Aug 2017 · 1 min read मैं भारत माता हूँ "मैं भारत माता हूँ !" ------------- पहचाना मुझे ? नहीं ना !! पहचानोगे भी कैसे ? तिरंगा तो नहीं है हाथ में... शेर पर भी सवार नहीं हूँ ! मुकुट... Hindi · कविता 609 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 1 Aug 2017 · 1 min read तुम कौन हो ? तुम कौन हो ? ----------------- कभी सोचा है ? कि तुम कौन हो ? क्या हो ? क्यों हो ? नहीं ना........... हाँ ! सोचोगी भी क्यों ? हम जो... Hindi · कविता 1 432 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 22 Jun 2017 · 1 min read हासिल क्या ? हासिल क्या ? ---------------- मेरे त्याग और बलिदान से हासिल क्या ? हुआ मुझको !! कभी मिली दुत्कार मुझे ! तो कभी मिला कुआँ मुझको !! मैं छली गई !... Hindi · कविता 568 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 12 Jun 2017 · 1 min read अजन्मी की व्यथा अजन्मी की व्यथा ----------------------- माँ !! सुना है ! डॉक्टर भगवान है ! जिन्दगी बचाकर जिन्दगी देता है | हाँ !! सही भी है ! तभी तो........ मौत के मुँह... Hindi · कविता 357 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 17 May 2017 · 1 min read मतलब " मतलब " --------------- मतलब...... केवल स्वार्थ नहीं ! लेकिन यह........ कोई परार्थ नहीं | बहुत से मायने हैं इस मतलब के ! जैसे कि -- अर्थ तात्पर्य समझ स्वार्थ... Hindi · कविता 1 596 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 16 May 2017 · 2 min read माँ नियति है " माँ नियति है " ------------------- माँ गीता... माँ कुरान है ! माँ आन-बान और शान है | माँ ममता है माँ त्याग है ! माँ बच्चों का भाग है... Hindi · कविता 615 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 2 May 2017 · 1 min read आतंकी " आतंकी " --------------- अमानुष वो बने हुए हैं..... रक्त-पिपासु आतंकी | ढ़ाल बनाकर मजहब को उसको कर देते कलंकी || फेंक के चोला मानवता का तांडव करते हैं दानव... Hindi · कविता 304 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 30 Apr 2017 · 4 min read साहित्य समाज का दर्पण है " साहित्य समाज का दर्पण है " ------------------- लेखन ऐसा चाहिए,जिसमें हो ईमान | सद्कर्म और मर्म ही,हो जिसमें भगवान || --------------------------- जिस प्रकार आत्मा और परमात्मा का बिम्ब एक... Hindi · लेख 1 13k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 26 Apr 2017 · 1 min read पुरूष हूँ ! पुरूष हूँ ! --------------- पुरूष हूँ ! कोई पत्थर तो नहीं ! मुझमें भी है ... एहसास ! निर्मलता ! और मानवता | सदियों से ही कहते आए हैं कि... Hindi · कविता 754 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 24 Apr 2017 · 4 min read धार्मिक सहिष्णुता बनाम राष्ट्रीय एकता " धार्मिक सहिष्णुता बनाम राष्ट्रीय एकता " ============================ धार्मिक सहिष्णुता को समझने के लिए "धर्म " और "सहिष्णुता' के वास्तविक मर्म को समझना जरूरी है | क्यों कि धर्म और... Hindi · लेख 4k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 16 Apr 2017 · 3 min read स्वाभिमान बनाम अभिमान " स्वाभिमान बनाम अभिमान " --------------------------------------- सांख्य दर्शन की 'प्रकृति' की तरह ही मानवीय रचना भी त्रिगुणमयी है ,जिसमें सत्व ,रज और तम गुणों की प्रधानता पाई जाती है |... Hindi · लेख 2 6k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 14 Apr 2017 · 1 min read सरिता " सरिता " ------------- हाँ ! मैं ही तो हूँ ! सतत् तरंगित और नि: शब्द-सी प्रवाहित सरिता | शीतल जल-सा....... 'स्नेह' प्रवाहित होता है निर्मल अनुभूति के साथ मेरे... Hindi · कविता 317 Share Page 1 Next