निर्मल सिंह 'नीर' Tag: ग़ज़ल/गीतिका 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid निर्मल सिंह 'नीर' 24 Jul 2017 · 1 min read तुम तुम चाँद हो,चांदनी हो, शीतलता तुम हो मेरे हृदय की अंतहीन निर्मलता तुम हो, तुम्ही से रंग है, रोशनी है, खुशबू भी है किसी शब में ख्वाब की मादकता तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 531 Share निर्मल सिंह 'नीर' 22 Jul 2017 · 1 min read दिल को बत्तमीज़ न कहें तो क्या करें दर्द जब हद से गुजर जाए तो क्या करें वो मुझे गैर कभी कह जाए तो क्या करें, हम लाख चाहे उन्हे किनारे पर ले आना बीच मझदार खुद डूबना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 252 Share निर्मल सिंह 'नीर' 22 Jul 2017 · 1 min read वो रोती रही रात भर क्यूँ टीस उठती है दिल के कोने में कहीं रात भर इश्क़ पन्ने पे लिखा तो, वो सिसकती रही रात भर इक फर्द के आने से लगा बंजर जमी मुस्का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 492 Share निर्मल सिंह 'नीर' 22 Jul 2017 · 1 min read दिल को गिरवी दे रखा है ख़ुद को धोखा देकर रखेगे , कब तक? उस चाँद को दिल मे हम रखेगे, कब तक? जिसको जाना था, न आयेगे वो चले गए हैं हम रह पर भला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 385 Share निर्मल सिंह 'नीर' 22 Jul 2017 · 1 min read उसकी याद बहुत आई शब - ए - तारीख उसकी याद बहुत आई जम के घटा उमड़ी फिर जम के बरसात आई, उस मजहबी यादों की चद्दर पूरी ही काली है जितनी काजल आँख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 444 Share निर्मल सिंह 'नीर' 22 Jul 2017 · 1 min read ये वही है जो इश्क़ मे फेमस है माथे पर मेरे शायद जो ये अब दाग रहे साँसों की चौखट भी अब न बेदाग रहे, दिन के उजले में जो रोका बेमानी करते सायद अब उनके सीने में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 259 Share निर्मल सिंह 'नीर' 22 Jul 2017 · 1 min read आँखें क्यूँ बहुत उदास रहती है तेरी आँखें दर्द खुद-ब-खुद बयां करती तेरी आँखें, तु न समझ कि दुखों को छुपा लेगा रह-रह कर जो बरस पड़ती तेरी आँखें, तु मासूम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 565 Share