Tag: कविता
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यादों की गठरी
NIRA Rani
जहॉ पसरा हो मेरा नाम
NIRA Rani
मै क्या लिखूं
NIRA Rani
दोस्तो से भी मिला करो
NIRA Rani
तूफॉ मे कश्ती
NIRA Rani
पापा तुम तस्वीर मे रहते हो
NIRA Rani
मॉ
NIRA Rani
बूढ़ी उम्मीदे चौखट पर रोज दिया जलाती है
NIRA Rani
तू मुझमे है मैतुझमे हूं
NIRA Rani
कौन किसे पनाह देताहै
NIRA Rani
मुहब्बत के व्यापार मे
NIRA Rani
नारी दिवस की बधाई
NIRA Rani
कचरे मे जीवन तलाश रहा था
NIRA Rani
समसामयिक घटना पे वार कर रही हूं
NIRA Rani
मकर संक्रान्ति मुबारक बच्चे
NIRA Rani
बेटियॉ
NIRA Rani
नव वर्ष मुबारक
NIRA Rani
.. या खुदा मेरे सारे गुनाह माफ करे
NIRA Rani
जिंदगी मुझ पर लिखती है
NIRA Rani
जी लेना चाहती हूं
NIRA Rani
चट्टानों पे चलकर मै आज यहॉ तक पहुची हूं
NIRA Rani
अपने वजूद की पहचान कर चला है
NIRA Rani
गैरो मे कहॉ दम है ..अपने ही चोट दे जाते हैं
NIRA Rani
धुंध की चादर मे शहर सिसक रहा है
NIRA Rani
गरीबी
NIRA Rani
दिया जलता रहा
NIRA Rani
अश्को का अक्स नजर आया है
NIRA Rani
बर्फ का गोला
NIRA Rani
जीने के बहाने ढूढ़ लेती है जिंदगी
NIRA Rani
रंगों केअर्थ बदलते है ..
NIRA Rani
कुछ वक्त साथ ले आउँ !!
NIRA Rani
कोई आज ..कोई चार दिन बाद
NIRA Rani
फौजी की बीवी .....दे दो वक्त को मात
NIRA Rani
लाल बिंदी ...
NIRA Rani
सच्चे प्रहरी हो ...
NIRA Rani
रहते हो दिल के करीब ..रहते हो दिल के पास
NIRA Rani
हसरतें घायल और दायित्व मजबूत हो रहें है
NIRA Rani
भीगी पलकों के मुरीद हो शायद
NIRA Rani
दान' हुई हकदार बदल गए
NIRA Rani
दस्तक ..वक्त और उम्र की
NIRA Rani
_इलाहाबाद
NIRA Rani
मजहब के रंग हजार देखे हैं
NIRA Rani
एक बार फिर संयमित हो रही हूं
NIRA Rani
क्या करूं इस दिल का
NIRA Rani
हीरे की कनी
NIRA Rani
मशगूल युवा
NIRA Rani
व्यथा ..निम्न मध्यम वर्ग की
NIRA Rani
मौन ही जब अर्थ देने लगे
NIRA Rani
तुम बात मुझी से कह डालो
NIRA Rani
पेटभरना जरूरी है
NIRA Rani