Neeraj Chauhan Tag: मुक्तक 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Neeraj Chauhan 1 Aug 2017 · 1 min read ना आँखों में मुझे सजाओं.. . ना आँखों में मुझे सजाओं, मैं काजल सा ठहर जाऊंगा ना बातों में मुझे लगाओ, तुम्हारे दिल में उतर जाऊंगा आऊंगा हर जन्म, रखूँगा जारी यही कथन, यूँ मोती ना... Hindi · मुक्तक 511 Share Neeraj Chauhan 17 Jul 2017 · 1 min read छलक पड़ती हो तुम कभी.. . छलक पड़ती हो तुम कभी , एक कशिश छोड़ जाती हो भिगाती बारिशें हैं मुझे, तुम तपिश छोड़ जाती हो अलग बहता हूँ तुमसे मैं, कभी जब बहकने लगता हूँ... Hindi · मुक्तक 520 Share Neeraj Chauhan 9 Jul 2017 · 1 min read वजह तुम हो तन्हाई की.. . वजह तुम हो तन्हाई की, मेरा त्यौहार तुम ही हो, भले मैं पैर का घुँघरू, मगर झंकार तुम ही हो कभी हाथों के परदे आँख पर रख, देखती हो मुझे,... Hindi · मुक्तक 462 Share Neeraj Chauhan 8 Jul 2017 · 1 min read मिलता नही कभी भी, जिंदगी में कुछ मुकम्मल.. मिलता नही कभी भी, जिंदगी में कुछ मुकम्मल, कभी पाते भी हो, तो बहुत कुछ गवांकर सहज नहीं हैं मेहनत का फल चुटकी में मिल जाना, कभी हँसते भी हो,... Hindi · मुक्तक 769 Share Neeraj Chauhan 12 Dec 2016 · 1 min read मिला हूँ जो तुझमे, तो तेरी छवि हो गया हूँ .. मिला हूँ जो तुझमे, तो तेरी छवि हो गया हूँ ढलते उजालों का जैसे, मैं रवि हो गया हूँ कोई कहता हैं पागल, कोई कहता दीवाना, लोग देते हैं ताना,... Hindi · मुक्तक 629 Share Neeraj Chauhan 7 Dec 2016 · 1 min read फिल्मों वाले अपराधी ! फुटपाथों पर सोने वाले, आज खून के आंसू रोते, समझ गये हैं फिल्मों वाले, नही कभी अपराधी होते, समझ गये हैं पैसे वालों, का रुतबा अब भी कायम हैं आम... Hindi · मुक्तक 535 Share Neeraj Chauhan 28 Nov 2016 · 1 min read चुपके से निखरी रातों में. . बिन बारिश के मौसम में, तेरा बरसना मुझे याद हैं उन दो कजरारी अखियों का, तरसना मुझे याद हैं, चुपके से निखरी रातों में, तेरा दिल में आना याद हैं... Hindi · मुक्तक 745 Share Neeraj Chauhan 25 Nov 2016 · 1 min read बिना मेरे अधूरी तुम.. मेरा हर सुर अधूरा हैं, अधूरी गीत की हर धुन, स्वप्न वो तुम नहीं जिसमे, कभी सकता नहीं मैं बुन कोई रिश्ता नहीं तुमसे, मगर अहसास ऐसा हैं; बिना मेरे... Hindi · मुक्तक 1 481 Share Neeraj Chauhan 5 Nov 2016 · 1 min read कृष्ण मैं भी नहीं, राधा तुम भी नहीं.. कृष्ण मैं भी नहीं, राधा तुम भी नहीं, प्रेम फिर भी इबादत से, कम भी नहीं हाथ मेरा पकड़कर, जो तू थाम ले, फिर ज़माने से भी मुझको, कुछ गम... Hindi · मुक्तक 1 587 Share Neeraj Chauhan 21 Jul 2016 · 1 min read तुमसे मिलु मैं कुछ इस तरह... तुमसे मिलु मैं कुछ इस तरह, की कोई मुझे आवाज़ ना दे, घुल जाउ तुममे इस कदर, की धड़कने मेरा साथ ना दे कह जाउ तुमसे इस तरह, की कोई... Hindi · मुक्तक 3 467 Share Neeraj Chauhan 21 Jul 2016 · 1 min read ये जीवन भी क्या हैं? ये जीवन भी क्या हैं, कभी उत्थान तो कभी पतन, कभी गूँज भरी किलकारियाँ, कभी मौत का निमंत्रण कही लुटता हुआ धन हैं, कही घुटता हुआ मन, कही हंसने पर... Hindi · मुक्तक 5 365 Share