Comments (5)
21 Jul 2016 05:08 PM
सुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने
ये जीबन यार ऐसा ही ,ये दुनियाँ यार ऐसी ही
संभालों यार कितना भी आखिर छूट जाना है
सभी बेचैन रहतें हैं ,क्यों मीठी बात सुनने को
सच्ची बात कहने पर फ़ौरन रूठ जाना है
समय के साथ बहने का मजा कुछ और है प्यारे
बरना, रिश्तें काँच से नाजुक इनको टूट जाना है
रखोगे हौसला प्यारे तो हर मुश्किल भी आसां है
अच्छा भी समय गुजरा बुरा भी फूट जाना है
ये जीबन यार ऐसा ही ,ये दुनियाँ यार ऐसी ही
संभालों यार कितना भी आखिर छूट जाना है
Neeraj Chauhan
Author
22 Jul 2016 07:13 PM
आपका बहुत आभार।
21 Jul 2016 04:43 PM
वाह्ह्ह्
Neeraj Chauhan
Author
22 Jul 2016 07:13 PM
पूज्या , आपकी ये ‘वाह्ह’ मेरे लिए बहुत कीमती साबित होगी।
आपका बहुत आभार।
वाह बेटा ।