Ranjana Mathur Language: Hindi 458 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ranjana Mathur 9 Jun 2020 · 1 min read पर्यावरण पर हाइकु न प्रदूषण स्वच्छ पर्यावरण कर लें प्रण धरा संतप्त पर्यावरण त्रस्त है अस्त व्यस्त भूमि क्षरण नष्ट पर्यावरण सुख हरण यही अपेक्षा पर्यावरण रक्षा सृष्टि सुरक्षा त्रस्त वसुधा पर्यावरण सुधा... Hindi · हाइकु 4 313 Share Ranjana Mathur 28 Jun 2020 · 1 min read प्यारी बेटियाँ स्वर्ग से उतरी परी हैं बेटियाँ पुष्पों की पंखुरी है बेटियाँ। जहाँ नहीं बिटिया का वास वहाँ न खुशियों का आवास। पावन दुर्गा माँ हैं बेटियाँ हर परिवार की जां... Hindi · कविता 4 293 Share Ranjana Mathur 15 Jun 2021 · 1 min read तुम आए हो शीर्षक - " तुम आए हो?" उमड़- घुमड़ श्यामल मेघावरि दमक रही तड़ तड़ित दामिनी शोर हुआ घनघोर घटा का झर - झर बुंदियाँ बरसाए हो सुना है कि तुम... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 1 292 Share Ranjana Mathur 18 Nov 2018 · 1 min read माँ ये माँ की दुआ का असर है ग़म क्या है मुझे ना ख़बर है। देखे जिस जगह सिर्फ ख़ुदा माँ की उस जगह भी नज़र है। जिसके सिर पर न... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 25 1k Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read गुनगुनाना छोड़ दें ये घटाएँ अब्र से बूँदें गिराना छोड़ दें आंसुओं से भी कहो आँखों में आना छोड़ दें। ख़ाक में मिलकर हो हासिल गर मुहब्बत आपकी बारहा सांसों का आना और... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 222 Share Ranjana Mathur 15 Jun 2021 · 1 min read तू नीर बहा दे ?????????? साहित्य पीडिया काव्य प्रतियोगिता - विषय - " बरसात " ?????????? कविता शीर्षक - "तू नीर बहा दे" प्रावृट् की आ गयी है बेला मेघवृत्त हुआ है अम्बर उड़त-... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 309 Share Ranjana Mathur 15 Jun 2021 · 1 min read तब मानूँ मैं ?????????? साहित्य पीडिया काव्य प्रतियोगिता - विषय - " बरसात " ?????????? कविता शीर्षक - "तब मानूँ मैं" प्राणी के तन की ही नहीं उठती मन की भी उमस क्लांत... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 330 Share Ranjana Mathur 15 Jun 2021 · 1 min read आया सावन कविता शीर्षक - आया सावन पर्ण-पर्ण हरीतिमा खिली है मौसम क्या मनभावन है छाया। शु हर हृदय की कली खिली है सौंधी माटी ने है मन भरमाया। झनन झनन झन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 362 Share Ranjana Mathur 18 Jul 2021 · 2 min read तीन बार कहानी "तीन बार" "तू चाहे तो मेरे घर एक हफ्ते तक न आ, लेकिन तू आराम कर। " "सुन ले तारा।" "समझी कि नहीं।" "जी भाभी! समझी। कर लूंगी आराम.."... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 1 466 Share Ranjana Mathur 23 Jul 2021 · 2 min read जीवनदायिनी अक्टूबर का महीना.. सोमवार की व्यस्ततम दोपहर............ रविवार का दूसरा दिन यानि सारी दुनिया अपने-अपने कार्य क्षेत्र के मकड़जाल में उलझी हुई......... मौसम में हल्की सर्द आहट... सैर सपाटे के... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 1 462 Share Ranjana Mathur 23 Jan 2019 · 1 min read ज्वाला प्रचंड हूँ अब बीत चुका वह समय जब मेरी दुनिया थी घर आंगन। हालातों ने किया विवश है तब मैंने संभाला रणआंगन। मर्यादा की ओट लिए मैं अग्नि प्रखंड हूँ भारत की... Hindi · कविता 2 560 Share Ranjana Mathur 28 May 2019 · 1 min read ग़ज़ल आसमां उस रात कुछ ज़्यादा हसीं हो जाएगा। चाँद भी करके शरारत शबनमी हो जाएगा। छा उठेगीं ख़ुशबुएं जब रात रानी की वहां नूर तेरे रूप का अपनी अदा दिखलाएगा।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 224 Share Ranjana Mathur 8 Jun 2019 · 1 min read ग़ज़ल - सलीका ज़िन्दगी का मुहब्बत में मज़ा तो दिल की क़ुर्बानी से आया है कि मिटने की कसम है दिल तो मनमानी से आया है। पियो तुम जाम आँखों से कि मयखाने में तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 239 Share Ranjana Mathur 8 Jun 2019 · 1 min read ग़ज़ल - बदगुमानी बदल दे न किस्मत लिखे मुंह जबानी बदल दे कभी तो ख़ुदा ज़िन्दगानी बदल दे। लो आए खुशी के ये दिन और रातें जो रातें थीं काली आसमानी बदल दे। हुई खार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 325 Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read क्या लिखूँ उखड़ा है मन लेखनी का मन में उठ रहा है बवाल आखिर लिखूँ तो क्या लिखूँ दिल में आते हैं कई खयाल क्या लिखूँ? प्रताड़ित होती नारी पर छिड़ा नारी... Hindi · कविता 2 1 250 Share Ranjana Mathur 21 Feb 2020 · 1 min read शिकायत तो नहीं कोई हमें तुमसे शिकायत तो नहीं कोई कि तुमने की शरारत तो नहीं कोई। हमें तुम मान सकते हो अजीज़ों में कि हम करते अदावत तो नहीं कोई। जलाओ आंधियों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 484 Share Ranjana Mathur 21 Feb 2020 · 1 min read "मतलबी " बिना स्वार्थ न पूछे कोई बिन काम के कोई न यार मतलब का हर इंसा बन्धु मतलबी है सारा संसार। आज समय वो है जग में। मतलब की साथी संतान... Hindi · कविता 2 262 Share Ranjana Mathur 11 May 2020 · 1 min read कर्त्तव्य बोध है कर्तव्य पथ निर्मित विधि द्वारा चलना है जीवन पर्यन्त प्राणी को चलना है अनवरत बिन कर्त्तव्य से हुए विमुख शिशु का है अधिकार कि माता उसकी क्षुधा मिटाए कर्तव्य... Hindi · कविता 2 1 429 Share Ranjana Mathur 11 May 2020 · 2 min read ये क्या हुआ हुए मंदिर के पट क्यों बंद बहुत नाराज़ हैं अम्मा, कभी अस्सी बरस में न देखा ऐसा आया यह कोविद निकम्मा। लाॅक डाउन में बाऊ जी के तो रुतबे भी... Hindi · कविता 2 2 462 Share Ranjana Mathur 11 May 2020 · 2 min read उपहार "हैलो मम्मी। हैप्पी मदर्स डे माँ!" "सच आपकी बहुत याद आ रही है। आज तो आपको हमारे साथ होना था आपको उपहार भी तो देना था। है न राजीव।" फोन... Hindi · लघु कथा 2 1 587 Share Ranjana Mathur 23 Feb 2021 · 2 min read एक बार फिर "एक बार फिर" वाह रे मानव किया कार्य बहुत महान तेरी कुत्सित ज़िद से एक बार पुनः तपोवन बना श्मशान बरपा है कुदरत का कहर उत्तराखंड में फिर एक बार... Hindi · कविता 2 2 385 Share Ranjana Mathur 15 Jun 2021 · 1 min read अब तो जागो कविता शीर्षक - "अब तो जागो" उमड़ घुमड़ घिर आते बादल फिर धुंआधार बरसाते बादल अन्तहीन करते जलवृष्टि हाहाकार मचाते बादल हुआ है चहुंदिश जलप्लावन बाढ़ से ग्रसित हुआ जन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 1 419 Share Ranjana Mathur 22 Jun 2021 · 1 min read बचपन की बारिश सावन का महीना, न धूप न पसीना। आ गई तू बरखा प्यारी, रिमझिम रिमझिम तेरी फुहारी। तेरे आने पर हर बार, जाग उठती हैं यादें सारी। वो नन्हे से दोस्त... Hindi · कविता 2 343 Share Ranjana Mathur 22 Jun 2021 · 1 min read समय समय समय से न टक्कर लेना समय बड़ा ही शक्तिमान। संग चलने में ही सार है समय है प्रबल गतिमान। सूर्य चन्द्रमा सारी प्रकृति समय चक्र की दासता से मुक्त... Hindi · कविता 2 1 553 Share Ranjana Mathur 23 Jul 2021 · 2 min read ज्वारभाटा सुमि बेजान-सी चहलकदमी कर रही है। नींद तो मानों उसकी आँखों से कोसों दूर थी आज........ और आती भी कैसे...... अल सुबह निर्णय जो हो जाना था। सुयश बीच-बीच में... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 369 Share Ranjana Mathur 14 Sep 2021 · 1 min read हम नारियाँ आओ आज कुछ कर जाएं नीलाभ व्योम पर बिखर जाए उलीच डालें हम आज पयोधि नदियों का प्रवाह बदल डालें मुरझाएं पुष्पों को दे सुरभि वेग मारुति का हम थामें... Hindi · कविता 2 2 420 Share Ranjana Mathur 29 Aug 2017 · 1 min read ऐ हिमालय सुन मां का दर्द एक सजग प्रहरी की शहादत पर एक दुखिया माँ का प्रश्न---- ऐ हिमालय सुन मां का दर्द तेरी ऊंची चोटी सा था वह सुदृढ़ विशाल। वीर बहादुर मेरा लाल। तू... Hindi · कविता 1 531 Share Ranjana Mathur 30 Aug 2017 · 1 min read नारी तेरे रूप अनेक परमात्मा की सबसे प्यारी कृति है नारी। नारी में निहित की उसने जग की शक्तियाँ सारी।। ईश्वर ने ह्रदय दिया है उतना ही कोमल। जितनी सृजित की यह आकृति प्यारी।।... Hindi · कविता 1 2k Share Ranjana Mathur 4 Sep 2017 · 1 min read = प्यार की खातिर = खुशियाँ ही खुशियाँ होती जिन्दगी में, तो गम बेचारा कहां जाता। इसीलिये हमने जोड़ लिया उससे नाता। जीत ही जीत होती अगर दुनिया में, तो हार बेचारी कहां जाती। इसीलिए... Hindi · कविता 1 1 649 Share Ranjana Mathur 7 Sep 2017 · 1 min read जय हे! वीणा पाणि माता जय हो जय माता शारदे ! ओ शारदे ! हमें तार दे। तेरे ही चरणों में है, मेरा स्वर-स्वर, मेरा शब्द-शब्द, तू इन्हें उद्धार दे। माता शारदे ! मांँ शारदे,... Hindi · कविता 1 1 334 Share Ranjana Mathur 7 Sep 2017 · 1 min read वो भी क्या दिन थे आज के दोहे - - 1.छत पर जल छिड़काय के, बिस्तर दियो लगाय। पड़ते ही आती थी निंदिया, प्रभु ए सी दियो चलाय।। 2.रखते छत पर रोज इक, पानी भरी... Hindi · दोहा 1 1 592 Share Ranjana Mathur 7 Sep 2017 · 1 min read == सपने में == सीमा पर प्रहरी बनकर, तुम्हें है अपना देश बचाना। तुम ने ही है मुझे सिखाया, दूर रह कर भी साथ निभाना। मैंने सीख लिया है प्रियवर, तुम बिन इस दिल... Hindi · कविता 1 365 Share Ranjana Mathur 8 Sep 2017 · 1 min read कौन उत्तरदायी ? ब्लू व्हेल गेम से हो रही आत्महत्याएं और इस से उपजे भय के लिए कौन उत्तरदायी है ? उत्तर दायित्व हैं बच्चों के अभिभावक। पाश्चात्य संस्कृति व सभ्यता का अंधानुकरण... Hindi · लेख 1 578 Share Ranjana Mathur 16 Sep 2017 · 1 min read **= इतिहास दोहराएगा=** जिन्होंने तुझे बनाया, तराशा,निखारा, तूने कर लिया उनसे किनारा। उनके बनाए आशियाने में तूने कैसे डाला खलल, उन्हें किया है पुराने सामान की तरह बेदखल। आगे आगे देखना तू बदले... Hindi · कविता 1 1 527 Share Ranjana Mathur 17 Sep 2017 · 1 min read -सपूत भारत माता का - वाणी में जिसकी मिलती, सिंह जैसी दबंग दहाड़। कर्मठ ऐसा वह जैसे, हो कोई सुदृढ़ पहाड़। जिसने विश्व में भारत, का परचम लहराया। दुश्मन भी अब हम पर, आंख उठाने... Hindi · कविता 1 1 485 Share Ranjana Mathur 17 Sep 2017 · 1 min read व्यथा एक नव विवाहिता की बहुत रोती हैं ये अँखियाँ, बहुत रोती हैं ये अँखियाँ। छोटी थी तब मां का साथ पाने को रोती थीं ये अँखियाँ। अब बड़ी हुई तो माँ का... Hindi · कविता 1 1 482 Share Ranjana Mathur 19 Sep 2017 · 1 min read - ## - भूख - ## - भूख है वह बीमारी जिससे कोई न बच पाया। जन्म से लेकर अंत सांस तक अपना पीछा न छुड़ा पाया।। भूख वो बुरी है लत जिसने हर प्राणी को भरमाया।... Hindi · कविता 1 1 558 Share Ranjana Mathur 3 Oct 2017 · 1 min read ? पिता के जन्मदिवस पर ? छोटे हैं हम, अबोध हैं हम, सम्मुख आप के नादान हैं। आपसे पाया हमने जीवन आप हमारे लिए ईश्वर समान हैं। आप के स्नेहिल बड़प्पन का, करते बहुत - बहुत... Hindi · कविता 1 2k Share Ranjana Mathur 7 Oct 2017 · 1 min read ]]]]] नारी तू पृथ्वी की धुरी है [[[[[ नारी तू पृथ्वी की धुरी है नारी तू जग की संचालिका है। नारी तू संस्कृति की संवाहिका है। नारी तू सभ्यता की समृद्धिका है। नारी तू समाज की संयोजिका है।... Hindi · कविता 1 1 594 Share Ranjana Mathur 21 Nov 2017 · 2 min read अन्तर्मन सहज मेरा दिल सहता है या इसकी एक विवशता है कभी किसी ने न समझा मेरा अन्तर्मन क्या कहता है। कोख से प्रादुर्भाव हुआ तो परख जांच पड़ताल हुई। जन्मदात्री... Hindi · कविता 1 1 350 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 1 min read मित्रता एक वटवृक्ष मेरे दृष्टिकोण से अच्छे और सच्चे दोस्तों का मिलना सौभाग्य की बात होती है। मित्रता वह वटवृक्ष है जिसके तले दो प्राणी दोस्त के रूप में पारस्परिक स्नेहिल अपनत्व की... Hindi · लेख 1 227 Share Ranjana Mathur 27 Mar 2018 · 2 min read क्या आज भी पुस्तकें हमारी मित्र हैं? ? "किताबी कीड़ा " जी हाँ बचपन में मुझे मेरी बहनें और सहेलियाँ इसी नाम से पुकारा करती थीं। मेरा ही नहीं हमारी आयु वर्ग के सभी लोग उन दिनों पुस्तकों... Hindi · लेख 1 1 216 Share Ranjana Mathur 28 Mar 2018 · 1 min read बेटी यदि बेटा है आज का सूरज है तो बेटी है कल का संसार, बेटे के ही बराबर बेटी को भी जीने का है अधिकार। माँ भी नारी बहन भी नारी,... Hindi · कविता 1 418 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 2 min read ऐ मेरे वतन के लोगों.. ....… आज के विषय गद्य लेखन पर कवि प्रदीप जी पर मेरी प्रस्तुति। ऐ मेरे वतन के लोगों - - - - - मैंने इस महान कवि की जन्म स्थली पर... Hindi · लेख 1 449 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read हुई सुबह मधुर बयार चिड़ियों की चहक कोमल उष्ण रवि की रश्मियां छायी मंद-मंद शीतलता पादप पुष्प पर तितलियों का डेरा कुसुम सुवासित महका उपवन भोर की बेला मन प्रफुल्लित हृदय है... Hindi · कविता 1 265 Share Ranjana Mathur 11 May 2018 · 1 min read रोया किसान बंजर हो गयी धरती सारी हृदय हुआ तार तार है। फट पड़ा मांँ वसुधा का उर शुष्क भूमि दरार ही दरार है। न सरकारें करती चिन्ता न प्रकृति की कृपा... Hindi · कविता 1 411 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read आज कल बदली बदली फिज़ाएं क्यूँ हैं आजकल बेरुखी की हवाएँ क्यूँ हैं आजकल दिल में नफरतें भरी प्यार की है कमी बढ़ रही अब जफ़ाएं क्यूँ हैं आजकल। अपने भी कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 231 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read उत्साह उत्साह है इक प्यारी आशा निरुत्साह है मात्र निराशा। जिंदादिली से जीना है ही उत्साह की सही परिभाषा। यदि जीवन में तेरे है उमंग तो सब संसार है तेरे संग।... Hindi · कविता 1 479 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read "चाँद" चाँद की चाँदनी........ सुनाए शीतलता की रागिनी। चाँद का रूप........... निखारे निशा का स्वरूप। चाँद का राग........... बिखेरे प्रेम का अनुराग। चाँद का रंग........... खिलाए सृष्टि का अंग-अंग। चाँद के... Hindi · कविता 1 442 Share Ranjana Mathur 3 Dec 2018 · 2 min read लघु कथा - मिलावट मोती बहुत बीमार चल रहा है। तपेदिक है उसे। काफी समय से मजदूरी पर न जा पाने के कारण घर की माली हालत खस्ता चल रही है। वैसे मोती सेठ... Hindi · लघु कथा 1 321 Share Page 1 Next