Ranjana Mathur Tag: कविता 253 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ranjana Mathur 10 Sep 2017 · 1 min read बेटा तुझको जन्म दिन मुबारक ओ लाड़ले ! राहें तेरी हो निष्कंटक, जीवन सदा रहे खुशहाल। स्वस्थ रहे तू, प्रसन्न रहे तू, जुग जुग जिए तू मेरा लाल। खुशियाँ हर पल चूमें तेरे कदम, तरक्की... Hindi · कविता 4k Share Ranjana Mathur 12 Oct 2017 · 1 min read *****मन बावरा *** मन बावरा मन चंचल मन बावरा पंछी दूर दूर तक सैर कराए। पल में यहां तो पल में वहां पंख लगा कर उड़ता जाए। कभी तो लेकर यह उड़ जाता... Hindi · कविता 3k Share Ranjana Mathur 3 Oct 2017 · 1 min read ? पिता के जन्मदिवस पर ? छोटे हैं हम, अबोध हैं हम, सम्मुख आप के नादान हैं। आपसे पाया हमने जीवन आप हमारे लिए ईश्वर समान हैं। आप के स्नेहिल बड़प्पन का, करते बहुत - बहुत... Hindi · कविता 1 2k Share Ranjana Mathur 30 Aug 2017 · 1 min read नारी तेरे रूप अनेक परमात्मा की सबसे प्यारी कृति है नारी। नारी में निहित की उसने जग की शक्तियाँ सारी।। ईश्वर ने ह्रदय दिया है उतना ही कोमल। जितनी सृजित की यह आकृति प्यारी।।... Hindi · कविता 1 2k Share Ranjana Mathur 11 Jan 2019 · 1 min read "पाप-पुण्य " पाप-पुण्य का लेखा-जोखा प्राणी तेरा लिखा जाएगा। कर्म भले या बुरे जो करेगा दंड अवश्य ही तू पाएगा। यही है वह कथन जो हम आदिकाल से सुनते आए। किन्तु जो... Hindi · कविता 1k Share Ranjana Mathur 24 Dec 2018 · 1 min read भक्ति की शक्ति हे सृष्टा तेरी शक्ति ने, किया सदा जग का उद्धार। कृपा है तेरी अपरिमित, तेरी भक्ति की शक्ति है अपार।। जब-जब कष्ट भक्त पर आया, तूने बेड़ा पार लगाया। कण-कण... Hindi · कविता 1k Share Ranjana Mathur 28 Mar 2018 · 1 min read आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी महान मूर्धन्य विद्वान से सुसज्जित हुआ हिन्दी साहित्य का प्रांगण। जब १९अगस्त सन् १९०७ को दुबे का छपरा ग्राम बलिया में पुत्र जन्मा अनमोल ज्योति जी के आंगन। आचार्य हजारी... Hindi · कविता 1 1k Share Ranjana Mathur 18 Nov 2018 · 1 min read माँ ये माँ की दुआ का असर है ग़म क्या है मुझे ना ख़बर है। देखे जिस जगह सिर्फ ख़ुदा माँ की उस जगह भी नज़र है। जिसके सिर पर न... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 25 1k Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read कलम संग दवात का नाता कोरे कागज पर कभी कलम से लफ्ज़ थिरकते थे डूब डूब कर दवातों में स्याही संग निखरते थे। कागज़ संग कलम की दोस्ती बड़ी ही पुरानी है बिन कलम के... Hindi · कविता 999 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read अग्नि फेरा ? वैदिक मंत्रोच्चारण के संग है साक्षी यह अग्नि पावन पाणिग्रहण कर अग्नि फेरे दो प्राण और एक हो जीवन। सप्त पदी अग्नि के चहुंओर बंधे गये दो तन-मन इक... Hindi · कविता 894 Share Ranjana Mathur 18 Sep 2017 · 1 min read ****बूंद**** समुन्दर में कोई खुली सीप जब समेट लेती है अपने अंक में। तब अंतराल में मोती का रूप ले लेती है वही बूंद। श्रावण की मधुरम रिमझिम में प्रियतम... Hindi · कविता 783 Share Ranjana Mathur 4 Jun 2021 · 1 min read गीता छंद गीता छंद डाली नभ रक्तिम चूनर,धरणी सजी वधु वेश। मंद मंद मारुत प्रवाह,रश्मिरथी का प्रवेश।। खगवृंद का सुखद विचरण,गौ धन चरण शुचि धूल। भिनसारे निरखी बेला,हृदय जाता दुख भूल।। माँ... Hindi · कविता 724 Share Ranjana Mathur 9 Sep 2017 · 1 min read हमें जवाब चाहिए आक्सीजन की कमी से दम तोड़ते मासूम बाढ़ों के सैलाब में बहते बेबस नर नारी ट्रेन हादसों में ढेर होती लाशें शायद हैं सारे महज तमाशे विद्यालयों में बालकों की... Hindi · कविता 703 Share Ranjana Mathur 16 Sep 2017 · 1 min read प्रभु वन्दन मैं तेरा प्रभु तू है मेरा तूने दिया एक नया सवेरा। दूर हुआ निशा का अंधेरा नव रश्मियों ने डाला डेरा। सूर्य देवता का हुआ पग फेरा चहुंओर खुशियों का... Hindi · कविता 721 Share Ranjana Mathur 7 Sep 2017 · 1 min read ~~~~~दर्पण~~~~~ ===दर्पण=== सीखिए आईने से हिम्मत रखना। नाजुक इतना कि टूट जाता है एक पत्थर से ही। लेकिन सच्चाई की तस्वीर दिखाने में डरता नहीं। झूठ कभी बोलने की कोशिश करता... Hindi · कविता 733 Share Ranjana Mathur 30 Aug 2017 · 1 min read त्राहि-त्राहि ==त्राहि-त्राहि== हे इन्द्र देवता कृपा करो, इतना कहर न बरपा करो। कहीं फट रहे हैं बादल, कहीं बाढ़ कर रही है पागल। रंगीले राजस्थान हो या, दिल्ली की हो आबादी।... Hindi · कविता 692 Share Ranjana Mathur 6 Sep 2017 · 2 min read =सुन रहा है न तू= ===सुन रहा है न तू=== (एक असहाय वृद्धा माँ के दर्दनाक अंत की कहानी) जिस दिन तेरा एहसास हुआ, न पांव जमीं पर पड़ रहे थे मेरे। नौ माहों... Hindi · कविता 631 Share Ranjana Mathur 7 Oct 2017 · 1 min read /// माँ जैसा कोई नहीं /// घर के कोने कोने में बसा एहसास है मां तेरे भीतर ही ईश्वर का वास है मां। अंधेरी रात में दिये का उजाला है मां रेगिस्तान में शीतल जल का... Hindi · कविता 656 Share Ranjana Mathur 4 Sep 2017 · 1 min read **पृथ्वी तेरे नाम अनेक** हे माँ वसुंधरा ! ह्रदय तेरा अतुल्य स्नेहिल ममत्व से भरा, तभी कहलाती है तू धरा। तेरे विशाल उर पर हे मही, काल ने असंख्य कथाएं कही। धन्य है तू... Hindi · कविता 637 Share Ranjana Mathur 4 Jun 2021 · 2 min read मेरी पहली हास्य कविता मेरी पहली हास्य कविता बहना का आदेश हुआ कल, हास्य की कविता पढ़नी ही है। मन में सोचा आए न आए, चुरा चुरु के गढ़नी ही है।। उठा डायरी पकड़... Hindi · कविता 1 664 Share Ranjana Mathur 11 Sep 2017 · 1 min read प्रातःकालीन वन्दन जय जय जय प्रभु दीनदयाला हर क्षण हर पल तूने संभाला तू ही है सब का रखवाला जपते हम तेरे नाम की माला। ----रंजना माथुर दिनांक 06/07/2017 मेरी स्व रचित... Hindi · कविता 626 Share Ranjana Mathur 4 Sep 2017 · 1 min read = प्यार की खातिर = खुशियाँ ही खुशियाँ होती जिन्दगी में, तो गम बेचारा कहां जाता। इसीलिये हमने जोड़ लिया उससे नाता। जीत ही जीत होती अगर दुनिया में, तो हार बेचारी कहां जाती। इसीलिए... Hindi · कविता 1 1 649 Share Ranjana Mathur 3 Sep 2017 · 1 min read किस्मत हाथों की लकीरों की चित्रकारी में साथियों, कुछ डालो मेहनत के रंग। फिर जो अक्स उभरेगा भविष्य का उसमें निखर कर आएगा, तुम्हारी किस्मत का असली रूप रंग। किस्मत की... Hindi · कविता 596 Share Ranjana Mathur 23 Feb 2021 · 1 min read पंचचामर छंद पंचचामर छंद ✔️ शिल्प~ [रगण जगण रगण जगण रगण](गुरुलघु ×7 "सरस्वती वंदना" नमो सरस्वती करूं प्रणम्य मातु भारती। करूँ उपासना चढ़ा प्रसून शुभ्र आरती।। कृपानिधान वत्सला प्रसीद ज्ञान दायिनी। अज्ञानमर्दिनी... Hindi · कविता 2 640 Share Ranjana Mathur 16 Jun 2020 · 2 min read प्यारा भारत देश मेरा युगों-युगों से जगत् गुरु है भारत का सुन्दर परिवेश। आदिकाल से विजय दुंदुभि बजा रहा है भारत देश।। गणित और विज्ञान का उद्भव भारत है यह स्मरण कराएं। प्यारे भारत... Hindi · कविता 1 2 604 Share Ranjana Mathur 9 Sep 2017 · 1 min read =आओ प्रकृति की पूजा करें= प्रकृति मित्र है मानव मात्र की, वह संरक्षक है संसार की। हमारी श्वास है वह, उच्छवास है वह, जीवन का आधार है वह, प्राण वायु की वाहक है वह। प्रकृति... Hindi · कविता 553 Share Ranjana Mathur 9 Jan 2019 · 1 min read राष्ट्रप्रेम आओ हम उस सोन चिरैया का सबसे परिचय करवाएं गौरवशाली भारत के वैभव का परचम फिर लहराएं। अविच्छिन्न था देश हमारा सकल विश्व में था विख्यात उत्तुंग हिमालय किरीट सजे... Hindi · कविता 651 Share Ranjana Mathur 13 Sep 2017 · 1 min read प्यारे पापा को सस्नेह समर्पित हम तो हैं इक अंश आप का, आप से मिला ये तन, ये काया।। पहला कदम पहला शब्द, आपसे ही हमने पाया।। पल- पल मिलती रही हमें, आपके प्यार की... Hindi · कविता 616 Share Ranjana Mathur 18 Sep 2017 · 1 min read सुन रे मन हौसला तुम्हारा होगा और उसे पकड़े रखना तुम मजबूती से । पता है तुमने जन्म लिया है एक ऐसी जिन्दगी की शक्ल में जो कहलाती है नारी। इस ब्रह्मांड में... Hindi · कविता 557 Share Ranjana Mathur 19 Sep 2017 · 1 min read - ## - भूख - ## - भूख है वह बीमारी जिससे कोई न बच पाया। जन्म से लेकर अंत सांस तक अपना पीछा न छुड़ा पाया।। भूख वो बुरी है लत जिसने हर प्राणी को भरमाया।... Hindi · कविता 1 1 558 Share Ranjana Mathur 29 Aug 2017 · 1 min read आएगी सबकी बारी ==आएगी सबकी बारी== जो घर में रख न सके तुम अपनों को कभी अब गैरों को हमदर्दी दिखाते क्यूँ हो।। माता-पिता को तो तरसाया सूखी रोटी को वृद्धाश्रम में हलवा... Hindi · कविता 542 Share Ranjana Mathur 23 Jan 2019 · 1 min read ज्वाला प्रचंड हूँ अब बीत चुका वह समय जब मेरी दुनिया थी घर आंगन। हालातों ने किया विवश है तब मैंने संभाला रणआंगन। मर्यादा की ओट लिए मैं अग्नि प्रखंड हूँ भारत की... Hindi · कविता 2 560 Share Ranjana Mathur 10 Mar 2021 · 1 min read क्यों हताश रे मानव जीवन रथ के दो हैं चक्र और एक दूजे के हैं पूरक, तुम प्रज्वलित जीवनदीप मैं बाती जिजीविषा सूचक। सृष्टि के दो अंग अभिन्न तुम पुरुष और मैं नारी हूँ,... Hindi · कविता 576 Share Ranjana Mathur 10 Sep 2017 · 1 min read ले लो दुआएँ माँ-बाप की (वर्ण पिरामिड) ओ मेरे लाडले तुझको दूं जी भर कर अपनी दुआएं जुग-जुग जिए तू ! ********** मांँ हूँ ना तभी तो बेचैन हूँ अपने लाल की याद करके अँखियाँ भिगोती हूँ।... Hindi · कविता 533 Share Ranjana Mathur 3 Sep 2017 · 1 min read माँ *माँ * माँ तो माँ है, मांँ से न कोई महान है। मांँ के भीतर बसी सारी दुनिया जहान है। मांँ वो शख्सियत है जो सींचती, हमारे तन-मन और प्राण... Hindi · कविता 550 Share Ranjana Mathur 7 Sep 2017 · 1 min read *** थाह नहीं *** तेरा यह गांभीर्य, लिए है कितनी गहराई? है आभास नहीं। मांँ कहलाना हे वसुंधरे, क्या होता है आसान कभी? जगत् माता निज उर पर, तू सहिष्णुता की प्रतिमूर्ति बन, सहती... Hindi · कविता 553 Share Ranjana Mathur 7 Oct 2017 · 1 min read ]]]]] नारी तू पृथ्वी की धुरी है [[[[[ नारी तू पृथ्वी की धुरी है नारी तू जग की संचालिका है। नारी तू संस्कृति की संवाहिका है। नारी तू सभ्यता की समृद्धिका है। नारी तू समाज की संयोजिका है।... Hindi · कविता 1 1 594 Share Ranjana Mathur 16 Jun 2020 · 1 min read प्रभु आशीष कोई ऐसी रात नहीं है जिसका हुआ न हो सवेरा दुख जाएगा सुख आएगा चाहे दुख तेरा हो या मेरा रोने से दुख कम होता हो तो अश्रु बहा ले... Hindi · कविता 1 1 564 Share Ranjana Mathur 25 Dec 2018 · 1 min read भोर की चहक ऊषा नववधु ओढ़े लालिमा की चूनर टंका गोटा किरण रवि रश्मियों का जड़े हैं नगीने ओस के फैलाए आँचल सरिता रूपी जिसका न ओर-छोर सुर जल तरंगिणी का करता कल-कल... Hindi · कविता 548 Share Ranjana Mathur 16 Sep 2017 · 1 min read **= इतिहास दोहराएगा=** जिन्होंने तुझे बनाया, तराशा,निखारा, तूने कर लिया उनसे किनारा। उनके बनाए आशियाने में तूने कैसे डाला खलल, उन्हें किया है पुराने सामान की तरह बेदखल। आगे आगे देखना तू बदले... Hindi · कविता 1 1 527 Share Ranjana Mathur 16 Sep 2017 · 1 min read ==तेरी महिमा न्यारी == पानी रे पानी तेरे रूप निराले हैं। कल कल करता जलप्रपात हो तो, दूध के से बहते धारे हैं। देवालय में चढ़े ईश पर तो, गुंजित होते शिवाले हैं। बारिश... Hindi · कविता 547 Share Ranjana Mathur 29 Aug 2017 · 1 min read ऐ हिमालय सुन मां का दर्द एक सजग प्रहरी की शहादत पर एक दुखिया माँ का प्रश्न---- ऐ हिमालय सुन मां का दर्द तेरी ऊंची चोटी सा था वह सुदृढ़ विशाल। वीर बहादुर मेरा लाल। तू... Hindi · कविता 1 531 Share Ranjana Mathur 8 Sep 2017 · 2 min read तुझे किस नाम से पुकारूं भोलेनाथ को समर्पित (शिव जी के 51 नाम सहित कविता ) भोलेनाथ ओ शंकर त्रिपुरारी, ओ त्रिपुरारी - - - - शर्व तेरी है महिमा बड़ी न्यारी। बेलपत्र आक धतूरा... Hindi · कविता 566 Share Ranjana Mathur 22 Jun 2021 · 1 min read समय समय समय से न टक्कर लेना समय बड़ा ही शक्तिमान। संग चलने में ही सार है समय है प्रबल गतिमान। सूर्य चन्द्रमा सारी प्रकृति समय चक्र की दासता से मुक्त... Hindi · कविता 2 1 553 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 1 min read जीवन का मर्म मानव जीवन मिला रे प्राणी कर नेकी कर कुछ सत्कर्म परोपकार करने में ओ बंधु न करना तू जरा भी शर्म। अरे भला करके दुखियों का तू कर ले कुछ... Hindi · कविता 503 Share Ranjana Mathur 17 Sep 2017 · 1 min read -सपूत भारत माता का - वाणी में जिसकी मिलती, सिंह जैसी दबंग दहाड़। कर्मठ ऐसा वह जैसे, हो कोई सुदृढ़ पहाड़। जिसने विश्व में भारत, का परचम लहराया। दुश्मन भी अब हम पर, आंख उठाने... Hindi · कविता 1 1 485 Share Ranjana Mathur 30 Sep 2017 · 1 min read =* * चमके किस्मत का तारा * *= हाथों की लकीरों पर न करो अंधा विश्वास कभी-कभी ये कर देती हैं भविष्य का नाश। इंसान की किस्मत की ये लकीरें बन जाती हैं कई बार दिमाग की जंजीरें।... Hindi · कविता 532 Share Ranjana Mathur 9 Sep 2017 · 1 min read *=* नारी शक्ति को समर्पित *=* नारी न कहिए उसको बेचारी। नही है बेबस न कोई लाचारी। पुरुष को देना छोडो़ दोष। वह नहीं है अत्याचारी। बुराई तो छिपी है खुद जड़ों में हमारी। पुरुष ने... Hindi · कविता 497 Share Ranjana Mathur 14 Sep 2017 · 1 min read == थोड़ी ठंड रखिए == दिल भी सही रखिए, दिमाग सही रखिए। दिल में उठने वाले, खयालात सही रखिए। उस जगह जहाँ पर न समझे कोई आपको, वहां चुप रह कर हालात सही रखिए। जहाँ... Hindi · कविता 517 Share Ranjana Mathur 12 Jan 2019 · 1 min read धैर्य हौले हौले खेना प्राणी अपनी जीवन नैया हम हैं कौन चलाने वाले खेवनहार कन्हैया। धैर्य सदा तुम रखना संतोष कभी न खोना भैया चाहे मिले फूलों भरी राहें या कांटों... Hindi · कविता 520 Share Page 1 Next