Chandra Prakash Tag: कविता 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Chandra Prakash 9 Oct 2017 · 1 min read प्रेम मुझे प्रेम से गले मत लगाओ .. मुझे देश के लिए लड़ना है मैं कमज़ोर न पड़ जाऊँ .. तुम ईश्वर से प्रार्थना करना । मैं अगर मर जाऊँ लड़ते... Hindi · कविता 881 Share Chandra Prakash 9 Oct 2017 · 3 min read प्यार वो लड़की बहुत अच्छी लगती है । जो मेरे यादों में बसती है । मेरे आँखों की नमी देख ... जो खुद रो पड़ती है । जो मेरे हँसने में... Hindi · कविता 593 Share Chandra Prakash 9 Oct 2017 · 1 min read बेटियाँ ।। बेटियाँ ।। सारे संसार में भगवान की सबसे अच्छी कृति हैं बेटियाँ , बाप का मान सम्मान और ईश्वर का वरदान हैं बेटियाँ । जीवन का अनुराग हैं बेटियाँ... Hindi · कविता 300 Share Chandra Prakash 18 Aug 2017 · 1 min read प्रतीक्षा । प्रतिक्षा । हर पल तुम्हारी प्रतिक्षा करता हूँ .. तुम मेरे निकट नहीं आती हो । क्या मैंने ही प्रेम किया था ? तुम ने भी हजारों वादे किये... Hindi · कविता 581 Share Chandra Prakash 18 Aug 2017 · 1 min read अब बचपन वाला इतवार नहीं आता , अब बचपन वाला इतवार नहीं आता , ना गलियों में वो रसभरी कुल्फ़ी वाला , पाव अठन्नी टॉफी वाला , ना चाची मम्मी की चूड़ियों वाला , ना बहना की... Hindi · कविता 1 1k Share Chandra Prakash 18 Aug 2017 · 1 min read सरकारी नौकर सरकारी नौकर सरकारी नौकर का स्वतंत्र अधिकार है ..। दफ़्तरी पैड , पेन ,पेपर ,पिन ,स्टेप्लर .. दफ़्तर की दराज में बचे हुए पन्ने , नोट पैड ,डोरी , कम्पनी... Hindi · कविता 311 Share Chandra Prakash 16 Aug 2017 · 1 min read आपदा कहर ! प्रकृति का या मानव का प्रकृति पर ? कौन निश्चित करेगा ? कौन मरेगा , कौन बचेगा ..? पर्वत खोद कर बेच डाले .. जंगल जला खाक कर... Hindi · कविता 672 Share Chandra Prakash 15 Aug 2017 · 1 min read तुम गुलाम हो तुम गुलाम हो . क्या कहूँ ? भारत माता , हिंदुस्तान , या इंडिया .. हम इसी फेर में फसे हैं आजादी के बाद ..। किस चीज की आजादी ?... Hindi · कविता 301 Share Chandra Prakash 15 Aug 2017 · 1 min read अस्पृश्यता ।। अस्पृश्यता ।। अरे ! ये नीच है .. इस के हाथ का खाया ... अब तू ,ब्राह्मण, क्षत्रिय नहीं रहा । इसे गाँव से निकालो .. नग्न करो ,... Hindi · कविता 1 1 713 Share Chandra Prakash 15 Aug 2017 · 1 min read स्त्री स्त्री अबला और सबल , के बीच बढ़ चली स्त्री चाँद तक , मौन तोड़ कर ... अपने सपने ख़ुद बना रही है , बुन रही है ख़ुद ही ...... Hindi · कविता 444 Share Chandra Prakash 15 Aug 2017 · 1 min read वर्ण पिरामिड वर्ण पिरामिड तू मुझे जग से प्यारा ही है ना छोड़ के जा मेरी पूजा भी तू माँ जमीं में देवता ।। मैं बिन तेरे हूँ अधूरा सा गम में... Hindi · कविता 494 Share Chandra Prakash 15 Aug 2017 · 1 min read वर्ण पिरामिड वर्ण पिरामिड ( 1 ) तो ये है हमारे देश की राजनीति गन्दी,बीमार देश का दर्पण ना जिसका ईमान ।। ( 2 ) मैं मेरा यौवन बचपन बीता इस स्वर्ग... Hindi · कविता 363 Share Chandra Prakash 15 Aug 2017 · 1 min read वर्ण पिरामिड (1) क्यों ? वृ क्षों प र्व तों ने वल्कल छो ड़ दिए हैं नानी ने कहानी प न घ ट ने पानी (2) हैं अश्क चे ह रे को... Hindi · कविता 208 Share Chandra Prakash 14 Aug 2017 · 1 min read जन्माष्टमी कृष्ण जन्म दुःशासन घर - घर जन्मे हैं .. कंस ने लिय हर घर अवतार शकुनि भाईयों में पनपे हैं .. कौन करे अब बेड़ा पार ? हर खेल में... Hindi · कविता 273 Share Chandra Prakash 14 Aug 2017 · 1 min read मोह मोह माँ के चरणों को छोड़ , सुख भूल पिता के कामों का , कोमल तरु की छाँव छोड़कर .. भटक रहा हूँ इन नगरों में । प्रिये ! मदन... Hindi · कविता 620 Share Chandra Prakash 14 Aug 2017 · 1 min read युवा भारत बेरोजगार भारत । युवा भारत बेरोजगार भारत सरकारें आती हैं जाती हैं , बेरोजगार , बेरोजगार रह जाता है , सरकारें नौकरी निकलती हैं फॉर्म भरवाती है , फिर स्थगित या लम्बित कर... Hindi · कविता 345 Share Chandra Prakash 14 Aug 2017 · 1 min read गोरखपुर " नेता " खुशहाली शब्द चुनावी वादों में था , हत्या, लूट नेताजी के इरादों में था , मेरा घर बचे , मेरे बच्चे पढ़ें , जान की भीख माँगता वोटर लाइनों में... Hindi · कविता 1 1 262 Share