Mahatam Mishra Language: Hindi 134 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mahatam Mishra 10 Sep 2016 · 1 min read मनहर घनाक्षरी छंद हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई आप सभी को एक कवित्त के साथ....... "मनहर घनाक्षरी" भावना श्रृंगार लिए, रस छंद भाव पिए, हिंदी छेड़े मीठी तान, गान मान गाइए प्रकृति से... Hindi · कविता 2k Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read "दोहा मुक्तक" "दोहा मुक्तक" अमिय सुधा पीयूष शिव, अमृत भगवत नाम सोम ब्योम साकार चित, भोले भाव प्रणाम मीठी वाणी मन खुशी, पेय गेय रसपान विष रस मुर्छित छावनी, सबसे रिश्ता राम।।-1... Hindi · मुक्तक 916 Share Mahatam Mishra 6 Sep 2016 · 1 min read मनहर घनाक्षरी छंद "मनहर घनाक्षरी" सुबह की लाली लिए, अपनी सवारी लिए, सूरज निकलता है, जश्न तो मनाइए नित्य प्रति क्रिया कर्म, साथ लिए मर्म धर्म, सुबह शाम रात की, चाँदनी नहाइए कहत... Hindi · कविता 841 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read "घनश्याम छंद" "घनश्याम छंद" मिला कर हाथ, सर्व सखा जयकार करें। रहें जब साथ, मानव सा हुक्कार करें।। यही मम देश, भारत है मिल हाथ रहें दिखे जब प्रात, पर्व सखा पुर... Hindi · कविता 1 843 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read "सार छंद" "सार छंद" महिमा गुरु की हो जाये तो तट लग जाये नैया। शुद्ध ज्ञान गीता से आये जय हो कृष्ण कन्हैया।।-1 भगत भाव भगवान बहूते नाचे ताता छैया। वन बिन... Hindi · कविता 1 671 Share Mahatam Mishra 29 Sep 2016 · 1 min read चौपाई “चौपाई” बाबा शिव शंभू सैलानी, कीरति महिमा अवघड़ दानी बाजत डमरू डम कैलाशा, राग-विराग अटल बर्फानी॥-1 स्वर चौदह चौरासी योनी, लिखा ललाट मिटे कत होनी सत्य सती धरि रूप बहूता,... Hindi · कविता 638 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 5 min read "हलषष्ठी/ललही छठ" "हलषष्ठी/ललही छठ" हलषष्ठी छठ जिसे ललही छठ के नाम से भी जाना जाता है। यह पुत्र पौत्रादि के कामना का पावन पर्व है। इस पूजन का आधार अति पुरातन है... Hindi · लेख 629 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read “हाइकु” “हाइकु” कल की बात आस विश्वास घात ये मुलाक़ात॥-1 दिखा तमाशा मन की अभिलाषा कड़वी भाषा॥-2 दुर्बल काया मनषा मन माया दुख सवाया॥-3 मान सम्मान शुभ साँझ बिहान विहंगा गान॥-4... Hindi · हाइकु 539 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read "भाम छंद" "भाम छंद" सात पहाड़ा धाम शिवे, शिव का पहरा। पाल रहे आकार हरी, शुभदा भँवरा।। जो प्रभु जी का मान करे, तिन को भजता। पावक से वो पाक बने, मन... Hindi · कविता 526 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “गज़ल/गीतिका” “गज़ल/गीतिका” रोज मनाते बैठ दिवाली बचपन लाड़ दुलार सखी नन्हें हाथों रंग की प्याली दीया जले कतार सखी नीले पीले लाल बसंती हर फूल खिले अपनी डाली संग खेलना संग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 585 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “मुक्तक” “मुक्तक” चलत निक लागे चंद्रमा, नचत निक लागे मोर। गुंजन निक लागे भ्रमर अली, सु-सहज नयन चितचोर। निक लागे फुलत कलियाँ, महकत झुरझुर बयार- हिलत डुलत कटि काछनी, मलत बछवा... Hindi · मुक्तक 1 559 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “पिरामिड” “पिरामिड” क्यों सभी सजाते खड़काते बर्तन भाँड़े रोटी सब्जी दाल महकती थाली क्या॥-1 ये जग वो मग पानी रखें प्यास बुझाएँ किसका आँगन प्रिय पात्र साजन॥-2 महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी Hindi · कविता 545 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read "यशोदा छंद" "यशोदा छंद" पढ़ी पढ़ाई भली भलाई। कहा न मानो करो त जानो।।-1 लगी लगाई हल्दी सुहाई। छटा निराली खुशी मिताली।।-2 नई नवेली वहू अकेली। सुई चुभाए दिल घबराए।।-३ उगी हवेली... Hindi · कविता 1 534 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "वंशस्थ छंद" "वंशस्थ छंद" कुटेव का मोह जभी बिदा करें बिमार का जोड़ अभी जुदा करें बहार छाए हर मोड़ आप के चढ़े बुखारा तिन तोड़ तो करें।। सहाय कैसे भल आप... Hindi · कविता 503 Share Mahatam Mishra 17 Jan 2017 · 1 min read "बेटियाँ सादर नमस्कार, साहित्यपीडिया काव्य प्रतियोगिता बेटियाँ में मेरी प्रतिभागिता स्वीकार करें, सादर बेटियाँ” हर घरों की जान सी होती हैं बेटियाँ कुल की कूलिनता पर सोती हैं बेटियाँ माँ की... Hindi · कविता 544 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “भोजपुरी लोकगीत” “भोजपुरी लोकगीत” कइसे जईबू गोरी छलकत गगरिया, डगरिया में शोर हो गइल कहीं बैठल होइहें छुपि के साँवरिया, नजरिया में चोर हो गइल...... बरसी गजरा तुहार, भीगी अँचरा लिलार मति... Hindi · गीत 546 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read “क़ता” “क़ता” हम भी आ नहीं पाए तिरे खिलते बहार में तुम भी तो नहीं आए मिरे फलते गुबार में इक पल को ठहर जाते कभी तुम भी पुकार कर तो... Hindi · मुक्तक 492 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read "दोहा" "दोहा" विषय आज का मनचला, खेल खेल में खेल कहीं रातरानी खिली, कहीं खिली है वेल।।-1 सुंदर हैं तारे सभी, नभ प्रकाश सम आप मंच मिताई साधुता, साधुवाद बिन ताप।।-2... Hindi · दोहा 554 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “गजानन वंदना” “गजानन वंदना” हे गजानन गौरी नन्दन मूषकवाहन यशस्विन अर्पण करती श्रद्धा सुमन मेरे प्रभु सर्व देवात्मन॥-1 हे गजानन पार्वती नन्दन विघ्नविनाशन घर घर आँगन रक्षक सर्वजन सर्वात्मन रिद्धी सिद्धि सकल... Hindi · गीत 549 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "विचित्रा" "विचित्रा" झुँझला गई विचित्रा जब सरिता ने उसकी एक रचना पर अपनी अभिव्यक्ति कुछ इस प्रकार से कर दिया। अरे विचित्रा, तुम्हारे भाव तो बड़े सुंदर हैं पर वर्तनी कौन... Hindi · लघु कथा 520 Share Mahatam Mishra 6 Sep 2016 · 1 min read कुंडलिया “कुण्डलिया छंद” गुरुवर साधें साधना, शिष्य सृजन रखवार बिना ज्ञान गुरुता नहीं, बिना नाव पतवार बिना नाव पतवार, तरे नहि डूबे दरिया बिन शिक्षा अँधियार, जीवनी यम की घरिया कह... Hindi · कविता 1 542 Share Mahatam Mishra 21 Sep 2016 · 1 min read कुंडलिया “कुंडलिया” ढोंगी करता ढोंग है, नाच जमूरे नाच बांदरिया तेरी हुई, साँच न आए आंच साँच न आए आंच, मुर्ख की चाह बावरी हो जाते गुमराह, काटते शीश मदारी कह... Hindi · कुण्डलिया 513 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read "चौपाई, अद्भुत रस" "चौपाई, अद्भुत रस" बाल्मीकि के आश्रम आई, अनुज लखन सिय साथ निभाई माँ सीता पर आँख उठाई, कोशल की चरचा प्रभुताई ।।-1 ऋषी महामुनि अचरज पाए, लखन लला को पास... Hindi · कविता 523 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read “दोहा-मुक्तक” “दोहा-मुक्तक” नित मायावी खेत में, झूमता अहंकार। पाल पोस हम खुद रहे, मानों है उपहार। पुलकित रहती डालियाँ, लेकर सुंदर फूल- रंग बिरंगे बाग से, कौन करे प्रतिकार॥-1 पक्षी भी... Hindi · मुक्तक 459 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “मुक्तक” “मुक्तक” होता कब यूँ ही कभी, शैशव शख्स उत्थान जगत अभ्युदय जब हुआ, मचला था तूफान रिद्धी सिद्धि अरु वृद्धि तो, चलती अपने माप राह प्रगति गति बावरी, विचलित करती... Hindi · मुक्तक 504 Share Mahatam Mishra 9 Sep 2016 · 1 min read मुक्त काव्य “कर्म ही फल बाग है” भाग्य तो भाग्य है कर्म ही तो फल बाग है बारिश के जल जैसा थैली में भर पैसा ओढ़ ले पैसा ओढ़ा दे पैसा पानी... Hindi · कविता 451 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "पिरामिड" "पिरामिड" (1) ये खून धब्बा है कलंक है परिसर में विधा का मंदिर करुणा कैसे मरी।। (2) ये दृश्य नृशंस हत्या है जी क्या है भविष्य स्कूल आँगन में रोती... Hindi · कविता 484 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read *◆माहिया छंद◆* *◆माहिया छंद◆* तू चितचोर नहीं रे भौरा उड़ आया उपवन कली खिली रे।। महकती रात रानी पवन उड़ाए गंध नासिका नथ बिरानी।। आस पास नहि कोई वक्त की बात है... Hindi · कविता 505 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 3 min read "झिनकू के चचा और दुर्गापूजा" "झिनकू के चचा और दुर्गापूजा" जी हाँ सर, मुझे आज भी याद है 1978 की वह शाम जब मैंने माँ दुर्गा जी का दर्शन कलकत्ता के आलीशान पंडाल में किया... Hindi · लघु कथा 460 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “मुक्तक” “मुक्तक” पन्नों में खो गई अकेली, हाथन लगी किताब सहेली निकलूँ कैसे बाहर बतला, छोड़ न पाती तुझे नवेली दरवाजा तो खोला तुमने, जाने पर मुँह मोड़ा तुमने निकली थी... Hindi · मुक्तक 473 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 2 min read "झिनकू भैया का झुनझुना” (घुनघुना) "झिनकू भैया का झुनझुना” (घुनघुना) झिनकू भैया को बचपन से ही झुनझुना बहुत पसंद था, जो आज भी किसी न किसी रूप में बज ही उठता है। कभी महँगाई की... Hindi · लेख 498 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “मुक्तक” “मुक्तक” पक्के इरादे हो तो घर मजबूत होता है। अटूट रिश्ता अपनों में वशीभूत होता है। अजेय हो जाती हैं यादें पृष्ट खुलने पर- अजी गैरों से कब बैर फलीभूत... Hindi · मुक्तक 457 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “हाइकु” “हाइकु” मन बीमार ठंडी गर्मी बरसात बहे बयार॥ कापें बदन क्यो रूठे हो सजन घर आँगन॥ पसरा बैर दिन में रात खैर सुलाए जैर॥ पीने का शौक सबब क्या जीने... Hindi · हाइकु 1 459 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 4 min read "सुनो सुनयना मेरी बात" "सुनो सुनयना मेरी बात" सुनो सुनयना मेरी बात, जिसकी गोंद में हम सभी पले-बढ़े, उछले-कूदे, नाचे-गाए और खेले-खिलाए। उसकी सुंदरता की सरिता में भीगे- नहाए, छाँव में बैठे तो धूप... Hindi · लघु कथा 1 518 Share Mahatam Mishra 25 Sep 2016 · 1 min read कुंडलिया "कुंडलिया" मानव के मन में बसी, मानवता की चाह दानव की दानत रही, कलुष कुटिलता आह कलुष कुटिलता आह, मुग्ध पाजी पाखंडी वंश वेलि गुमराह, कर खल नराधम दंडी कह... Hindi · कुण्डलिया 495 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read “गज़ल” “गज़ल” गर दरख़्त न होते तो कदम चल निकल जाते यह मंजिल न होती तो सनम हम फिसल जाते तुम ही कभी जमाने को जता देते फ़साने तो - होते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 485 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "रथपद छंद" "रथपद छंद" सकल अवध सिय रामा जी सुखद मिलन अभि रामा जी। दसरथ ललन चलैया हैं रघुवर अवध बसैया हैं।। अगर मगर मत जानों जी नगर मुदित रघु मानो जी।... Hindi · कविता 453 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “पिरामिड” “पिरामिड” हैं दीप माटी के कलाकारी चलता चाक शुभ दीपावली गर्व प्रकाश पर्व॥-1 ये तेल रोशनी दिया बाती सखा संगाती मलाई मिठाई रंगोली सुंदर है॥-2 महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी Hindi · कविता 455 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 2 min read "चौपाली चर्चा में विकास और प्रकाश" "चौपाली चर्चा में विकास और प्रकाश" वसुधैव कटुम्बकम के आग्रही, नेक नियति के पथ पर चलने वाले झिनकू भैया न जाने कहाँ कहाँ भटकते रहते हैं और किसके कब कहाँ... Hindi · लघु कथा 483 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read "मदकलनी छंद" "मदकलनी छंद" विकल भई, जल तरसी, यह बगिया, मधुबन की। नयन तके, नभ गगरी, जल यमुना, गिरिधर की।। सुन सजना, घर अँगना, सुधि धरिए, चितवन में। मग मथुरा, मृग छवना,... Hindi · कविता 2 1 442 Share Mahatam Mishra 9 Sep 2016 · 1 min read हाइकू हाइकू” शिक्षा शिक्षा बेहतर है शिक्षा ले लो शिक्षा॥-1 शिक्षित घर खुशियों का आँगन हरें हैं बाग॥-2 नौ मन भार पढ़ाये बचपन झूकी कमर॥-3 खेलेने तो दो अपनी गलियों में... Hindi · हाइकु 436 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 2 min read "धूमिल पहचान" "धूमिल पहचान" बहुत सौभाग्यशाली हूँ कि जन्मभूमि का दर्शन हुआ, रामायण का सम्पूर्ण पाठ, सत्यनारायण भगवान का कथा पूजन, हवन ब्राह्मण व वंधु वांधव का भोज व मेरे जुड़वा नातिन... Hindi · लेख 428 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read “दोहा मुक्तक” “दोहा मुक्तक” यह तो प्रति हुंकार है, नव दिन का संग्राम। रावण को मूर्छा हुई, मेघनाथ सुर धाम। मंदोदरी महान थी, किया अहं आगाह- कुंभकर्ण फिर सो गए, घर विभीषण... Hindi · दोहा 477 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read "मुक्तक" "मुक्तक" नमन करूँ जननी तुझे, चूमूँ तेरे पाँव हर डाली तेरी खिली, फैली शीतल छाँव मन चित तेरे पास हैं, सुंदर तेरा रूप हर्षित हैं सारे लला, सुंदर स्नेहल गाँव॥... Hindi · मुक्तक 455 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "चम्पकमाला छंद" "चम्पकमाला छंद" घाट बिना नौका कित जाए हाट बिना सौदा कित छाए। बात नही तो राहत कैसी भाव नही तो चाहत कैसी।। लोभ नचाये नावत माथा मोह बुलाये लाभन साथा।... Hindi · कविता 423 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read "विधा- दोहा" "विधा- दोहा" रे रंगोली मोहिनी, कैसे करूँ बखान विन वाणी की है विधा, मानों तुझमे जान।।-1 भाई दूजी पर्व है, झाँक रहा है चाँद नभ तारे खुशहाल हैं, अपने अपने... Hindi · दोहा 458 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “मुक्त काव्य गीत ” “मुक्त काव्य गीत ” परिंदों का बसेरा होता है प्रतिदिन जो सबेरा होता है चहचाहती खूब डालियाँ हैं कहीं कोयल तो कहीं सपेरा होता है नित नया चितेरा होता है... Hindi · गीत 487 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read “दोहा मुक्तक” “दोहा मुक्तक” भूषण आभूषण खिले खिल रहे अलंकार। गहना इज्जत आबरू विभूषित संस्कार। यदा कदा दिखती प्रभा मर्यादा सम्मान- हरी घास उगती धरा पुष्पित हरशृंगार॥-1 गहना हैं जी बेटियाँ आभूषण... Hindi · मुक्तक 479 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read "गज़ल" "गज़ल" देखता हूँ मैं कभी जब तुझे इस रूप में सोचता हूँ क्यों नहीं तुम तके उस कूप में क्या जरूरी था जो कर गए रिश्ते कतल रखके अपने आप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 415 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक सजा कर थाल में कंकू बहन की आ गई राखी लगा कर भाल पर टीका उभर कर छा गई पाखी सजे जब रेशमी धागे सहज भैया कलाई में महक माटी... Hindi · मुक्तक 416 Share Page 1 Next