Mahatam Mishra Tag: ग़ज़ल/गीतिका 32 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “गीतिका” “गीतिका” यादें सहज अतीत मिली है वीणा को संगीत मिली है मन महफिल पहचान मिली धूप खिली है शीत मिली है॥ वाह अनोखा है यह संगम बहुत पुरानी प्रीत मिली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 431 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “गज़ल” “गज़ल” आइए जी आज से हम दिल लगाना सीख लें जाइए मत छोड़कर हँस मुस्कुराना सीख लें खो गए वो पल पुराने जो हमारे पास थे पेड़ पीपल और बरगद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 580 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “गज़ल” “गज़ल” बैठिए सर बैठिए अब गुनगुनाना सीख ले हो सके तो एक सुर में स्वर मिलाना सीख ले कह रही बिखरी पराली हो सके तो मत जला मैं भली खलिहान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 504 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “गज़ल” “गज़ल” आप के पास है आप की साखियाँ मत समझना इन्हें आप की दासियाँ गैर होना इन्हें खूब आता सनम माप लीजे हुई आप की वादियाँ॥ कुछ बुँदें पिघलती हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 352 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “गीतिका” “गीतिका” खुलकर नाचो गाओ सइयाँ, मिली खुशाली है अपने मन की तान लगाओ, खिली दिवाली है दीपक दीपक प्यार जताना, लौ बुझे न बाती चाहत का परिवार पुराना, खुली पवाली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 585 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “गज़ल” “गज़ल” जा मेरी रचना तू जा, मेले में जा के आ कभी घेरे रहती क्यूँ कलम को, गुल खिला के आ कभी पूछ लेना हाल उनका, जो मिले किरदार तुझको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 372 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “गज़ल/गीतिका” “गज़ल/गीतिका” रोज मनाते बैठ दिवाली बचपन लाड़ दुलार सखी नन्हें हाथों रंग की प्याली दीया जले कतार सखी नीले पीले लाल बसंती हर फूल खिले अपनी डाली संग खेलना संग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 759 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read "गीतिका" "गीतिका" जगमग अवली दीप हमारे सुंदर साख प्रदीप हमारे अनुपम पुंज प्रकाश पर्व यह रोशन चित नवदीप हमारे।। चाँद छुपा है रात दिवाली आभा अति प्रियदीप हमारे।। शोर शराबा किलक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 377 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “गीतिका” “गीतिका” आइए जी आज से हम दिल लगाना सीख लें जाइए मत छोड़कर हँस मुस्कुराना सीख लें खो गए वो पल पुराने जो हमारे पास थे पेड़ पीपल और बरगद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 423 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read "गजल" "गजल" मौन जब इस शोर को दमखम दिखा के जाएगा देख लेना उस समय फिर काफिला रह जाएगा आप के रहमो करम पर रुक नही सकता दीवाना बोलने का शौक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 413 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read गजल गजल देख तेरे ही शहर में फिर जिगर रह जाएगा आज तो ये जा रहा है पर कहर रह जाएगा फिर न कहना हो गई बरबाद तेरी जिन्दगी लौटना किसका... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 390 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read "गीतिका" "गीतिका" चलो दशहरा पर्व मनाए. प्रति वर्ष यह आता है दे जाता है नई उमंगे, रावण को मरवाता है हम भी मेले में खो जाएँ, तकते हुए दशानन को आग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 388 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read "गीतिका" "गीतिका" आया शुभ त्योहार, दशहरा खास रहे कटकुटिया की रात, गोबर्धन वास रहे जगमग है दिवाली, अवली दियों की हैं भैया दूज सुहाय, बहन मन आस रहे।। रावण का संहार,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 382 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read "गीतिका" "गीतिका" आया शुभ त्योहार दशहरा खास रहे कटकुटिया की रात गोबर्धन वास रहे जगमग है दिवाली अवली दियों की हैं भैया दूज सुहाय बहन मन आस रहे।। रावण का संहार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 474 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read “गज़ल” “गज़ल” गर दरख़्त न होते तो कदम चल निकल जाते यह मंजिल न होती तो सनम हम फिसल जाते तुम ही कभी जमाने को जता देते फ़साने तो - होते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 672 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "गजल" "गजल" चाह गर मन की न होती तो बताते क्यों आह गर निकली न होती तो सुनाते क्यों आप भी तकने लगे अनजान बीमारी बे-वजह की यह जलन तपते तपाते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 317 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "गीतिका" "गीतिका" तकते मेरी राह, कहो कबतक भटकोगे रहते तुम चुपचाप, भला कैसे सुलझोगे हँसती कब दीवार, बिना खिड़की के खोले इतनी सी है बात, न जाने कब समझोगे।। मन में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 276 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "गज़ल" "गज़ल" ए जिंदगी तुझे अब सँवर जाना चाहिए अपने वजूद पर तो गुजर जाना चाहिए तुने इन दिक्कतों को महल बनाया कैसे गर उठी दीवार तो बिखर जाना चाहिए।। कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 475 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "गीतिका" "गीतिका" मृदुता नहिं तापर खार धरो ममता नहिं वा पर प्यार धरो मन मान तरो यह बात बड़ी मरजाद लिए घर द्वार धरो।। समता अपनी तनि देखि चलो क्षमता रख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 432 Share Mahatam Mishra 7 Dec 2017 · 1 min read "गज़ल” "गज़ल” दिखे तो छा गए सपने, दिल लगाने की बात कर झिझक क्यूँ पग रुके तेरे, मुस्कुराने की बात कर बात दिगर हो तो कहना, गैरसमझ न छुपा रखना मित्र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 383 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read "गीतिका" "गीतिका" खुले गगन आकाश, परिंदों सा तुम उड़ना जब तक मिले प्रकाश, हौसला आगे बढ़ना भूल न जाना तात, रात भी होती पथ पर तक लेना औकात, तभी तुम ऊपर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 628 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read "गज़ल" "गज़ल" देखता हूँ मैं कभी जब तुझे इस रूप में सोचता हूँ क्यों नहीं तुम तके उस कूप में क्या जरूरी था जो कर गए रिश्ते कतल रखके अपने आप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 586 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read "गज़ल" "गज़ल" तुझे दर्द कहूँ या खुशी आंखों को चुभी बेवशी छुट हाथ ले लो तिरंगा अभी उम्र है, कि बदनशी।। भूख आजादी गरीबी आहत आँसू है कि हँसी।। भूख पक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 309 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read “गीतिका” “गीतिका” उठा कर गिन रहे टुकड़े जिसे तुमने गिराया है तुम्ही जिसमें ललक तकते रहे किसने डराया है छिटककर अब पड़ें है जो नुकीले हो गए कतरे किसी दिन उठ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 456 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read "गीतिका" चौपाई छंद मापनी पर "गीतिका" बोलो सब जय हिंद शान से, शुभ गले लगाओ गैया रे वंदे मातरम जिह्वा बोले, मन हाथ मिलाओ भैया रे भारत माँ के घर आँगन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 404 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read “गीतिका” “गीतिका” उठाकर चल दिये सपने, बड़े अरमान आँखों में ठिठककर पग बढ़े आगे, डगर अंजान आँखों में दिखी मूरत तुम्हारी तो, न मन विश्वास रख पाया मिरे तो बोझिल हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 439 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read “गीतिका” “गीतिका” उड़ता ही रहा ऊपर सदा अरमान देखे हैं बहता रहा पानी झुका आसमान देखे हैं मिले पाँव कीचड़ तो बचा करके निकल जाते उड़ छींटे भी रुक जाते मजहब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 362 Share Mahatam Mishra 30 Sep 2016 · 1 min read गीतिका/ग़ज़ल वज्न- 2122, 2122 2122, 212 “गजल/गीतिका” आदमी चलता कहाँ उठता कदम बिन बात के हो रहा गुमराह देखो, हर घड़ी बिन साथ के काँपती हैं उँगलियाँ उठ दर्द सहलाती रहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 617 Share Mahatam Mishra 25 Sep 2016 · 1 min read गीतिका/ग़ज़ल एक गीतिका...... काफिया- अर, रदीफ़- जाते , वज्न- 1222 1222 1222 1222 गीतिका बहुत अब हो गई बातें, बहुत अरमान हर रातें विवसता ले कदम चलते, खुशी बरबाद कर जाते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 586 Share Mahatam Mishra 16 Sep 2016 · 1 min read गज़ल बहर--1222 1222 1222 1222, क़ाफ़िया – आ, रदीफ़--हुआ होगा [गज़ल] कहीं बातें, हुई होंगी, कहीं वादा, हुआ होगा निगाहों ही निगाहों में,कोई अपना हुआ होगा मुहब्बत यूं नहीं चलती, बिना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 627 Share Page 1 Next