महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali Tag: ग़ज़ल 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Aug 2023 · 1 min read महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि मेरे पिता जी Mahavir uttranchali अब इस दुनिया को छोड़ कर राम जी के पास चले गए है। २४ अगस्त सुबह ७:५० पर अप सबके प्रिय कवि लेखक अब इस... Hindi · कविता · कहानी · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 8 10 233 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 11 Nov 2021 · 29 min read तूणीर (श्रेष्ठ काव्य रचनाएँ) (1.) ज़बानें हमारी हैं ज़बानें हमारी हैं, सदियों पुरानी ये हिंदी, ये उर्दू, ये हिन्दोस्तानी ज़बानें हमारी हैं…. कभी रंग खुसरो, कभी मीर आए कभी शे’र देखो, असद गुनगुनाए चिराग़ाँ... Hindi · ग़ज़ल 1 1 892 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 11 Aug 2021 · 16 min read इक्यावन दिलकश ग़ज़लें (1) होश में कैसे रहूँ जब रू-ब-रू तू आई’ना देखूँ तो हैराँ हू-ब-हू तू रूह मेरी और तेरी एक है यूँ मुझसे मेरी होने वाली गुफ़्तुगू तू इस कदर छाया... Hindi · ग़ज़ल 3 2 666 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 25 Jan 2021 · 15 min read इक्यावन इन्द्रधनुषी ग़ज़लें 'इक्यावन इन्द्रधनुषी ग़ज़लें' (तीसरा ग़ज़ल संग्रह) मेरी किताबों की निःशुल्क पीडीएफ मँगवाने हेतु व्हाट्सएप्प या ईमेल करें। ईमेल: m.uttranchali@gmail.com / व्हाट्स एप्प न.: 8178871097 (1) बुना है ख़्वाब स्वेटर-सा, पहन... Hindi · ग़ज़ल 1 510 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 19 Jul 2020 · 15 min read इक्यावन उत्कृष्ट ग़ज़लें मेरी किताबों की निःशुल्क पीडीएफ मँगवाने हेतु व्हाट्सएप्प या ईमेल करें। ईमेल: m.uttranchali@gmail.com / व्हाट्स एप्प न.: 8178871097 (1) जो व्यवस्था भ्रष्ट हो, फ़ौरन बदलनी चाहिए लोकशाही की नई, सूरत... Hindi · ग़ज़ल 3 2 363 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 19 Jul 2020 · 13 min read इक्यावन रोमांटिक ग़ज़लें मेरी किताबों की निःशुल्क पीडीएफ मँगवाने हेतु व्हाट्सएप्प या ईमेल करें। ईमेल: m.uttranchali@gmail.com / व्हाट्स एप्प न.: 8178871097 (1) चाँदनी खिलने लगी, मुस्कुराना आपका देखकर खुश हैं सभी, दिल लुभाना... Hindi · ग़ज़ल 3 4 458 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 30 Jun 2020 · 7 min read रामभक्त शिव (108 दोहा छन्द) [पिताश्री रामभक्त शिव (जीवनी) भी पढ़ें, साहित्यपीडिया पर उपलब्ध है।] // शुभ आरम्भ रामभक्त शिव दोहा छन्द // रामभक्त शिव जी बड़े, जपते आठों याम जन्मे वह शिवरात्रि को, पाया... Hindi · ग़ज़ल 3 4 1k Share