महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali Tag: कहानी 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Aug 2023 · 1 min read महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि मेरे पिता जी Mahavir uttranchali अब इस दुनिया को छोड़ कर राम जी के पास चले गए है। २४ अगस्त सुबह ७:५० पर अप सबके प्रिय कवि लेखक अब इस... Hindi · कविता · कहानी · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 8 10 325 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 17 Mar 2023 · 29 min read अर्थपुराण “कहाँ घुसा जा रहा है कंजर? आँखें फूट गई हैं क्या?” पोछा लगाते हुए झबरी के हाथ रुक गए। “कमबख़्त शक्ल अच्छी नहीं दी भगवान ने, कम-से-कम बातें तो अच्छी... Hindi · कहानी 1 371 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Nov 2021 · 1 min read दुःस्वप्न पुस्तक मेले में इस बार भी शामिल भेड़ियों की शक्ल में छोटे-मोटे प्रकाशकों की लम्बी-चौड़ी भीड़। खैर मानती बकरे की अम्मा! नए-पुराने नौसिखिये हर वर्ग के लेखकों की भीड़। जिनमें... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 609 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Nov 2021 · 1 min read दिल और दिमाग़ पुस्तक मेले में उसका लेखक मन किया कि वह अपनी पसन्द की कुछ किताबें ख़रीदे। हर बार वह कोई किताब उठता और रख देता। उसने अनेक किताबें उलटी-पुलटी और मूल्य... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 506 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 28 Oct 2021 · 3 min read ठहाका (कन्या जन्म पर मातम क्यों?) अम्बे तू है जगदम्बे काली.... जय दुर्गे खप्पर वाली.... तेरे ही गुण गाए भारती.... ओ मइया हम सब उतारें तेरी आरती.... नरेन्द्र चंचल की आवाज़ में माता का बेहद कर्णप्रिय... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 502 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Oct 2021 · 8 min read ग़रीब की दिवाली! "आँखें फूट गई हैं क्या?" पोछा लगाते झबरी के हाथ रुक गए। "शक्ल अच्छी नहीं, बातें तो अच्छी किया कर।" मणीराम झल्लाया। "तू सिखाएगा तमीज़....!" "तेरे मायके वालों को तो... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 9 8 949 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Jul 2021 · 13 min read एक श्वान की व्यथा हास्य व्यंग्य से भरपूर बहुचर्चित कथा एक श्वान की व्यथा कथाकार : महावीर उत्तरांचली मोती यानी "मैं" और जैकी नरकीय 'पिताजी'! (क्योंकि हमारे कर्म ऐसे हैं कि स्वर्ग मिलने से... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 20 742 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Jul 2021 · 7 min read तिलचट्टे वातावरण में सुबह की ठण्डक और नमी अभी कुछ शेष थी, इसलिए धूप की तपन काबिल-ए-बर्दाश्त थी। लेबर चौक पर फंसी गाड़ियों की हॉर्न की आवाज़े। फैक्ट्रियों की तरफ़ बढ़ते... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 10 885 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Jul 2021 · 3 min read सोया हुआ आई० ए० एस० के एग्जाम की तैयारियों में इन दिनों रामस्वरूप सिंह की नींद उड़ी हुई थी। परीक्षा की तैयारी में उसने दिन-रात एक कर दिए थे। रामस्वरूप के जीजा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 9 14 581 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Jul 2021 · 5 min read आन्दोलन "भारत माता की।" वातावरण में गूंजता एक स्वर। "जय।" प्रतिक्रिया स्वरुप कई स्वर एक सुर में गूंजे। "एक, दो, तीन, चार।" वह स्वर इस बार तीव्र आक्रोश के साथ। "बंद... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 8 706 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Jul 2021 · 13 min read माँ — फ़ातिमा एक अनाथ बच्ची ''सूरा—40 अल-मोमिन," पवित्र कुरआन को माथे से लगाते हुए उस्ताद अख़लाक़ ने कहा, 'शुरू नामे-अल्लाह से। जो बड़ा ही मेहरबान और निहायत ही रहम करने वाला है। यह पवित्र कुरआन... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 10 36 1k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 2 Jun 2021 · 10 min read स्वामी जी "हाँ, तो भक्तों, जब दुःशासन ने देवी द्रौपदी का चीर हरण करने के लिए, भरी सभा में उसकी साड़ी खींचना आरम्भ किया... तो" स्वामी जी इतना ही बोले थे कि... Hindi · कहानी 1 2 251 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 28 May 2021 · 4 min read घरखर्च "आज पिताश्री फ़ोन पर पैसों की माँग कर रहे थे।" बैग मेज़ के ऊपर रखते हुए मैंने बड़े ही भारी स्वर में कहा और कुर्सी पर पसर गया। फिर अपनी... Hindi · कहानी 3 2 447 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 28 May 2021 · 6 min read मुलाक़ात "याद रख सिकंदर के, हौसले तो आली थे, जब गया वो दुनिया से, दोनों हाथ ख़ाली थे।" शमशान के द्वार पर एक पागल फ़क़ीर ऊँचे सुर में चिल्ला रहा था।... Hindi · कहानी 3 4 921 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Apr 2021 · 19 min read अंत भला तो सब भला "देख बहना, हमारा भाई-बहन का रिश्ता अपनी जगह है, लेकिन मैं कमीशन के पैसे नहीं छोड़ने वाला। तू पहले मेरा कमीशन का दस हज़ार रुपया दे।" बीच गली में अपना... Hindi · कहानी 2 1 745 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 29 Mar 2021 · 3 min read संवेदना "एक ज़बरदस्त टक्कर लगी और सब कुछ ख़त्म …" अपने मोबाइल से हवलदार सीताराम ने इंस्पेक्टर पुरुषोत्तम को ठीक वैसे ही और उसी अंदाज़ में कहा, जैसाकि उसने एक प्रत्यक्षदर्शी... Hindi · कहानी 1 462 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 29 Mar 2021 · 4 min read परोपकार पुराण "दद्दू आपके पास तो कहानियों का जख़ीरा, भण्डार है। कुछ सुनाइये न।" लाइट जाने के बाद बोर होते हुए उनके पोते मोनू ने कहा, "पहले पता होता बत्ती गुल हो... Hindi · कहानी 1 303 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Mar 2021 · 6 min read नई परिभाषा "अस्सलाम वालेकुम, भाईजान!" उसने बड़े अदब से कहा। "वालेकुम अस्सलाम!" आलम ने मुस्कुराते हुए अपरिचित का अभिवादन स्वीकार करते हुए कहा। "भाईजान मेरा नाम रहमान है। मैंने सुना है कि... Hindi · कहानी 1 3 676 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 26 Mar 2021 · 19 min read जीतनराम: एक दुःखद स्मृति "पहचाना साहब!" सामान उठाते हुए नौजवान कुली ने कहा। वह अचानक सुबह की ताज़ी हवा के तेज झोंके की तरह सामने आ खड़ा हुआ था। लम्बी-घनी दाढ़ी-मूँछ और चेहरे को... Hindi · कहानी 1 1 620 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 13 Mar 2020 · 6 min read अनोखा उपाय मुख्य सड़क पर भारी वाहनों का आवागमन और उन से उत्पन्न शोर ज़ारी था। जिसका अन्दर की गली में असर न के बराबर था, जहाँ सड़क पर तमाशाइयों का हुजूम... Hindi · कहानी 366 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 18 Feb 2020 · 6 min read संघर्ष "शुक्र है तुम्हें होश आ गया!" ज्वर से बेसुध पड़े युवा कृष्णा को थोड़ा होश में आता देख, बूढ़े मनोहर काका ने जैसे रब का शुक्रिया करते हुए कहा। "आज... Hindi · कहानी 1 2 641 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 18 Feb 2020 · 6 min read विधायक रामभरोसे “देश को आज़ाद हुए आज 75 बरस हो चुके हैं लेकिन जनता की दशा और दिशा नहीं बदली। नेता आमिर होते चले गए और जनता ग़रीब और ग़रीब होती चली... Hindi · कहानी 1 2 370 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 5 min read गुलाब "... वहीं गन्दे में उगा देता हुआ बुत्ता पहाड़ी से उठे-सर ऐंठकर बोला कुकुरमुत्ता— “अबे, सुन बे, गुलाब, भूल मत जो पायी खुशबु, रंग-ओ-आब, खून चूसा खाद का तूने अशिष्ट,... Hindi · कहानी 2 1 446 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Mar 2017 · 15 min read टुकड़ा टुकड़ा यादें (प्रतिनिधि कहानी) वह अब भरी दुनिया में अकेली थी। ऐसा नहीं कि उसका कोई सगे वाला जीवित न था। उसके दो बेटे थे और एक बेटी। बड़ा बेटा बहू द्वारा कानाफूसी करने पर... Hindi · कहानी 757 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 8 Feb 2017 · 7 min read मुश्किल वक़्त (प्रतिनिधि कहानी) चिलचिलाती धूप ने नौ बजे के समय को ऐसा बना दिया है कि मानो जेठ की दोपहरी का वक़्त हो। ऊपर से वातावरण में उमस। हवा का कहीं नामोनिशान नहीं।... Hindi · कहानी 337 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 34 min read मास्टर जी: एक अनकही प्रेमकथा (प्रतिनिधि कहानी) मास्टर जी: एक अनकही प्रेमकथा (प्रतिनिधि कहानी) कथाकार : महावीर उत्तरांचली "मोहन जी," ठीक मेरे पीछे से पुकारे गए किसी स्त्री स्वर ने मेरी तंद्रा भंग की। मैं पनवाड़ी की... Hindi · कहानी 1 1 1k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 16 min read नस्लें (प्रतिनिधि कहानी) "अरे भाई ये किसकी लाश है? हमारे बरामदे में क्यों रख रहे हो? हामिदा रोको इन्हें!" बुड्ढ़े गुलमुहम्मद ने अनजान बनते हुए कहा। हालाँकि कल रात को तार (Telegram) मिलने... Hindi · कहानी 1 567 Share